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मध्य प्रदेश के 55 पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस की बदलेगी रंगत, 2 हजार से ज्यादा पदों पर होंगी नियुक्तियां - MP PM Excellence Colleges

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 12, 2024, 10:44 PM IST

मध्य प्रदेश के 55 कॉलेजों को पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया गया है और अब इन्हें मॉडिफाई किया जा रहा है. इसके तहत इन कॉलेजों की पूरी रूपरेखा बदली जा रही है. इसके लिए 2 हजार से ज्यादा नए पदों पर नियुक्तियां की जाएंगी वहीं कॉलेजों के कायाकल्प के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाएंगे.

MP PM EXCELLENCE COLLEGES
मध्य प्रदेश के 55 पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस का होगा कायाकल्प (ETV Bharat)

भोपाल। मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में 55 कालेजों को पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के रुप में उन्नत किया जा रहा है. इसकी शुरुआत 14 जुलाई से होगी. उच्च शिक्षा विभाग ने पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के संचालन को लेकर तैयारियां पूरी कर ली हैं. इन कॉलेजों के लिए अलग से प्रोफेसर, लैब टैक्नीशियन, लाइब्रेरियन और क्लर्क समेत 2032 नए पदों का सृजन किया जाएगा. इनके वेतन-भत्तों पर सरकार हर साल करीब 150 करोड़ रुपये खर्च करेगी.

366 करोड़ रुपये से मूलभूत सुविधाओं में होगा सुधार

पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अवधारणा के तहत पढ़ाई होगी. इनमें कालेजों में छात्र-छात्राओं को कुछ विशेष सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी साथ ही नए नियम बनाए जाएंगे. सभी 55 पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में अधोसंरचना विकास, भवन और छात्रावास विस्तार, लैंग्वेज व स्किल डेवलपमेंट लैब और उपकरणों समेत अन्य सुविधाओं में 366 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. प्रत्येक संभाग के एक पीएम एक्सीलेंस कॉलेज को आदर्श संस्थान बनाया जाएगा. जो अन्य कालेजों के लिए मॉडल का काम करेंगे.

ईको फ्रेंडली होगा परिसर, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का भी रखेंगे ध्यान

जिलों में संचालित पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित होंगे. भारतीय ज्ञान परंपरा, अनुसंधान और दक्षता आधारित रोजगारपरक शिक्षा देने पर जोर दिया जाएगा. इन्हें संभाग स्तर पर मॉडल बनाने के लिए कॉलेजों के अधोसंरचना विकास और एकेडमिक गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा. विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार निर्धारित मापदंडों का पालन होगा. परिसर को पर्यावरण फ्रेंडली बनाने के साथ रेन वॉटर हार्वेस्टिंग पर भी बल दिया जाएगा.

चयनित प्रोफेसर्स के प्रशिक्षण के लिए नई नीति

प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में परफॉर्मेंस के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति होगी. पूर्व में काम कर शिक्षकों का टेस्ट लिया जाएगा. जो कॉलेज के हिसाब से फिट नहीं होंगे, उनका दूसरे कालेजों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. वहीं जो नए शिक्षक आएंगे उनका पहले इंटरव्यू लिया जाएगा. शिक्षकों को सरकार विशेष प्रशिक्षण भी दिलवाएगी. पीएम एक्सीलेंस कॉलेजों में संस्कृत, बायोटेक और कंप्यूटर साइंस विषय खोले जाएंगे. 7 कॉलेजों में ग्रेजुएशन स्तर पर नए संकाय खोले जाएंगे. इसी क्रम में राजधानी भोपाल के हमीदिया कला एवं वाणिज्य कॉलेज में साइंस संकाय शुरू किया जा रहा है. इसी तरह पोस्ट ग्रेजुएशन में 27 नए विषय शुरू किए जा रहे हैं. चयनित प्रोफेसर्स के प्रशिक्षण के लिए नई नीति बनाई जा रही है जिसके अनुरूप ऑनलाइन और ऑफलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी.

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30 रुपये में महीने भर कॉलेज जाएंगे स्टूडेंट्स

एमपी में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस 14 जुलाई से खुलेंगे और इसी दिन से यहां बस सर्विस की शुरुआत भी हो जाएगी.
उच्चशिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी कॉलेज प्राचार्यों के साथ ही कलेक्टर्स को भी आदेश जारी कर दिए हैं. बस सेवा कलेक्टर शुरू कराएंगे और बस के रूट तथा राउंड भी वे ही तय करेंगे. पीएम कॉलेज की जनभागीदारी समिति के तहत बस सेवा उपलब्ध कराई जाएगी. बताया जा रहा है कि अधिकांश बड़े कॉलेज में 2 बसें चलाई जाएंगी. बस सेवा के लिए जनभागीदारी समिति स्टूडेंट्स से हर माह 30 रुपये शुल्क लेगी. सबसे खास बात यह है कि बस का शुल्क हर स्टूडेंट से लिया जाएगा भले ही वे इस सुविधा का उपयोग करें या न करें. कॉलेज में अध्ययनरत सभी स्टूडेंट से यह राशि ली जाएगी.

भोपाल। मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में 55 कालेजों को पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के रुप में उन्नत किया जा रहा है. इसकी शुरुआत 14 जुलाई से होगी. उच्च शिक्षा विभाग ने पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस के संचालन को लेकर तैयारियां पूरी कर ली हैं. इन कॉलेजों के लिए अलग से प्रोफेसर, लैब टैक्नीशियन, लाइब्रेरियन और क्लर्क समेत 2032 नए पदों का सृजन किया जाएगा. इनके वेतन-भत्तों पर सरकार हर साल करीब 150 करोड़ रुपये खर्च करेगी.

366 करोड़ रुपये से मूलभूत सुविधाओं में होगा सुधार

पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति की अवधारणा के तहत पढ़ाई होगी. इनमें कालेजों में छात्र-छात्राओं को कुछ विशेष सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी साथ ही नए नियम बनाए जाएंगे. सभी 55 पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में अधोसंरचना विकास, भवन और छात्रावास विस्तार, लैंग्वेज व स्किल डेवलपमेंट लैब और उपकरणों समेत अन्य सुविधाओं में 366 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. प्रत्येक संभाग के एक पीएम एक्सीलेंस कॉलेज को आदर्श संस्थान बनाया जाएगा. जो अन्य कालेजों के लिए मॉडल का काम करेंगे.

ईको फ्रेंडली होगा परिसर, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग का भी रखेंगे ध्यान

जिलों में संचालित पीएम कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आधारित होंगे. भारतीय ज्ञान परंपरा, अनुसंधान और दक्षता आधारित रोजगारपरक शिक्षा देने पर जोर दिया जाएगा. इन्हें संभाग स्तर पर मॉडल बनाने के लिए कॉलेजों के अधोसंरचना विकास और एकेडमिक गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा. विद्यार्थियों की संख्या के अनुसार निर्धारित मापदंडों का पालन होगा. परिसर को पर्यावरण फ्रेंडली बनाने के साथ रेन वॉटर हार्वेस्टिंग पर भी बल दिया जाएगा.

चयनित प्रोफेसर्स के प्रशिक्षण के लिए नई नीति

प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस में परफॉर्मेंस के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति होगी. पूर्व में काम कर शिक्षकों का टेस्ट लिया जाएगा. जो कॉलेज के हिसाब से फिट नहीं होंगे, उनका दूसरे कालेजों में ट्रांसफर कर दिया जाएगा. वहीं जो नए शिक्षक आएंगे उनका पहले इंटरव्यू लिया जाएगा. शिक्षकों को सरकार विशेष प्रशिक्षण भी दिलवाएगी. पीएम एक्सीलेंस कॉलेजों में संस्कृत, बायोटेक और कंप्यूटर साइंस विषय खोले जाएंगे. 7 कॉलेजों में ग्रेजुएशन स्तर पर नए संकाय खोले जाएंगे. इसी क्रम में राजधानी भोपाल के हमीदिया कला एवं वाणिज्य कॉलेज में साइंस संकाय शुरू किया जा रहा है. इसी तरह पोस्ट ग्रेजुएशन में 27 नए विषय शुरू किए जा रहे हैं. चयनित प्रोफेसर्स के प्रशिक्षण के लिए नई नीति बनाई जा रही है जिसके अनुरूप ऑनलाइन और ऑफलाइन ट्रेनिंग दी जाएगी.

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30 रुपये में महीने भर कॉलेज जाएंगे स्टूडेंट्स

एमपी में प्रधानमंत्री कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस 14 जुलाई से खुलेंगे और इसी दिन से यहां बस सर्विस की शुरुआत भी हो जाएगी.
उच्चशिक्षा विभाग ने इस संबंध में सभी कॉलेज प्राचार्यों के साथ ही कलेक्टर्स को भी आदेश जारी कर दिए हैं. बस सेवा कलेक्टर शुरू कराएंगे और बस के रूट तथा राउंड भी वे ही तय करेंगे. पीएम कॉलेज की जनभागीदारी समिति के तहत बस सेवा उपलब्ध कराई जाएगी. बताया जा रहा है कि अधिकांश बड़े कॉलेज में 2 बसें चलाई जाएंगी. बस सेवा के लिए जनभागीदारी समिति स्टूडेंट्स से हर माह 30 रुपये शुल्क लेगी. सबसे खास बात यह है कि बस का शुल्क हर स्टूडेंट से लिया जाएगा भले ही वे इस सुविधा का उपयोग करें या न करें. कॉलेज में अध्ययनरत सभी स्टूडेंट से यह राशि ली जाएगी.

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