भोपाल। एग्जिट पोल 2024 के आम चुनाव में बीजेपी को बंपर जीत का अनुमान जता रहे हैं और इस बड़ी जीत की वजह होंगे एमपी जैसे वह राज्य जहां बीजेपी पिछले तीन लोकसभा चुनाव से लगातार मजबूत हो रही है. एमपी की 29 लोकसभा सीटों पर 2014 से लेकर 2019 तक पार्टी की परफॉर्मेंस बेहतर हुई है. 2019 में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला 28-1 का रहा था. एग्जिट पोल कह रहे हैं कि 2024 में पार्टी क्लीन स्वीप करने जा रही है.
एमपी में बीजेपी करेगी क्लीन स्वीप?
हिंदी भाषी राज्यों में एमपी वो राज्य है जहां बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में लगातार अपना प्रदर्शन बेहतर किया है. 2014 के लोकसभा चुनाव से ही आंकलन करें तो इस चुनाव में कांग्रेस के खाते में केवल छिंदवाड़ा और गुना दो सीटें गई थी. 2019 में केवल छिंदवाड़ा की सीट कांग्रेस को मिल पाई और अब एग्जिट पोल ये अनुमान जता रहे हैं कि एमपी की पूरी 29 सीटों पर बीजेपी को निर्णायक जीत मिल सकती है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा कहते हैं कि ''मोदी जी के नेतृत्व और संगठन की मेहनत की वजह से नतीजे ऐसे ही आएंगे. इस बार एमपी के चुनाव इतने एतिहासिक होंगे कि वो शोध का विषय बन जाएंगे. हम 29 सीटें जीतने जा रहे हैं और ये भी तय है कि पार्टी का वोट शेयर भी बढ़कर 51 से सीधे 61 फीसदी हो जाएगा.''
ओवर कॉन्फिडेंस में नहीं आई बीजेपी
क्या ये विनिंग टीम होते हुए भी मजबूती से मैच खेलने का नतीजा है. असल में 6 महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में 230 में से 163 सीटों पर चुनाव जीतने के बावजूद पार्टी किसी ओवर कॉन्फिडेंस में नहीं आई. 2023 का चुनाव भी मोदी मैजिक का ही नतीजा था और 2024 में भी पार्टी की एक ही गारटी रही मोदी. 6 महीने पहले मिली सम्मानजनक जीत के बावजूद पार्टी ने लोकसभा चुनाव के लिए बूथ स्तर से तैयारी शुरु कर दी थी. सबसे बड़ा टास्क था वोट शेयर बढ़ाने का.
आरएसएस का गढ़ है मध्यप्रदेश
वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश भटनागर कहते हैं कि ''बीजेपी की यही खूबी है कि वोकिसी भरम में नहीं आती. विधानसभा चुनाव जीत लेने का मतलब ये कतई नहीं है कि पार्टी किसी अति आत्मविश्वास की स्थिति में आए. बीजेपी का संगठन देश के आदर्श संगठनों में गिना जाता है. यहां तक कि यहां हुए पार्टी के प्रयोग देश में कई जगह मिसाल की तरह प्रस्तुत किए गए. बीजेपी के सोने पर सुहागा ये मध्यप्रदेश आरएसएस का गढ़ भी है. दूसरी जरूरी बात ये कि संघ का मजबूत गढ़ और बीजेपी का आदर्श संगठन होने के बावजूद रिचार्ज होने का कोई अवसर नहीं छोड़ती. दो दशक से एमपी की सत्ता में पार्टी है, लेकिन चुनाव इसी अंदाज में लड़ती है कि जैसे विपक्ष में हो.''
ये भी पढ़ें: अमित शाह की नजर में हैं मध्य प्रदेश की ये खास सीटें, नतीजों की धमक बढ़ा देगी नेताओं की धड़कनें |
कहां बीजेपी और कहां कांग्रेस को बढ़त
इंदौर और खजुराहो के नतीजों में केवल औपचरिक घोषणा होना बांकि है, लेकिन इन दो सीटों के बजाए अगर 27 सीटों का आंकलन किया जाए तो छिंदवाडा की सीट जीतने बीजेपी ने पूरी ताकत झोंक दी है. छिंदवाड़ा लोकसभा सीट में सबसे ज्यादा तादात में कांग्रेसी बीजेपी में शामिल हुए. लिहाजा बीजेपी छिंदवाड़ा की जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा चुकी है. जिन सीटों पर कांग्रेस को बढ़त मिल सकती है उनमें पार्टी का गढ़ कहे जाने वाले छिंदवाड़ा के बाद ग्वालियर और सीधी की सीट हो सकती हैं, क्योंकि यहां मतदान प्रतिशत भी कम रहा है.