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लोकसभा प्रत्याशियों के समारोह और भोज में शामिल होने पर रोक, निर्वाचन आयोग ने जारी किए ये कड़े निर्देश - Lok Sabha candidates ban functions

लोकसभा प्रत्याशियों के लिए निर्वाचन आयोग ने कड़े निर्देश जारी किए हैं. यदि कोई लोकसभा प्रत्याशी किसी भोज या लंगर में शामिल होता है या किसी समारोह में अतिथि बनता है तो उस आयोजन का पूरा खर्च प्रत्याशी के चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा.

LOK SABHA CANDIDATES BAN FUNCTIONS
लोकसभा प्रत्याशियों के समारोह और भोज में शामिल होने पर रोक, निर्वाचन आयोग ने जारी किए ये कड़े निर्देश
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Apr 7, 2024, 10:38 PM IST

Updated : Apr 7, 2024, 11:02 PM IST

भोपाल। भारत निर्वाचन आयोग की ऐसे लोकसभा प्रत्याशियों पर कड़ी नजर है जो किसी समारोह में बतौर अतिथि शामिल हो रहे हैं या फिर किसी भोज या लंगर में जा रहे हैं. यदि कोई भी लोकसभा प्रत्याशी ऐसा करते पाया गया तो उसे उस समारोह या कार्यक्रम का पूरा खर्चा उठाना पड़ेगा और वह राशि उसके निर्वाचन व्यय में जोड़ी जाएगी. इसे लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने कड़े निर्देश जारी किए हैं. आयोग ने निर्वाचन अधिकारियों और निगरानी दलों को इस प्रकार के आयोजनों पर पैनी निगाह रखने के आदेश दिए हैं.

लोकसभा प्रत्याशियों नहीं हो सकेंगे शामिल

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक यदि चुनाव लड़ने वाला अभ्यर्थी मतदाताओं से मिलने के लिए किसी सामुदायिक भोज या लंगर में शामिल होता है तो ऐसे सामाजिक समारोह पर किया गया व्यय अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय के रूप में माना जायेगा और इसे उसके निर्वाचन व्यय लेखा में जोड़ा जायेगा. ऐसे ही यदि लोकसभा प्रत्याशी किसी कार्यक्रम में बतौर अतिथि शामिल होता है तो उस आयोजन का व्यय भी उसके निर्वाचन व्यय खाते में जोड़ा जाएगा.

निर्वाचन आयोग ने जारी किए निर्देश

निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं कि "मतदाताओं से मिलने के लिए आयोजित किये गये ऐसे सामुदायिक भोज के कार्यक्रम भले ही किसी नाम से बुलाये गये हों अथवा खुद अभ्यर्थी या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा ही क्यों न आयोजित किये गये हों. यदि अभ्यर्थी उसमें भाग लेता है तो इस पर होने वाले खर्च को अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में शामिल किया जायेगा".

धार्मिक समुदायों पर निर्देश नहीं होगा लागू

निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह निर्देश "धार्मिक समुदायों द्वारा अपने संस्थानों के अंदर पारंपारिक तौर पर आयोजित लंगर, भोज या कोई समारोह जैसे शादी, मृत्यु आदि के सामान्य भोज पर लागू नहीं होगा". जबकि यह अभ्यर्थी को छोड़कर किसी व्यक्ति द्वारा आयोजित किया गया हो. ऐसे सामुदायिक भोज, लंगर, दावत आदि पर किये गये व्यय को अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में शामिल नहीं किया जायेगा बशर्ते कि अभ्यर्थी उसमें सामान्य आंगतुक के रूप में भाग लेता हो.

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निर्वाचन अधिकारियों को नजर रखने के आदेश

आयोग ने निगरानी दलों एवं निर्वाचन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिये हैं कि ऐसे सामुदायिक भोज आदि में प्रत्याशी ने कोई वित्तीय योगदान नहीं दिया हो और किसी भी तरीके से ऐसे सामुदायिक भोज में किसी तरह का राजनैतिक अभियान न चलाया गया हो.

भोपाल। भारत निर्वाचन आयोग की ऐसे लोकसभा प्रत्याशियों पर कड़ी नजर है जो किसी समारोह में बतौर अतिथि शामिल हो रहे हैं या फिर किसी भोज या लंगर में जा रहे हैं. यदि कोई भी लोकसभा प्रत्याशी ऐसा करते पाया गया तो उसे उस समारोह या कार्यक्रम का पूरा खर्चा उठाना पड़ेगा और वह राशि उसके निर्वाचन व्यय में जोड़ी जाएगी. इसे लेकर भारत निर्वाचन आयोग ने कड़े निर्देश जारी किए हैं. आयोग ने निर्वाचन अधिकारियों और निगरानी दलों को इस प्रकार के आयोजनों पर पैनी निगाह रखने के आदेश दिए हैं.

लोकसभा प्रत्याशियों नहीं हो सकेंगे शामिल

भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक यदि चुनाव लड़ने वाला अभ्यर्थी मतदाताओं से मिलने के लिए किसी सामुदायिक भोज या लंगर में शामिल होता है तो ऐसे सामाजिक समारोह पर किया गया व्यय अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय के रूप में माना जायेगा और इसे उसके निर्वाचन व्यय लेखा में जोड़ा जायेगा. ऐसे ही यदि लोकसभा प्रत्याशी किसी कार्यक्रम में बतौर अतिथि शामिल होता है तो उस आयोजन का व्यय भी उसके निर्वाचन व्यय खाते में जोड़ा जाएगा.

निर्वाचन आयोग ने जारी किए निर्देश

निर्वाचन आयोग द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं कि "मतदाताओं से मिलने के लिए आयोजित किये गये ऐसे सामुदायिक भोज के कार्यक्रम भले ही किसी नाम से बुलाये गये हों अथवा खुद अभ्यर्थी या किसी अन्य व्यक्ति द्वारा ही क्यों न आयोजित किये गये हों. यदि अभ्यर्थी उसमें भाग लेता है तो इस पर होने वाले खर्च को अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में शामिल किया जायेगा".

धार्मिक समुदायों पर निर्देश नहीं होगा लागू

निर्वाचन आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि यह निर्देश "धार्मिक समुदायों द्वारा अपने संस्थानों के अंदर पारंपारिक तौर पर आयोजित लंगर, भोज या कोई समारोह जैसे शादी, मृत्यु आदि के सामान्य भोज पर लागू नहीं होगा". जबकि यह अभ्यर्थी को छोड़कर किसी व्यक्ति द्वारा आयोजित किया गया हो. ऐसे सामुदायिक भोज, लंगर, दावत आदि पर किये गये व्यय को अभ्यर्थी के निर्वाचन व्यय में शामिल नहीं किया जायेगा बशर्ते कि अभ्यर्थी उसमें सामान्य आंगतुक के रूप में भाग लेता हो.

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निर्वाचन अधिकारियों को नजर रखने के आदेश

आयोग ने निगरानी दलों एवं निर्वाचन अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिये हैं कि ऐसे सामुदायिक भोज आदि में प्रत्याशी ने कोई वित्तीय योगदान नहीं दिया हो और किसी भी तरीके से ऐसे सामुदायिक भोज में किसी तरह का राजनैतिक अभियान न चलाया गया हो.

Last Updated : Apr 7, 2024, 11:02 PM IST
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