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स्टार्टअप से मिला युवाओं को नया मुकाम, करोड़ों की हो रही फंडिंग महीने में कमा रहे लाखों रुपये - BHOPAL Youth Got New Status from Startup

पिछले 5 साल में भोपाल के युवाओं ने स्टार्टअप के जरिए लंबी छलांग लगाई है. कई स्टार्ट अप ऐसे हैं जिन्हें करोड़ों रुपये फंड मिला है और कई लोगों को रोजगार देते हुए लाखों रुपये कमा रहे हैं. आप भी अपना स्टार्टअप शुरू कर सकते हैं.

BHOPAL Youth Got New Status from Startup
युवाओं ने किया स्टार्टअप के जरिए नवाचार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 6, 2024, 7:17 PM IST

Updated : Jun 6, 2024, 7:25 PM IST

भोपाल। परंपरागत नौकरी और व्यवसाय से इतर स्टार्टअप के जरिए नवाचार कर भोपाल के युवा शहर को नई उड़ान दे रहे हैं. बीते 5 वर्षों में भोपाल स्मार्ट सिटी के इंक्यूबेशन सेंटर से ऐसे 132 स्टार्टअप को मदद मिली है. इनमें 40 स्टार्टअप ऐसे हैं जिन्हें केंद्र व राज्य सरकार के साथ निजी फर्म के द्वारा एक से लेकर 12 करोड़ रुपये का फंड भी मिल चुका है. इसके जरिए देश-प्रदेश के साथ विदेशों में हजारों लोगों को घर बैठे रोजगार उपलब्ध हो रहा है.

डिजिटल पहचान दे रहा 'योलमेट एप'

स्मार्ट सिटी भोपाल के इंक्यूबेटर आशीष ठाकुर ने योलमेट नाम का स्टार्टअप शुरु किया है. जो मैकेनिक और ग्राहकों के बीच सेतु का काम कर रहा है. इससे बिना पढ़े लिखे मैकेनिकों को भी डिजिटल पहचान मिल रही है. इसके लिए योलमेट नाम से एक एप बनाया है. इसमें भोपाल शहर के सभी मैकेनिकों के काम और उनकी दुकान की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध है. हालांकि अब तक इसमें 2 हजार से अधिक मैकेनिक, ऑटो मोबाइल्स डीलर, ऑइल कंपनी और वाहन सफाई कंपनियों समेत अन्य प्रकार की सेवाओं को जोड़ा गया है. अब तक इस एप को पांच हजार से अधिक ग्राहक डाउनलोड कर चुके हैं. साथ ही इसकी रेटिंग 4.9 है. इस स्टार्टअप में अंकित के साथ उनके पार्टनर गिररिाज शर्मा हैं.

किश्तों में चुकाएं इलाज व दवाइयों का खर्च

भोपाल के युवा महेंद्र पांचाल ने बीते 3 वर्ष पहले इएमआई नाम से स्टार्टटप शुरु किया है. इसके तहत लोगों को मेडिकल इमरजेंसी के दौरान इलाज के खर्च को किश्तों में चुकाने की आजादी मिल रही है. किसी भी बीमारी के इलाज के लिए इएमआई एक्सचेंज से एक से 10 लाख रुपये के खर्च को किश्तों में चुकाया जा सकता है. वर्तमान में यह पांच राज्यों के सात शहरों में स्थित 350 से अधिक अस्पतालों के साथ काम कर रहा है. अब तक 3 हजार से अधिक लोगों ने इएमआई एक्सचेंज के जरिए अपना इलाज करा चुके हैं. इसमें उपभोक्ताओं को मामूली प्रोसेसिंग फीस चुकानी पड़ती है. महेंद्र पांचाल ने बताया कि उनके स्टार्ट अप को अब तक दो करोड़ रुपये की फंडिंग मिल चुकी है.

स्ट्रॉबेरी की खेती से कर रहे लाखों की कमाई

अद्वितीय शाह ने अमुल्यम आर्गनिक्स नाम से स्टार्टअप की शुरुआत की है. इसमें वो 24 से अधिक महिलाओं को रोजगार दे रहे हैं. महाबलेश्वर में स्ट्रॉबेरी की खेती को देखकर अद्वितीय शाह ने भोपाल के मेंडोरी में इसकी खेती शुरु की है. बीते वर्ष उन्होंने यहां 24 हजार वर्गफीट में 10 हजार स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए थे. इसमें 5 लाख रुपये खर्च आया था. इससे उन्हें करीब 50 लाख रुपये की कमाई हुई है. स्ट्रॉबेरी की खेती के साथ महिलाएं यहां जेम बनाने का काम भी कर रही हैं.

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90 देशों के लोग जुड़े, 10 हजार को मिला रोजगार

वीरा नाम का स्टार्टअप लोगों को आजादी के साथ काम करने की सहूलियत दे रहा है. भिन्न-भिन्न व्यवसाय के लोग कोसों दूर बैठकर अपने विशेषज्ञता से संबंधित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. अप्रैल 2021 से शुरु हुए इस स्टार्टअप में अब तक 90 देशों के 10 हजार से अधिक प्रोफेशनल जुड़ चुके हैं. कंपनी लोगों को स्थाई नौकरी पर नहीं रखती है, बल्कि जितना लोग काम करते हैं, उसका भुगतान किया जाता है. कंपनी अभी 101 सेक्टर में काम कर रही है, इसके अब 300 से अधिक क्लांइट हैं. वीरा के फाउंडर शुभम शर्मा सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक कर चुके हैं. इनके स्टार्टअप को हाल में ही केंद्र सरकार से 12 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है.

भोपाल। परंपरागत नौकरी और व्यवसाय से इतर स्टार्टअप के जरिए नवाचार कर भोपाल के युवा शहर को नई उड़ान दे रहे हैं. बीते 5 वर्षों में भोपाल स्मार्ट सिटी के इंक्यूबेशन सेंटर से ऐसे 132 स्टार्टअप को मदद मिली है. इनमें 40 स्टार्टअप ऐसे हैं जिन्हें केंद्र व राज्य सरकार के साथ निजी फर्म के द्वारा एक से लेकर 12 करोड़ रुपये का फंड भी मिल चुका है. इसके जरिए देश-प्रदेश के साथ विदेशों में हजारों लोगों को घर बैठे रोजगार उपलब्ध हो रहा है.

डिजिटल पहचान दे रहा 'योलमेट एप'

स्मार्ट सिटी भोपाल के इंक्यूबेटर आशीष ठाकुर ने योलमेट नाम का स्टार्टअप शुरु किया है. जो मैकेनिक और ग्राहकों के बीच सेतु का काम कर रहा है. इससे बिना पढ़े लिखे मैकेनिकों को भी डिजिटल पहचान मिल रही है. इसके लिए योलमेट नाम से एक एप बनाया है. इसमें भोपाल शहर के सभी मैकेनिकों के काम और उनकी दुकान की संपूर्ण जानकारी उपलब्ध है. हालांकि अब तक इसमें 2 हजार से अधिक मैकेनिक, ऑटो मोबाइल्स डीलर, ऑइल कंपनी और वाहन सफाई कंपनियों समेत अन्य प्रकार की सेवाओं को जोड़ा गया है. अब तक इस एप को पांच हजार से अधिक ग्राहक डाउनलोड कर चुके हैं. साथ ही इसकी रेटिंग 4.9 है. इस स्टार्टअप में अंकित के साथ उनके पार्टनर गिररिाज शर्मा हैं.

किश्तों में चुकाएं इलाज व दवाइयों का खर्च

भोपाल के युवा महेंद्र पांचाल ने बीते 3 वर्ष पहले इएमआई नाम से स्टार्टटप शुरु किया है. इसके तहत लोगों को मेडिकल इमरजेंसी के दौरान इलाज के खर्च को किश्तों में चुकाने की आजादी मिल रही है. किसी भी बीमारी के इलाज के लिए इएमआई एक्सचेंज से एक से 10 लाख रुपये के खर्च को किश्तों में चुकाया जा सकता है. वर्तमान में यह पांच राज्यों के सात शहरों में स्थित 350 से अधिक अस्पतालों के साथ काम कर रहा है. अब तक 3 हजार से अधिक लोगों ने इएमआई एक्सचेंज के जरिए अपना इलाज करा चुके हैं. इसमें उपभोक्ताओं को मामूली प्रोसेसिंग फीस चुकानी पड़ती है. महेंद्र पांचाल ने बताया कि उनके स्टार्ट अप को अब तक दो करोड़ रुपये की फंडिंग मिल चुकी है.

स्ट्रॉबेरी की खेती से कर रहे लाखों की कमाई

अद्वितीय शाह ने अमुल्यम आर्गनिक्स नाम से स्टार्टअप की शुरुआत की है. इसमें वो 24 से अधिक महिलाओं को रोजगार दे रहे हैं. महाबलेश्वर में स्ट्रॉबेरी की खेती को देखकर अद्वितीय शाह ने भोपाल के मेंडोरी में इसकी खेती शुरु की है. बीते वर्ष उन्होंने यहां 24 हजार वर्गफीट में 10 हजार स्ट्रॉबेरी के पौधे लगाए थे. इसमें 5 लाख रुपये खर्च आया था. इससे उन्हें करीब 50 लाख रुपये की कमाई हुई है. स्ट्रॉबेरी की खेती के साथ महिलाएं यहां जेम बनाने का काम भी कर रही हैं.

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90 देशों के लोग जुड़े, 10 हजार को मिला रोजगार

वीरा नाम का स्टार्टअप लोगों को आजादी के साथ काम करने की सहूलियत दे रहा है. भिन्न-भिन्न व्यवसाय के लोग कोसों दूर बैठकर अपने विशेषज्ञता से संबंधित क्षेत्रों में काम कर रहे हैं. अप्रैल 2021 से शुरु हुए इस स्टार्टअप में अब तक 90 देशों के 10 हजार से अधिक प्रोफेशनल जुड़ चुके हैं. कंपनी लोगों को स्थाई नौकरी पर नहीं रखती है, बल्कि जितना लोग काम करते हैं, उसका भुगतान किया जाता है. कंपनी अभी 101 सेक्टर में काम कर रही है, इसके अब 300 से अधिक क्लांइट हैं. वीरा के फाउंडर शुभम शर्मा सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक कर चुके हैं. इनके स्टार्टअप को हाल में ही केंद्र सरकार से 12 करोड़ रुपये की फंडिंग मिली है.

Last Updated : Jun 6, 2024, 7:25 PM IST
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