भोपाल: अब तक गैस त्रासदी का दंश झेल रहे गैस पीड़ितों को मुआवजे के तौर पर पांच लाख रुपए दिए जाने की डिमांड उठी है. गैस पीड़ितों के लिए लंबे समय से काम कर रहे पांच संगठनों ने ये मांग उठाई है. इसे लेकर लेकर पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उर्वरक मंत्री जगत प्रकाश नड्डा को चिट्ठी लिखी है.
गैस पीड़ितों की मौत की दर 2.7 गुना बढ़ी
भोपाल ग्रुप फॉर इन्फॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा के मुताबिक 'भोपाल में गैस पीड़ितों की कोविड महामारी के बाद मौत की दर 2.7 गुना तक बढ़ गई है. ढींगरा के मुताबिक इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गैस कांड ने किस तरह से लोगों को क्षति पहुंचाई है. इसीलिए ये जरुरी है कि इन्हें मुआवजे के रुप में पर्याप्त राशि दी जाए, जो उनके इलाज और बाकी के जीवन में मदद कर सके.'
कैंसर और किडनी की बीमारियों के पीड़ित बढ़े
गैस पीड़ित सगठनों की दलील है कि कैंसर और किडनी की बीमारी के जो भोपाल में 13 हजार से ज्यादा पीड़ित हैं, उन्हें अस्थायी श्रेणी में रखा गया है. उन्हें केवल 25 हजार रुपए का भुगतान ही किया गया था. भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशन भोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव का कहना है कि 'ये गैस पीड़ितों के साथ नाइंसाफी है. उन्हें मुआवजा सही मिला ही नहीं है. जो मिला है, तो केवल जानलेवा बीमारियां. भोपाल गैस पीड़ित निराश्रित पेंशनभोगी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष बालकृष्ण नामदेव ने बताया, भोपाल गैस पीड़ितों के साथ अन्याय होने का सबसे बड़ा सबूत यह है कि कल्याण आयुक्त कार्यालय के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, कैंसर और किडनी की बीमारियों से पीड़ित 13 हजार 133 भोपाल बचे लोगों में से 90% को मूल रूप से अस्थायी क्षति श्रेणी में रखा गया था. उन्हें मुआवजे के रूप में केवल 25 हजार रुपए का भुगतान किया गया.'
पीएम को लिखी मुआवजे की चिट्ठी
भोपाल में काम कर रहे पांच गैस पीड़ित संगठनों ने रसायन उर्वरक मंत्री जेपी नड्डा के अलावा पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है. जिसमें ये मांग की गई है कि भोपाल गैस पीड़ितों को उचित मुआवजा प्रदान किया जाए. इसके पहली 2011 में तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान को भी चिट्ठी लिखी थी और पांच लाख का मुआवजा गैस पीड़ितों को दिए जाने की मांग की थी.