भोपाल। करीब 4 महीने बाद आयोजित की गई जिला पंचायत की बैठक सीईओ के नहीं पहुंचने के कारण हंगामे की भेंट चढ़ गई. करीब आधे घंटे तक जिला पंचायत परिसर में अध्यक्ष व सदस्य सीईओ रितुराज सिंह का विरोध करते रहे. इसके बाद अध्यक्ष व सदस्य पंचायत ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल से मिलने भी पहुंचे. जहां सीईओ के अनियमितताओं की शिकायत की. इसके पहले सीईओ के खिलाफ संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा और कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से भी की गई है.
जानिए क्या था मामला
बता दें कि जिला पंचायत द्वारा किए जाने वाले विकास कार्यों को लेकर हर दो माह में बैठक आयोजित की जाती है, लेकिन इस बार लोकसभा के चुनाव के कारण 4 महीने बीत गए. तय समयानुसार बुधवार को दोपहर 12 बजे सामान्य प्रशासन विभाग की बैठक बुलाई गई थी. जिला पंचायत के अध्यक्ष व सदस्य समय पर पहुंच गए थे, लेकिन सीईओ इस बैठक में शामिल नहीं हुए. जिससे मामला बिगड़ गया और अध्यक्ष-सदस्यों ने इस बैठक का बहिष्कार करते हुए हंगामा किया. वहीं दोपहर 1 बजे से साधारण सभा की बैठक भी होनी थी, लेकिन सीईओ इसमें भी शामिल नहीं हुए.
सीईओ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की तैयारी
जिला पंचायत के अध्यक्ष राम कुंवर गुर्जर ने बताया कि सीईओ अपनी मनमानी कर रहे हैं. वो किसी की सुनते नहीं है. जिससे विकास कार्यों पर असर पड़ रहा है. वहीं जनप्रतिनिधियों के द्वारा बताए गए काम पूरा नहीं हो रहे हैं. अब हम लोग सीईओ के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लेकर आएंगे. जरूरत पड़ी तो मुख्यमंत्री से भी इसकी शिकायत की जाएगी. इधर सीईओ रितुराज सिंह का कहना है कि बैठक में जनप्रतिनिधियों का रवैया ठीक नहीं था. मैं पहले भी बोल चुका हूं कि बैठक और विकास कार्यों में जनप्रतिनिधियों के पतियों का हस्तक्षेप न हो. इसके बावजूद जनप्रतिनिधियों के पति विकास कार्यों में रोड़ा बनते हैं. जबकि उनसे कई बार आग्रह कर चुके हैं कि जिला पंचायत के बैठक की गरिमा बनाए रखें.
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जिला पंचायत की बैठक में इन मुद्दों पर होनी थी चर्चा
बैठक में स्वास्थ्य, शिक्षा, पीएचई, उद्यानिकी, कृषि, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, प्रधानमंत्री सड़क योजना, पीडब्ल्यूडी, आदिम जाति कल्याण, वन, महिला एवं बाल विकास, मत्योद्योग, पशु चिकित्सा सेवाएं, पंजीयन सहकारी सेवाएं, उप पंजीयक सहकारी समिति, खेल समेत जिपं के अंतर्गत मनरेगा, जल जीवन मिशन, स्वच्छता मिशन, मध्याह्न भोजन, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, जलगंगा अभियान, पौधारोपण अभियान (एक पेड़ मां के नाम), 15वां वित्त आयोग अंतर्गत वर्ष 2024-24 की कार्ययोजना समेत अन्य विषयों पर चर्चा होनी थी.