भोपाल। हाल ही में राज्य सायबर सेल को चुनाव आयोग से शिकायत मिली थी. शिकायत में कहा गया था कि फर्जी मतदाता पत्र व अन्य दस्तावेज कुछ लोगों द्वारा बनाए जा रहे हैं. राज्य सायबर सेल ने इस मामले में निर्वाचन आयोग की वेबसाइट की तरह साइट का प्रयोग कर फर्जी मतदान पत्र जारी करने वाले युवक को बिहार से गिरफ्तार किया गया है. साइबर सेल के अनुसार आरोपी केवल ₹20 का शुल्क लेकर लोगों के दस्तावेज तैयार कर देता है. वहीं, एडीजी साइबर योगेश देशमुख ने लोगों से अपील की है कि हमेशा ऑफिशियल वेबसाइट से ही पहचान-पत्र बनवाएं.
चुनाव आयोग ने सभी राज्यों को किया था सतर्क
एडीजी योगेश देशमुख ने सायबर सेल मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया "भारत निर्वाचन आयोग द्वारा समस्त राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को यह शिकायत भेजी गई कि किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा फर्जी वेबसाइट बनाकर अवैध मतदाता फोटो पहचान पत्र तैयार किए जा रहे हैं. भोपाल स्थित राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय को मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के माध्यम से 27 मार्च 2024 को यह जानकारी प्राप्त हुई. शिकायत संवेदनशील होने के कारण राज्य सायबर पुलिस मुख्यालय ने इसे गंभीरता से लिया. पुलिस टीम ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर बिहार के अलग-अलग स्थानों पर आरोपी को ट्रेस किया."
बिहार के पूर्वी चंपारण से गिरफ्तार हुआ युवक
आरोपी से फर्जी बैंक खातों की पासबुक, एटीएम कार्ड, पेटीएम क्यूआर कोड, सोर्स कोर्ड आदि जब्त किए गए. पुलिस ने गहन तकनीकी साक्ष्यों का संग्रहण कर इस केस के मास्टरमाइंड आरोपी रंजन पिता अशोक चौबे को गिरफ्तार किया है. उसकी आयु केवल 20 वर्ष. वह बिहार जिले के पूर्वी चंपारण का रहने वाला है. एडीजी देशमुख ने बताया आरोपी द्वारा बनाई गई फर्जी वेबसाइट से मात्र 20 रुपए का भुगतान कर फर्जी आईडी मिलता था. इस फर्जी वेबसाइट पर अब तक 28 हजार हिट्स आ चुके हैं. अब तक आरोपी इस वेबसाइट के माध्यम से 3 लाख रुपए ठग चुका है. आरोपी रंजन केवल 10वीं पास है.
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यू-ट्यूब पर सीखा फर्जी वेबसाइट बनाना
पूछताछ में आरोपी ने बताया "उसने वेबसाइट बनाने का पूरा कार्य यू-ट्यूब से सीखा. उसने ऑनलाइन सोर्स कोड खरीदा और उसमें परिवर्तन कर फर्जी खाते में रुपए जमा करवाने लगा. उसने उत्तर प्रदेश से फर्जी सिम ली, पेटीएम व एसबीआई के फर्जी खाते बनाए और डार्कवेब से फर्जी क्रेडिट कार्ड भी बनाया." वेबसाइट तैयार करने के लिए आरोपी ने डोमेन खरीदा, टेलीग्राम के माध्यम से फर्जी पहचान प्राप्त करके सर्वर स्पेस खरीदा और अमेरिकन सर्वर के माध्यम से इनडायरेक्ट क्लाउड होस्टिंग की.