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भोपाल सिटी बसों में चलना हुआ महंगा, बस ऑपरेटरों की मनमानी से अप डाउनर्स को हो रही परेशानी - Bhopal City Bus Travel Expensive

भोपाल में नगर निगम द्वारा संचालित भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड या बीसीएलएल की बसों में यात्रा करने महंगा पड़ रहा है. यात्री बसों के अलावा सफर के लिए दूसरे साधनों का उपयोग कर रहे हैं. इसकी वजह है कि निगम ने बस ऑपरेटर्स को सब्सिडी देना बंद कर दी है. जिससे बस ऑपरेटर्स ने कॉमन रियायती पास बनवाना बंद कर दिया है.

BHOPAL CITY BUS TRAVEL EXPENSIVE
भोपाल सिटी बसों में चलना हुआ महंगा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 31, 2024, 3:18 PM IST

भोपाल। नगर निगम द्वारा संचालित भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड या बीसीएलएल की बसों में यात्रा करना अप डाउनर्स को महंगा पड़ रहा है. जिससे लोग आवागमन के लिए दूसरे साधनों का उपयोग कर रहे हैं. इससे बसों में रोजाना सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में भी गिरावट आ रही है. इसका कारण बीसीएलएल से संबद्ध बस ऑपरेटरों की मनमानी है. जिसकी वजह से अब अपडाउनर्स को बस में सफर करना मंहगा पड़ रहा है.

नगर निगम ने बंद की सब्सिडी

दरअसल नगर निगम ने बस ऑपरेटर्स को सब्सिडी देना बंद कर दी है. इसलिए ऑपरेटर्स ने भी 800 रुपए हर महीने बनने वाले कॉमन रियायती पास बनाना बंद कर दिए हैं. इस फैसले के बाद हर दिन पासों की संख्या में गिरावट आ रही है. जबकि प्रदेश के दूसरे शहरों में चलने वाली लो-फ्लोर बसों के ऑपरेटर्स को वहां की निगम सब्सिडी दे रही है. एक ही प्रदेश में दो अलग-अलग नियम होने से ऑपरेटर्स भोपाल में बस संचालन से कतराने लगे हैं.

अपडाउनर्स को हो रही परेशानी

नगर निगम की होल्डिंग कंपनी भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड सिटी बसों में रोजाना सफर करने वाले स्टूडेंट्स, घरेलू कामकाजी महिलाओं सहित निगम-मण्डलों के कर्मचारी, दिव्यांग, सीनियर सिटीजनों को रियायती पास उपलब्ध करवाती थी. इसे स्मार्ट महापौर पास सेवा कहा गया. जिसमें महीनेभर के लिए 300 रुपए में पास जारी होता था. कोरोना काल में यह सेवा बंद हो गई. जिसे साल 2022 में फिर शुरू किया गया. तब 300 वाले पास की जगह 600 रुपए में सिंगल रूट के पास और 800 रुपए में कॉमन पास जारी किए गए, लेकिन अब 800 रुपए महीने वाले पास भी बनना बंद हो गए.

ऐसे समझें पास का सिस्टम

शहर के अलग-अलग 24 रूटों पर चार ऑपरेटर 368 बसों का संचालन कर रहे हैं. अगर कोई यात्री 800 रुपए वाला मंथली पास बनवाता है, तो सभी 368 बसों में यह 800 रुपए विभाजित होंगे. यानि एक बस के हिस्से में 2 रुपए 17 पैसे आएंगे, क्योंकि यह 800 रुपए वाला पास सभी बसों में अनलिमिटेड सफर के लिए मान्य है. जबकि कोई यात्री 600 रुपए महीने वाला पास बनवाए तो सिर्फ एक रूट पर ही अनलिमिटेड यात्रा कर सकता है. ऐसे में यह 600 रुपए सीधे एक ऑपरेटर को मिलेंगे. इसलिए बस ऑपरेटर 800 रुपए वाला पास मान्य नहीं कर रहे.

सब के अपने-अपने टैरिफ प्लान

बीसीएलएल के चार बस ऑपरेटर एपी मोटर्स, मेसर्स इंक्युबेट सॉफ्टटेक, श्री दुर्गम्बा और मां एसोसिएट के शहर में बसों का संचालन कर रहे हैं. इसमें से एपी मोटर्स 600 रुपए में मंथली पास और स्टूडेंट्स को 500 रुपए में पास बनाकर दे रहा है. वहीं श्री दुर्गम्बा सिर्फ 600 वाला ही पास बना रही है. जबकि मेसर्स इंक्युबेट सॉफ्टटेक तीन अलग-अलग कैटेगिरी के पास बना रही है. यही कंपनी पहले 800 वाले पास बना रही थी, लेकिन अब इसे बनाना बंद कर दिए.

यहां पढ़ें...

एमपी के इन 6 शहरों में दौड़ेंगी 552 ई-बस, CASL के पास होगा संचालन और मेंटेनेंस का जिम्मा

रेड बस के ड्राइवर-कंडक्टर के बीच मारपीट, CCTV में कैद घटना

32 से घटकर 12 हजार बचे पास

कोरोना काल से पहले तक सिटी बसों के रियायती पास की संख्या 32 हजार थी. जबकि 600 और 800 रुपए वाले पास भी करीब 22 हजार बने, लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या घटती गई. वर्तमान में सिर्फ 12 हजार ही पास बचे हैं. अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो सिर्फ 5 से 6 हजार ही पास धारक बचेंगे.

ऑपरेटरों को भेजेंगे नोटिस

बीसीएलएल के पीआरओ संजय सोनी का कहना है कि 'अभी भी 800 रुपये वाले पास बनाए जा रहे हैं, लेकिन इसे ऑपरेटर स्वीकार नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें नोटिस भेजा जाएगा. इसके बाद निर्णय लिया जाएगा, कि इसका विकल्प क्या हो सकता है.

भोपाल। नगर निगम द्वारा संचालित भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड या बीसीएलएल की बसों में यात्रा करना अप डाउनर्स को महंगा पड़ रहा है. जिससे लोग आवागमन के लिए दूसरे साधनों का उपयोग कर रहे हैं. इससे बसों में रोजाना सफर करने वाले यात्रियों की संख्या में भी गिरावट आ रही है. इसका कारण बीसीएलएल से संबद्ध बस ऑपरेटरों की मनमानी है. जिसकी वजह से अब अपडाउनर्स को बस में सफर करना मंहगा पड़ रहा है.

नगर निगम ने बंद की सब्सिडी

दरअसल नगर निगम ने बस ऑपरेटर्स को सब्सिडी देना बंद कर दी है. इसलिए ऑपरेटर्स ने भी 800 रुपए हर महीने बनने वाले कॉमन रियायती पास बनाना बंद कर दिए हैं. इस फैसले के बाद हर दिन पासों की संख्या में गिरावट आ रही है. जबकि प्रदेश के दूसरे शहरों में चलने वाली लो-फ्लोर बसों के ऑपरेटर्स को वहां की निगम सब्सिडी दे रही है. एक ही प्रदेश में दो अलग-अलग नियम होने से ऑपरेटर्स भोपाल में बस संचालन से कतराने लगे हैं.

अपडाउनर्स को हो रही परेशानी

नगर निगम की होल्डिंग कंपनी भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड सिटी बसों में रोजाना सफर करने वाले स्टूडेंट्स, घरेलू कामकाजी महिलाओं सहित निगम-मण्डलों के कर्मचारी, दिव्यांग, सीनियर सिटीजनों को रियायती पास उपलब्ध करवाती थी. इसे स्मार्ट महापौर पास सेवा कहा गया. जिसमें महीनेभर के लिए 300 रुपए में पास जारी होता था. कोरोना काल में यह सेवा बंद हो गई. जिसे साल 2022 में फिर शुरू किया गया. तब 300 वाले पास की जगह 600 रुपए में सिंगल रूट के पास और 800 रुपए में कॉमन पास जारी किए गए, लेकिन अब 800 रुपए महीने वाले पास भी बनना बंद हो गए.

ऐसे समझें पास का सिस्टम

शहर के अलग-अलग 24 रूटों पर चार ऑपरेटर 368 बसों का संचालन कर रहे हैं. अगर कोई यात्री 800 रुपए वाला मंथली पास बनवाता है, तो सभी 368 बसों में यह 800 रुपए विभाजित होंगे. यानि एक बस के हिस्से में 2 रुपए 17 पैसे आएंगे, क्योंकि यह 800 रुपए वाला पास सभी बसों में अनलिमिटेड सफर के लिए मान्य है. जबकि कोई यात्री 600 रुपए महीने वाला पास बनवाए तो सिर्फ एक रूट पर ही अनलिमिटेड यात्रा कर सकता है. ऐसे में यह 600 रुपए सीधे एक ऑपरेटर को मिलेंगे. इसलिए बस ऑपरेटर 800 रुपए वाला पास मान्य नहीं कर रहे.

सब के अपने-अपने टैरिफ प्लान

बीसीएलएल के चार बस ऑपरेटर एपी मोटर्स, मेसर्स इंक्युबेट सॉफ्टटेक, श्री दुर्गम्बा और मां एसोसिएट के शहर में बसों का संचालन कर रहे हैं. इसमें से एपी मोटर्स 600 रुपए में मंथली पास और स्टूडेंट्स को 500 रुपए में पास बनाकर दे रहा है. वहीं श्री दुर्गम्बा सिर्फ 600 वाला ही पास बना रही है. जबकि मेसर्स इंक्युबेट सॉफ्टटेक तीन अलग-अलग कैटेगिरी के पास बना रही है. यही कंपनी पहले 800 वाले पास बना रही थी, लेकिन अब इसे बनाना बंद कर दिए.

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एमपी के इन 6 शहरों में दौड़ेंगी 552 ई-बस, CASL के पास होगा संचालन और मेंटेनेंस का जिम्मा

रेड बस के ड्राइवर-कंडक्टर के बीच मारपीट, CCTV में कैद घटना

32 से घटकर 12 हजार बचे पास

कोरोना काल से पहले तक सिटी बसों के रियायती पास की संख्या 32 हजार थी. जबकि 600 और 800 रुपए वाले पास भी करीब 22 हजार बने, लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या घटती गई. वर्तमान में सिर्फ 12 हजार ही पास बचे हैं. अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाए तो सिर्फ 5 से 6 हजार ही पास धारक बचेंगे.

ऑपरेटरों को भेजेंगे नोटिस

बीसीएलएल के पीआरओ संजय सोनी का कहना है कि 'अभी भी 800 रुपये वाले पास बनाए जा रहे हैं, लेकिन इसे ऑपरेटर स्वीकार नहीं कर रहे हैं. ऐसे में उन्हें नोटिस भेजा जाएगा. इसके बाद निर्णय लिया जाएगा, कि इसका विकल्प क्या हो सकता है.

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