भोपाल: कांग्रेस से बीजेपी में आए और वन मंत्री बने राम निवास राव की मुश्किल कम होती दिखाई दे रही है. रामनिवास रावत के बीजेपी में शामिल होने के बाद से लगातार नाराज चल रहे और चुनाव लड़ने की दावेदारी कर चुके बीजेपी नेता सीताराम आदिवासी अब उपचुनाव से पीछे हट गए हैं. श्योपुर की विजयपुर विधानसभा सीट और सीहोर जिले की बुधनी सीट पर जल्द ही उपचुनाव होने जा रहे हैं. सीताराम आदिवासी विजयपुर सीट से बीजेपी विधायक रह चुके हैं. मंगलवार को उन्होंने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से मुलाकात की है.
आदिवासी को राज्यमंत्री से नवाजा
मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी को मध्य प्रदेश सहरिया विकास प्राधिकरण का उपाध्यक्ष बना दिया गया. उन्हें राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है. हालांकि, सीताराम आदिवासी का कहना है कि "वे टिकट की दौड़ में शामिल नहीं हैं. पार्टी में उन्हें बहुत सम्मान मिला है. तीन बार चुनाव में उतारा है. उपचुनाव के लिए चुनावी मैदान में नहीं उतरेंगे."
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सीएम के सामने दी थी नसीहत
पूर्व विधायक सीताराम आदिवासी रामनिवास रावत के बीजेपी में आने और मंत्री बनाए जाने से बेहद आहत थे. उन्होंने खुलकर बगावत कर दी थी. यहां तक कि अगस्त माह में तेंदूपत्ता बोनस वितरण कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर के सामने ही आदिवासी ने वन मंत्री को नसीहत देते हुए रामनिवास रावत से कह दिया था कि कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए. कोई जातिवाद नहीं होना चाहिए. सभी को एक निगाह से देखना चाहिए, ताकि हमारी सरकार की बदनामी न होए, क्योंकि आदिवासी भी जागरुक है और लड़ने को सब तैयार हैं. राम निवास रावत ने लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी का खुलकर समर्थन किया था और फिर 30 अप्रेल को बीजेपी में शामिल हो गए थे.