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मध्य प्रदेश के नर्सिंग फर्जीवाड़े में बड़ा एक्शन, तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू बर्खास्त - then registrar sunita shiju dismiss

मध्यप्रदेश में फर्जी नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता को लेकर चल रहे घमासान के बीच तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. उनके खिलाफ यह कार्यवाही नर्सिंग संस्थाओं की मान्यता जारी करने में अनियमितताओं के कारण की गई है.

then registrar sunita shiju dismiss
तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू की सेवाएं समाप्त (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 22, 2024, 9:48 AM IST

Updated : Jun 22, 2024, 1:45 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में हुए फर्जी नर्सिंग कॉलेज घोटाले मामले में सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है. मप्र नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउसिंल की तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू की सेवाएं समाप्त कर दी हैं. बता दें कि घोटाले की जांच ग्वालियर हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई द्वारा की जा रही थी. लेकिन इस पूरे मामले में सीबीआई के अधिकारी भी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार हुए हैं. भोपाल के NSUI के मेडिकल विंग के रवि परमार शुरुआत से ही इस पूरे मामले में गड़बड़ी की बात कह रहे थे और उसके बाद उनके द्वारा इस पूरे मामले में कई शिकायतें की गई.

तत्कालीन रजिस्ट्रार शिजू सेवा से बर्खास्त

इस पूरे मामले में मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल ने नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउसिंल की तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त करने का आदेश किया है. वर्तमान में वह दतिया चिकित्सा महाविद्यालय में पदस्थ हैं. नर्सिंग काउंसिल में पदस्थी के दौरान विभिन्न अयोग्य नर्सिंग महाविद्यालयों को मान्यता देने की जांच में प्राप्त तथ्यों के आधार पर कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन न करने के आधार पर यह निर्णय लिया गया है.

पद पर रहते हुए बरती अनियमितताएं

उल्लेखनीय है कि, शिजू मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउसिंल भोपाल में रजिस्ट्रार के पद पर 22 सितंबर 2021 से 24 अगस्त 2022 तक पदस्थ थीं. रजिस्ट्रार नर्सिंग काउसिंल भोपाल के पद पर पदस्थ रहने के दौरान शिजू द्वारा नर्सिंग संस्थाओं की मान्यता प्रक्रिया में गंभीर अनियमितता और पदीय कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन नहीं होना जांच में पाया गया.

छात्रों का भविष्य संकट में, नर्सिंग शिक्षा व्यवस्था कीं छवि धूमिल

गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल ने 20 जुलाई तथा 4 अगस्त 2023 को सुनीता शिजू को आरोप पत्र जारी किया था. जिसके बाद मामले की जांच शुरु की गई. जांच में सुनीता शिजू द्वारा पदस्थी अवधि के दौरान की गई अनियमितताएँ अत्यंत गंभीर पायी गयीं. उक्त कृत्य के कारण प्रदेश में कई नर्सिंग संस्थाओं की गलत मान्यतायें जारी करने से प्रवेशरत छात्र-छात्राओं का भविष्य संकट में आ गयाा और प्रदेश की नर्सिंग शिक्षा व्यवस्था कीं छवि धूमिल हुई. जिसके बाद शिजू की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का निर्णय लिया गया है.

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किराये के भवन में चल रहे थे कॉलेज, अब गायब

फर्जी तरीके से मान्यता हासिल करने के लिए ज्यादातर प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज किराए की बिल्डिंग में चल रहे थे. दोबारा सीबीआई जांच के डर से कई कॉलेज संचालक बिल्डिंग छोड़कर भाग गए है. यही वजह है कि कॉलेज अपने पते पर नहीं मिल रहे हैं. इसको लेकर एनएसयूआई ने अब सीबीआई डायरेक्टर को पत्र लिखा है. इन कॉलेज के हर दस्तावेज की जांच बारीकी से करने की मांग की है.

600 नर्सिंग कॉलेज की दोबारा होगी जांच

प्रदेश के 600 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों की जांच दोबारा होना है. इससे पहले हाईकोर्ट के निर्देश पर 308 नर्सिंग कॉलेजों की जांच हुई थी. इस जाच में सीबीआई की मिलीभगत पकड़ में आई. इसके बाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों की दोबारा जांच के निर्देश दिए हैं. इस बार जांच में वीडियोग्राफी भी होगी. उधर, सरकार प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों को गलत तरीके से मान्यता देने वाले हर स्तर के अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है. एनएसयूआई ने सीबीआई डायरेक्टर को लिखे पत्र में बताया है कि प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज मान्यता लेने के लिए किराए से लैब तक के उपकरण लाते थे. निरीक्षण के समय इनमें फैकल्टी रखे जाते थे. फैकल्टी कागजों में ही होते थे.

भोपाल। मध्य प्रदेश में हुए फर्जी नर्सिंग कॉलेज घोटाले मामले में सरकार ने कड़ा एक्शन लिया है. मप्र नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउसिंल की तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू की सेवाएं समाप्त कर दी हैं. बता दें कि घोटाले की जांच ग्वालियर हाई कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई द्वारा की जा रही थी. लेकिन इस पूरे मामले में सीबीआई के अधिकारी भी रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार हुए हैं. भोपाल के NSUI के मेडिकल विंग के रवि परमार शुरुआत से ही इस पूरे मामले में गड़बड़ी की बात कह रहे थे और उसके बाद उनके द्वारा इस पूरे मामले में कई शिकायतें की गई.

तत्कालीन रजिस्ट्रार शिजू सेवा से बर्खास्त

इस पूरे मामले में मुख्य कार्यपालन अधिकारी एवं गांधी चिकित्सा महाविद्यालय भोपाल ने नर्सिंग रजिस्ट्रेशन काउसिंल की तत्कालीन रजिस्ट्रार सुनीता शिजू को तत्काल प्रभाव से सेवा से बर्खास्त करने का आदेश किया है. वर्तमान में वह दतिया चिकित्सा महाविद्यालय में पदस्थ हैं. नर्सिंग काउंसिल में पदस्थी के दौरान विभिन्न अयोग्य नर्सिंग महाविद्यालयों को मान्यता देने की जांच में प्राप्त तथ्यों के आधार पर कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन न करने के आधार पर यह निर्णय लिया गया है.

पद पर रहते हुए बरती अनियमितताएं

उल्लेखनीय है कि, शिजू मध्यप्रदेश नर्सेस रजिस्ट्रेशन काउसिंल भोपाल में रजिस्ट्रार के पद पर 22 सितंबर 2021 से 24 अगस्त 2022 तक पदस्थ थीं. रजिस्ट्रार नर्सिंग काउसिंल भोपाल के पद पर पदस्थ रहने के दौरान शिजू द्वारा नर्सिंग संस्थाओं की मान्यता प्रक्रिया में गंभीर अनियमितता और पदीय कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन नहीं होना जांच में पाया गया.

छात्रों का भविष्य संकट में, नर्सिंग शिक्षा व्यवस्था कीं छवि धूमिल

गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल ने 20 जुलाई तथा 4 अगस्त 2023 को सुनीता शिजू को आरोप पत्र जारी किया था. जिसके बाद मामले की जांच शुरु की गई. जांच में सुनीता शिजू द्वारा पदस्थी अवधि के दौरान की गई अनियमितताएँ अत्यंत गंभीर पायी गयीं. उक्त कृत्य के कारण प्रदेश में कई नर्सिंग संस्थाओं की गलत मान्यतायें जारी करने से प्रवेशरत छात्र-छात्राओं का भविष्य संकट में आ गयाा और प्रदेश की नर्सिंग शिक्षा व्यवस्था कीं छवि धूमिल हुई. जिसके बाद शिजू की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का निर्णय लिया गया है.

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प्रदेश के 600 से ज्यादा नर्सिंग कॉलेजों की जांच दोबारा होना है. इससे पहले हाईकोर्ट के निर्देश पर 308 नर्सिंग कॉलेजों की जांच हुई थी. इस जाच में सीबीआई की मिलीभगत पकड़ में आई. इसके बाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी नर्सिंग कॉलेजों की दोबारा जांच के निर्देश दिए हैं. इस बार जांच में वीडियोग्राफी भी होगी. उधर, सरकार प्राइवेट नर्सिंग कॉलेजों को गलत तरीके से मान्यता देने वाले हर स्तर के अधिकारी-कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी कर रही है. एनएसयूआई ने सीबीआई डायरेक्टर को लिखे पत्र में बताया है कि प्राइवेट नर्सिंग कॉलेज मान्यता लेने के लिए किराए से लैब तक के उपकरण लाते थे. निरीक्षण के समय इनमें फैकल्टी रखे जाते थे. फैकल्टी कागजों में ही होते थे.

Last Updated : Jun 22, 2024, 1:45 PM IST
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