ग्वालियर: एमपी अजब है, सब से ग़ज़ब है, यह बात एक बार फिर सच लग रही है क्योंकि अब मध्य प्रदेश में नियुक्तियों की परिभाषा बदल रही है. यहां की भिंड नगर पालिका दृष्टिबाधितों को ड्राइवर बना रही है. यही नहीं आग बुझाने का काम भी इस वर्ग(दृष्टिबाधित) के दिव्यांगों को दे रही है. वह भी स्थाई नौकरी के रूप में.
मध्य प्रदेश सरकार बेरोज़गार युवाओं को सरकारी नौकरी मुहैया कराने के लिए तत्पर नज़र आ रही है. पिछले दिनों शिक्षक से लेकर पटवारी तक की भर्तियां निकाली गईं. लेकिन भिंड नगर पालिका द्वारा दिव्यांगों के लिए जारी किए गए भर्ती विज्ञापन सुर्खियों में हैं. भिंड नगर पालिका द्वारा दृष्टिबाधित दिव्यांगों को ड्राइवर और फ़ायरमैन की नौकरियां ऑफर की गई है.
ड्राइवर और फ़ायरमैन के लिए आरक्षित है पद
दरअसल इसी साल अगस्त में भिंड नगर पालिका द्वारा समाचार पत्रों में एक विज्ञापन जारी किया गया था, जिसमें नगरपालिका के 26 पदों पर दिव्यांगों की भर्तियों के लिए ऑफलाइन आवेदन मंगाए गए थे. इनमें सात पद स्थाई और 19 पर संविदा पर भरे जाने थे. लेकिन ये भर्तियां दिलचस्प तब हो गईं जब विज्ञापन में बताया गया कि दोनों ही वर्गों में वाहन चालक और फायरमैन के एक-एक पद दृष्टिबाधित एवं दृष्टि से कमज़ोर वर्ग के दिव्यांगों के लिए आरक्षित था. इन पदों पर 20 सितंबर 2024 तक आवेदन मंगाए गए थे.
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CMO बोले- शासन के दिशा निर्देशों का पालन
करीब दो महीने बाद जब आवेदन आगे बढ़ चुके हैं, यह मामला सुर्ख़ीयों में है. इस संबंध में जब नगर पालिका CMO यशवंत वर्मा से बात की गई तो उनका कहना था "भिंड नगर पालिका में दिव्यांगों के लिए विभिन्न पदों पर नियुक्ति की जानी है, जिसके लिए शासन के दिशा-निर्देशों के अनुसार विज्ञापन जारी किया गया था. इन भर्तियों में दिव्यांगों के लिए निशक्तता के आधार पर अलग-अलग पद आरक्षित किए गए थे. प्राप्त आवेदनों की जानकारी भी जेडी कार्यालय भेज दी गई है. वहां से आगे के लिए जो निर्देश मिलेंगे उसके अनुसार, आवेदकों की जानकारी भी साझा की जाएगी."
दृष्टिबाधित आवेदकों ने लगाई हैं ड्राइविंग लाइसेंस की प्रतियां
बता दें कि भिंड नगर पालिका द्वारा मंगाए गए आवेदनों में आरक्षित दृष्टिबाधित दिव्यांग ड्राइवर के पद के लिए 22 आवेदन प्राप्त हुए थे. जिनमें स्थाई पद के लिए 16 और संविदा वर्ग में आरक्षित दृष्टिबाधित दिव्यांग ड्राइवर के पद के लिए 6 आवेदन प्राप्त हुए. लेकिन बड़ी बात यह है कि ऐसे आवेदन कर्ताओं को ड्राइविंग लाइसेंस कैसे जारी हुए? क्योंकि दृष्टिबाधित या दृष्टि से कमज़ोर लोगों को रोड सेफ़्टी नियमों के आधार पर ड्राइविंग लाइसेंस नहीं दिया जाता है. इन आवेदनों में ड्राइविंग लाइसेंस लगाना अनिवार्य था. मिली जानकारी के अनुसार सभी आवेदनकर्ताओं ने ड्राइविंग लाइसेंस की प्रतियां भी लगाई हैं.