संभल: बुधवार को रामपुर में दलित युवक की हत्या के बाद पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे दलित नेता चंद्रशेखर उर्फ रावण को पुलिस ने रोका लिया. पुलिस ने चंद्रशेखर उर्फ रावण को पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में नजर बंद कर दिया. रामपुर जाने से रोकने पर आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर उर्फ रावण तथा उनके समर्थकों ने पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मौके पर पुलिस फोर्स को लगाया गया था.
रामपुर में बीते दिनों अंबेडकर मूर्ति हटाए जाने को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद हुआ था. इसमें गोली लगने से एक दलित छात्र की मौत हो गई थी. इसके बाद रामपुर में बवाल शुरू हो गया. वहीं भीम आर्मी के अध्यक्ष चंद्रशेखर उर्फ रावण बुधवार को संभल में सपा सांसद डॉ बर्क के निधन के बाद उनके जनाजे में शामिल होने गये थे. इसके बाद वह पीड़ित परिवार से मिलने के लिए रामपुर जा रहे थे. इसी दौरान संभल पुलिस ने उन्हें रामपुर जाने से रोक दिया. पुलिस ने उनको संभल के पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में उन्हें नजर बंद कर दिया.
पुलिस ने पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस के मुख्य गेट का ताला लगा दिया. मौके पर पुलिस फोर्स को बुला लिया गया. कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई. रामपुर जाने से रोके जाने पर चंद्रशेखर और उनके समर्थकों ने मौके पर ही नारेबाजी शुरू कर दी. पुलिस प्रशासन पर सरकार के इशारों पर काम करने का आरोप लगाया. इस दौरान चंद्रशेखर के समर्थक जमीन पर बैठ गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे.
चंद्रशेखर उर्फ रावण ने कहा कि देश में लोकतंत्र पूरी तरह से खत्म हो गया है. उत्तर प्रदेश सरकार में दलितों पर खूब अत्याचार हो रहा है. रामपुर में सरकार के इशारे पर पुलिस ने दलित छात्र के खून से होली खेली थी. उत्तर प्रदेश सरकार दलितों का हितैषी होने का दावा करती है, लेकिन प्रदेश में दलितों का हाल बुरा है. उत्तर प्रदेश दलितों के श्मशान घाट से कम नहीं है.
चंद्रशेखर ने कहा कि अगर उन्हें रामपुर नहीं जाने दिया जा रहा तो पुलिस उन्हें भी गोली मार दे. इस दौरान अपर पुलिस अधीक्षक श्रीश चंद्र ने समझा बुझा कर विरोध प्रदर्शन को शांत कराया. इसके बाद चंद्रशेखर और उनके समर्थकों को जाने दिया गया.