सारणः 'भिखारी ठाकुर को भारत रत्न देने की मांग को सरकार तक पहुंचाया जाएगा.' ये बातें सारण डीएम अमन समीर ने कही. छपरा में बुधवार को भोजपुरी के शेक्सपियर भिखारी ठाकुर की 137वीं जयंती हर्षोल्लास के साथ मनाई गयी. इस अवसर पर छपरा में कई कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.
युवाओं को प्रेरणा लेने की अपीलः शहर के प्रवेश द्वार भिखारी ठाकुर चौक पर सारण डीएम ने मूर्ति पर माल्यार्पण किया. जिलाधिकारी के माल्यार्पण करने के बाद शहर के अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित की. इस मौके पर डीएम ने आज के युवाओं को भिखारी ठाकुर से प्रेरणा लेने की अपील की. कहा कि भिखारी ठाकुर ने साहित्य के क्षेत्र में काफी काम किया. यही कारण है कि आज भिखारी ठाकुर को भोजपुरी का शेक्सपियर कहा जाता है.
सरकार तक पहुंचाएंगे मांग: जिलाधिकारी से जब यह पूछा गया कि भिखारी ठाकुर को अब तक उचित सम्मान नहीं मिला. इससे उनके परिजन नाराज हैं. इसपर डीएम ने कहा कि परिजनों की ओर से जो भी मांग की जा रही है. उनकी उस मांग को सरकार तक पहुंचाने का काम करेंगे. इस दौरान डीएम के साथ कई गणमान्य लोग मौजूद रहे.
"आज हमलोग भिखारी ठाकुर को नमन करने आए हैं. उनके योगदान और आदर्श को लोग पहचाने. परिजनों की ओर से जो भी मांग है, उसे हमलोग सरकार तक पहुंचाने का काम करेंगे." -अमन समीर, डीएम, सारण
लौंडा नाच से प्रसिद्धि दिलाई: भिखारी ठाकुर का जन्म 18 दिसंबर 1887 को सारण जिले के कुतुबपुर दियारा में हुआ था. इन्होंने साहित्य और सामाज को बेहतर बनाने में अहम योगदान दिया. लोक-कलाओं की क्षेत्र में काम किया. बिहार को लौंडा नाच से प्रसिद्धि दिलाई. इनके इस योगदान को लेकर वर्षों से भारत रत्न और पद्मश्री पुरस्कार की मांग की जा रही है.
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