अलवर: जिले के ऐतिहासिक पांडुपोल हनुमान मंदिर एवं लोकदेवता भर्तृहरिधाम का लक्खी मेला आगामी 9 से 12 सितम्बर तक भरेगा. जिला पुलिस, वन, सरिस्का एवं रोडवेज प्रशासन ने मेले के लिए विशेष प्रबंध किए हैं. रोडवेज प्रशासन इस बार पांडुपोल एवं भर्तृहरि मेले के लिए 80 मेला स्पेशल बसों का संचालन करेगा. इन मेला स्पेशल बसों का संचालन 9 सितम्बर से शुरू होगा और 12 सितम्बर तक चलेगा.
रोडवेज प्रशासन की ओर से अलवर जिले के आगार के अलावा आसपास के जिलों के आगारों से भी रोडवेज बसें मंगाई जाएंगी. वहीं, कुछ मार्गों पर रोडवेज के फेरे कम कर उन्हें मेला स्पेशल बसों में चलाया जा सकता है. मत्स्य आगार डिपो के प्रबंधक संजय चौधरी ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी जिले में लख्खी मेले का आयोजन होने जा रहा है. इस साल दोनों मेले एक साथ 9 सितंबर से 12 सितंबर तक आयोजित हो रहे हैं.
मेले के आयोजन को देखते हुए मत्स्य आगार ने अपनी पूर्ण तैयारी कर ली है. मेले के लिए स्पेशल 80 बसें लगाई गई हैं. इसमें अलग-अलग डिपो से करीब 60 बस स्पेशल मेले के लिए मंगाई गई है. वहीं, मत्स्य नगर आगार की 20 बसें मेले के लिए रिजर्व की गई हैं. उन्होंने बताया कि यदि यात्री भार और अधिक बढ़ता है, तो भक्तों की सुविधाओं को देखते हुए और अधिक बसे भी लगाई जाएंगी. उन्होंने बताया कि यात्रियों की सुरक्षा के लिए उड़न दस्ता भी लगाया गया है.
भर्तृहरि धाम व पांडुपोल मेले को अलवर को अलवर जिले के लख्खी मेले के रूप में जाना जाता है. दोनों ही मंदिर सरिस्का टाइगर रिजर्व के क्षेत्र में बसे हुए हैं. मेले के दौरान बड़ी संख्या में यहां भक्त पहुंचते हैं. खास बात यह है कि अलवर जिले के ही नहीं, बल्कि देश के कई राज्यों के भक्त पहुंचते हैं. साथ ही भर्तृहरि मेले में सैंकड़ों की संख्या में संत भी मेला स्थल पर पहुंचते हैं.