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पानी में पढ़ाई ! इस क्षेत्र के 4 स्कूलों में भरा पानी, एक माह से 362 बच्चों की पढ़ाई पर संकट - Bharatpur Education System

School Condition in Sewar, पानी में पढ़ाई...जी हां, राजस्थान में भरतपुर के सेवर क्षेत्र के 4 स्कूलों में पानी भर चुका है, जिसके कारण एक माह से 362 बच्चों की पढ़ाई पर संकट मंडरा रहा है. आलम यह है कि यहां शिक्षा वैकल्पिक व्यवस्थाओं के भरोसे है. देखिए ये रिपोर्ट...

CRISIS ON EDUCATION
पानी में पढ़ाई (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 2, 2024, 7:19 PM IST

362 बच्चों की पढ़ाई पर संकट (ETV Bharat Bharatpur)

भरतपुर: जिले के सेवर क्षेत्र के कई गांव गंभीरी नदी के पानी से प्रभावित हैं. साथ ही इन गांवों के सैकड़ों बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. क्षेत्र के चार गांवों के स्कूल जलमग्न हो गए हैं, जिसकी वजह से इन स्कूलों के 362 विद्यार्थियों की पढ़ाई पर संकट मंडरा रहा है. स्कूलों में पानी भरा होने की वजह से उधार के स्थानों पर स्कूल संचालित करने पड़ रहे हैं. कुछ दिन तो हालात ऐसे हो गए कि नगला केवल के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों को मंदिर और पैट्रोल पंप परिसर में पढ़ाना पड़ा. वहीं, स्कूल शिक्षा विभाग भी इन हालातों के सामने बेबस नजर आ रहा है.

इन स्कूलों के 362 बच्चों की पढ़ाई प्रभावित : सीबीइओ दलवीर सिंह ने बताया कि सेवर क्षेत्र के गांव बराखुर, नगला केवल, जिरौली और नगला लोधा के स्कूलों में पिछले करीब एक माह से जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिसकी वजह से स्कूल संचालन में समस्या हो रही है. धीरे-धीरे स्कूलों से जल निकासी के प्रयास किए जा रहे हैं.

पढ़ें : कैसे पढ़ें बच्चे...भारी बारिश के बाद टापू बना स्कूल, क्लास में घुसा पानी - Water Logging in Jaisalmer

सीबीइओ दलवीर सिंह ने बताया कि संभवतः अगले एक-डेढ़ माह तक ये समस्या बनी रह सकती है. वर्तमान में राउमावि बराखुर, जिरौली और नगला लोधा के विद्यालयों के संचालन के लिए सरपंच की मदद से गांव में ही अलग-अलग जगह की व्यवस्था हो गई है. जब तक स्कूल परिसरों से पानी निकासी नहीं हो जाती तब तक वैकल्पिक स्थानों पर ही स्कूल संचालित किए जाएंगे.

पढ़ें : जलभराव के बीच से स्कूल जाने को मजबूर बच्चों ने किया प्रदर्शन - Students protest in Dholpur

वहीं, नगला केवल के स्कूल के 6 से 8वीं तक के बच्चों की कक्षाएं स्कूल परिसर के ही सूखे भाग में संचालित की जा रही हैं. 1 से 5 तक की कक्षाएं गांव के मंदिर परिसर में संचालित होती हैं. मंगलवार से गांव के सरपंच की ओर से टेंट की व्यवस्था भी कराई जाएगी.

Students in Schools
विद्यार्थियों के आंकड़े (ETV Bharat GFX)

गांवड़ी व नगला केवल के पूर्व सरपंच सत्य सिंह फौजदार ने बताया कि गांव में आसपास के कई गांवों जघीना, त्यौंगा, मडरपुर आदि का पानी मोड़ दिया गया है, जिसकी वजह से नगला केवल का पूरा गांव और स्कूल जलभराव की समस्या से जूझ रहा है. गांवों के कई मकानों में दरारें आ गई हैं. वहीं, स्कूल के बच्चों को सड़क, मंदिर आदि स्थानों पर पढ़ाना पड़ रहा है. इस संबंध में जिला कलेक्टर तक को लिखित शिकायत कर दी, लेकिन ना तो सुनवाई हो रही है और ना समस्या का समाधान हो रहा है.

निर्देश दिए हैं : जिला शिक्षा अधिकारी (प्रा.) रामेश्वर दयाल बंसल ने बताया कि नगला केवल स्कूल में जलभराव की जानकारी मेरे पास नहीं थी. अभी जानकारी मिली है. मैंने सीबीइओ को स्कूल संचालन की वैकल्पिक व्यवस्था कराने के निर्देश दे दिए हैं, साथ ही किसी तरह की कोई दुर्घटना नहीं हो, इसके लिए भी निर्देशित किया है.

362 बच्चों की पढ़ाई पर संकट (ETV Bharat Bharatpur)

भरतपुर: जिले के सेवर क्षेत्र के कई गांव गंभीरी नदी के पानी से प्रभावित हैं. साथ ही इन गांवों के सैकड़ों बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. क्षेत्र के चार गांवों के स्कूल जलमग्न हो गए हैं, जिसकी वजह से इन स्कूलों के 362 विद्यार्थियों की पढ़ाई पर संकट मंडरा रहा है. स्कूलों में पानी भरा होने की वजह से उधार के स्थानों पर स्कूल संचालित करने पड़ रहे हैं. कुछ दिन तो हालात ऐसे हो गए कि नगला केवल के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों को मंदिर और पैट्रोल पंप परिसर में पढ़ाना पड़ा. वहीं, स्कूल शिक्षा विभाग भी इन हालातों के सामने बेबस नजर आ रहा है.

इन स्कूलों के 362 बच्चों की पढ़ाई प्रभावित : सीबीइओ दलवीर सिंह ने बताया कि सेवर क्षेत्र के गांव बराखुर, नगला केवल, जिरौली और नगला लोधा के स्कूलों में पिछले करीब एक माह से जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिसकी वजह से स्कूल संचालन में समस्या हो रही है. धीरे-धीरे स्कूलों से जल निकासी के प्रयास किए जा रहे हैं.

पढ़ें : कैसे पढ़ें बच्चे...भारी बारिश के बाद टापू बना स्कूल, क्लास में घुसा पानी - Water Logging in Jaisalmer

सीबीइओ दलवीर सिंह ने बताया कि संभवतः अगले एक-डेढ़ माह तक ये समस्या बनी रह सकती है. वर्तमान में राउमावि बराखुर, जिरौली और नगला लोधा के विद्यालयों के संचालन के लिए सरपंच की मदद से गांव में ही अलग-अलग जगह की व्यवस्था हो गई है. जब तक स्कूल परिसरों से पानी निकासी नहीं हो जाती तब तक वैकल्पिक स्थानों पर ही स्कूल संचालित किए जाएंगे.

पढ़ें : जलभराव के बीच से स्कूल जाने को मजबूर बच्चों ने किया प्रदर्शन - Students protest in Dholpur

वहीं, नगला केवल के स्कूल के 6 से 8वीं तक के बच्चों की कक्षाएं स्कूल परिसर के ही सूखे भाग में संचालित की जा रही हैं. 1 से 5 तक की कक्षाएं गांव के मंदिर परिसर में संचालित होती हैं. मंगलवार से गांव के सरपंच की ओर से टेंट की व्यवस्था भी कराई जाएगी.

Students in Schools
विद्यार्थियों के आंकड़े (ETV Bharat GFX)

गांवड़ी व नगला केवल के पूर्व सरपंच सत्य सिंह फौजदार ने बताया कि गांव में आसपास के कई गांवों जघीना, त्यौंगा, मडरपुर आदि का पानी मोड़ दिया गया है, जिसकी वजह से नगला केवल का पूरा गांव और स्कूल जलभराव की समस्या से जूझ रहा है. गांवों के कई मकानों में दरारें आ गई हैं. वहीं, स्कूल के बच्चों को सड़क, मंदिर आदि स्थानों पर पढ़ाना पड़ रहा है. इस संबंध में जिला कलेक्टर तक को लिखित शिकायत कर दी, लेकिन ना तो सुनवाई हो रही है और ना समस्या का समाधान हो रहा है.

निर्देश दिए हैं : जिला शिक्षा अधिकारी (प्रा.) रामेश्वर दयाल बंसल ने बताया कि नगला केवल स्कूल में जलभराव की जानकारी मेरे पास नहीं थी. अभी जानकारी मिली है. मैंने सीबीइओ को स्कूल संचालन की वैकल्पिक व्यवस्था कराने के निर्देश दे दिए हैं, साथ ही किसी तरह की कोई दुर्घटना नहीं हो, इसके लिए भी निर्देशित किया है.

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