भरतपुर: जिले के सेवर क्षेत्र के कई गांव गंभीरी नदी के पानी से प्रभावित हैं. साथ ही इन गांवों के सैकड़ों बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है. क्षेत्र के चार गांवों के स्कूल जलमग्न हो गए हैं, जिसकी वजह से इन स्कूलों के 362 विद्यार्थियों की पढ़ाई पर संकट मंडरा रहा है. स्कूलों में पानी भरा होने की वजह से उधार के स्थानों पर स्कूल संचालित करने पड़ रहे हैं. कुछ दिन तो हालात ऐसे हो गए कि नगला केवल के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों को मंदिर और पैट्रोल पंप परिसर में पढ़ाना पड़ा. वहीं, स्कूल शिक्षा विभाग भी इन हालातों के सामने बेबस नजर आ रहा है.
इन स्कूलों के 362 बच्चों की पढ़ाई प्रभावित : सीबीइओ दलवीर सिंह ने बताया कि सेवर क्षेत्र के गांव बराखुर, नगला केवल, जिरौली और नगला लोधा के स्कूलों में पिछले करीब एक माह से जलभराव की स्थिति बनी हुई है, जिसकी वजह से स्कूल संचालन में समस्या हो रही है. धीरे-धीरे स्कूलों से जल निकासी के प्रयास किए जा रहे हैं.
सीबीइओ दलवीर सिंह ने बताया कि संभवतः अगले एक-डेढ़ माह तक ये समस्या बनी रह सकती है. वर्तमान में राउमावि बराखुर, जिरौली और नगला लोधा के विद्यालयों के संचालन के लिए सरपंच की मदद से गांव में ही अलग-अलग जगह की व्यवस्था हो गई है. जब तक स्कूल परिसरों से पानी निकासी नहीं हो जाती तब तक वैकल्पिक स्थानों पर ही स्कूल संचालित किए जाएंगे.
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वहीं, नगला केवल के स्कूल के 6 से 8वीं तक के बच्चों की कक्षाएं स्कूल परिसर के ही सूखे भाग में संचालित की जा रही हैं. 1 से 5 तक की कक्षाएं गांव के मंदिर परिसर में संचालित होती हैं. मंगलवार से गांव के सरपंच की ओर से टेंट की व्यवस्था भी कराई जाएगी.
गांवड़ी व नगला केवल के पूर्व सरपंच सत्य सिंह फौजदार ने बताया कि गांव में आसपास के कई गांवों जघीना, त्यौंगा, मडरपुर आदि का पानी मोड़ दिया गया है, जिसकी वजह से नगला केवल का पूरा गांव और स्कूल जलभराव की समस्या से जूझ रहा है. गांवों के कई मकानों में दरारें आ गई हैं. वहीं, स्कूल के बच्चों को सड़क, मंदिर आदि स्थानों पर पढ़ाना पड़ रहा है. इस संबंध में जिला कलेक्टर तक को लिखित शिकायत कर दी, लेकिन ना तो सुनवाई हो रही है और ना समस्या का समाधान हो रहा है.
निर्देश दिए हैं : जिला शिक्षा अधिकारी (प्रा.) रामेश्वर दयाल बंसल ने बताया कि नगला केवल स्कूल में जलभराव की जानकारी मेरे पास नहीं थी. अभी जानकारी मिली है. मैंने सीबीइओ को स्कूल संचालन की वैकल्पिक व्यवस्था कराने के निर्देश दे दिए हैं, साथ ही किसी तरह की कोई दुर्घटना नहीं हो, इसके लिए भी निर्देशित किया है.