लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी सूची में 7 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए हैं. जिसमें से तीन लोकसभा सीट पर वर्तमान सांसदों का टिकट काट दिया है. जिसमें सबसे बड़ा नाम प्रयागराज से रीता बहुगुणा जोशी का है. रीता बहुगुणा जोशी की जगह पूर्व राज्यपाल के श्रीनाथ त्रिपाठी के बेटे वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज त्रिपाठी को टिकट दिया है. इससे भारतीय जनता पार्टी ने स्पष्ट संकेत दिया है कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में भले ही रिश्तेदार क्यों न शामिल हो, नेता को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. वहीं, फूलपुर से केसरी देवी पटेल, बलिया से वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट कटा है. जबकि 2019 लोकसभा चुनाव से गाजीपुर से उम्मीदवार मनोज सिन्हा और मैनपुरी से प्रेम सिंह शाक्य की जगह दूसरे मौका दिया है. इस सूची में वर्तमान दो विधायकों को टिकट दिया गया है. वहीं, कैसरगंज, रायबरेली,देवरिया,भदोही, फिरोजाबाद पर अब भी सस्पेंस बरकरार है.
कौशांबी लोकसभा सीट (सुरक्षित): इस सीट पर एक बार फिर से एसपी उम्मीदवार विनोद सोनकर को भाजपा ने उम्मीदवार पर दांव खेला है. पिछले लोकसभा चुनाव में विनोद सोनकर ने 3.83 लाख वोट पाकर चुनाव जीता था. वहीं, सपा के इंद्रजीत सरोज 3.44 लाख वोट पाकर दूसरे स्थान पर थे.
मैनपुरी लोक सभा सीटः इस सीट से बीजेपी प्रदेश सरकार के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह को प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतारा है. जिनका सीधा मुकाबला सपा सांसद और प्रत्याशी डिंपल यादव से है. जबकि जयवीर सिंह फिरोजाबाद से चुनाव लड़ना चाहते थे.
इलाहाबाद लोकसभा सीटः इस सीट से रीता बहुगुणा जोशी का टिकट काटकर केसरी नाथ त्रिपाठी के बेटे नीरज त्रिपाठी को उम्मीदवार के तौर पर चुनावी मैदान में उतर गया है. मौजूदा समय में नीरज त्रिपाठी प्रदेश सरकार के AAG यानी कि एडिशनल एडवोकेट जनरल के पर तैनात है और प्रदेश के बड़े वकीलों में इनका नाम शामिल है.
बलिया लोकसभा सीटः इस सीट पर वर्तमान सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त को लेकर काफी एंटी इनकन्विंसिंग चल रही थी. भाजपा के सर्वे में सर्वे में रिपोर्ट ठीक नहीं थी. जिसके कारण इनका टिकट कटा गया है. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी ने नीरज शेखर को चुनावी मैदान में उतारा है. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर ने जुलाई 2019 में समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद के पद को छोड़ कर बीजेपी का दामन थामा था.
फूलपुर लोकसभा सीटः फूलपुर विधानसभा से बीजेपी विधायक प्रवीण पटेल को इस सीट से उम्मीदवार बनाया है. वर्तमान सांसद केसरी देवी पटेल का टिकट काटते हुए इन्हें उम्मीदवार बनाया गया है. प्रवीण पटेल 2007 में बसपा के टिकट पर फूलपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए थे. लेकिन 2012 में हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद 2017 से पाला बदलकर भाजपा में शामिल हो गए. भाजपा के टिकट पर 2017 व 2022 में फूलपुर विधानसभा चुनाव जीतने में कामयाब रहे थे.
गाजीपुर लोकसभा सीटः इस सीट से भाजपा ने अफजाल अंसारी के खिलाफ मनोज सिन्हा गुट के सिपहसलार पारसनाथ राय को टिकट देकर भाजपा ने अपनी तरफ से एक मजबूत उम्मीदवार उतार दिया है. जम्मू कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा के करीबियों में इनका नाम शामिल है. भाजपा और संघ से लंबे समय से जुड़े रहने के कारण सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी के खिलाफ चुनाव में उतारा है. पारस नाथ पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट से पिछली बार मनोज सिन्हा उम्मीदवार थे, जिन्हें हार का सामना करना पड़ा था.
मछली शहर लोकसभा सीटः इस सीट से वर्तमान सांसद भोलानाथ सरोज (बीपी) को तीसरी बार भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है. बीपी सरोज मछलीशहर तहसील के मादरडीह गांव के मूलतः रहने वाले हैं और इनकी गिनती महाराष्ट्र के उद्योगपतियों में होती है. बीपी सरोज 2019 में बसपा प्रत्याशी टीराम को हराकर जीत हासिल की थी. इन्होंने 2012 में बसपा की सदस्यता ग्रहण कर 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन हार गए थे. इसके बाद 2019 में भाजपा में शामिल हो गए और बसपा प्रत्याशी टी राम को 181 मतों से हराया था.
अब तक 70 सीटों पर कैंडिडेट्स उतारे, 13 सांसदों के टिकट कटेः आज की सूची में सामान्य वर्ग को 4, एससी/एसटी को 2 और ओबीसी को एक सीट पर मौका दिया गया है. उत्तर प्रदेश में भाजपा अब तक 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतार चुकी है. इसमें से पार्टी अब तक 12 वर्तमान सांसदों का टिकट काट चुकी है. 5 सीटें एनडीए के सहयोगी दलों को दी गई हैं, ऐसे में बीजेपी को अभी यूपी की 5 और सीटों, रायबरेली, कैसरगंज, देवरिया, भदोही और फिरोजाबाद पर उम्मीदवारों की घोषणा करनी है.
दूसरी सूची में नौ सांसदों कटा था टिकटः भाजपा ने दूसरी सूची में मेरठ से वर्तमान सांसद राजेंद्र अग्रवाल, कानपुर से सत्यदेव पचौरी, गाजियाबाद से जनरल वीके सिंह, पीलीभीत से वरुण गाँधी, बरेली से संजीव गंगवार, बदायूं से संघमित्रा मौर्य, बहराइच के अक्षयबर लाल गोंड, हाथरस से राजवीर दिलेर का टिकट काट दिया था. वहीं, बाराबंकी से उपेंद्र रावत ने टिकट लेने से इनकार कर दिया था. तीसरी सूची में इलाहाबाद से रीता बहुगुणा जोशी, बलिया से वीरेंद्र सिंह मस्त और फूलपुर से केशरी देवी पटेल का टिकट कट गया है.
कैसरगंज सीट पर अभी भी पेंच फंसाः अत्यधिक विवादित गोंडा जिले की कैसरगंज लोकसभा सीट पर पेंच अभी भी फंसा हुआ है. पहलवानों के साथ यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के टिकट पर मंथन जारी है, इसलिए इस सीट से उम्मीदवार की घोषणा नहीं हो सकी है. पहले चर्चा हो रही थी कि बृज भूषण की पत्नी केतकी सिंह को टिकट दिया जा सकता है.