जयपुर. पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल के अंतिम 6 महीने में लिए गए निर्णयों की समीक्षा भजन लाल सरकार ने शुरू कर दी है. समीक्षा को लेकर बनाई गई मंत्रिमंडलीय कमेटी की आज पहली बैठक कैबिनेट मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की अध्यक्षता में हुई. चार सदस्य वाली मंत्रिमंडलीय कमेटी ने अपनी पहली बैठक में 200 से अधिक निर्णय को लिस्टेड कर लिया है.
अब इन सभी निर्णयों पर कमेटी हर सप्ताह मंगलवार को समीक्षा करेगी. पहली बैठक के बाद कमिटी ने साफ़ कर दिया कि किसी भी तरह से राजनीतिक द्वेष से कार्रवाई नहीं होगी, लेकिन सरकार ने अपने चहेतों को नियम विरुद्ध कोई लाभ दिया है या फिर किसी तरह का प्रदेश के हित के विरुद्ध कोई निर्णय लिया है तो उसका समीक्षा भी होगी और एक्शन भी.
200 निर्णय हुए लिस्टेड : कमेटी के संयोजक मंत्री गजेंद्र खींवसर ने बताया कि विभागवार समीक्षा की जाएगी. सभी विभागों के प्रकरणों की सूची तैयार की जा रही है. कमेटी ने काम शुरू किया है आज तो रोड मैप तय किया है किस तरह से काम करना है , किसकी क्या जिम्मेदारी होगी और किस तरह से फैसले समीक्षा के दायरे में आएंगे. उन्होंने कहा कि कमेटी साप्ताहिक समीक्षा करके माह डेढ़ माह में रिपोर्ट तैयार करेगी, जो मुख्यमंत्री को देनी है. इसको लेकर हर सप्ताह मंगलवार को समीक्षा बैठक होगी. लगभग दो सौ प्रकरणों को सूचीबद्ध किया गया है, जिनकी समीक्षा होगी . खींवसर ने बताया कि जितने भी अंतिम 6 महीने में कैबिनेट के निर्णय लिए गए है, उन सभी की विभागवार समीक्षा होगी.
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राजनीतिक द्वेष से कोई कार्रवाई नहीं होगी : कमेटी के सदस्य और मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि नॉन BSR के तरह जो टेंडर किये गए हैं, जिसकी राशि एक करोड़ से ज्यादा है और व्यक्तिगत लाभ के निर्णय लिया है तो उसकी समीक्षा की जाएगी. उन्होंने कहा कि राजनीतिक द्वेष से कोई निर्णय नहीं लिया जाएगा. जोगाराम ने कहा कि बदले की भावना से निर्णय नहीं लेंगे. नए जिले बनाने को लेकर लिए गए पूर्ववर्ती सरकार के निर्णय को लेकर पटेल ने कहा कि अभी कुछ भी कहना सही नहीं होगा, लेकिन संभावना है कि वो निर्णय भी समीक्षा के दायरे में आ सकते हैं.