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8 फरवरी को पेश होगा भजनलाल सरकार का लेखानुदान बजट, यहां देखें क्या निकल सकता है खजाने से - भजनलाल सरकार का लेखानुदान बजट

प्रदेश की भजनलाल सरकार 8 फरवरी को अपना पहला बजट पेश करेगी. लोकसभा चुनाव के बीच एक ये पूर्णकालिक बजट न होकर लेखानुदान ही पेश होगा. खास बात है पिछले 20 सालों में पहली बार स्वतंत्र रूप से वित्त मंत्री बनीं दीया कुमारी ये बजट पेश करेंगी.

भजनलाल सरकार का लेखानुदान बजट
भजनलाल सरकार का लेखानुदान बजट
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 6, 2024, 6:28 PM IST

जयपुर. देश की मोदी सरकार ने 1 फरवरी को अपने इस कार्यकाल का अंतरिम बजट पेश कर दिया है. इस अंतरिम बजट में भी मोदी सरकार ने आम और खास को साधने की कोशिश की. केंद्र के बाद अब सब की निगाहें राजस्थान की भजनलाल सरकार भी टिकी हुई है. भजनलाल सरकार 8 फरवरी को लेखानुदान सदन में प्रस्तुत करेगी और जिसे पारित भी करवाया जाएगा. हालांकि, यह बजट पूर्णकालिक नहीं होकर लेखानुदान होगा. सबकी नजरें इस पर टिकी हुई है कि 20 साल के इतिहास में पहली बार स्वतंत्र रूप से वित्तमंत्री का जिम्मा संभाल रहीं दीया कुमारी लेखानुदान पेश करते वक्त प्रदेश की जनता को किस तरह का तोहफा देंगी?.

स्वतंत्र वित्त मंत्री के रूप में पहली बार होगा बजट पेश : राजस्थान के इतिहास में मुख्यमंत्री के पास वित्त मंत्रालय का जिम्मा छोड़ दें तो ऐसा पहली बार है कि जब कोई महिला स्वतंत्र रूप से वित्तमंत्री के रूप में बजट पेश करेंगी. इससे पहले मुख्यमंत्री ही बजट पेश करते थे. वर्ष 2003 से 2023 तक दो बार मुख्यमंत्री के रूप में वसुंधरा राजे और दो बार ही अशोक गहलोत ने वित्त मंत्री के तौर पर बजट पेश किया. हालांकि, यह बजट पूर्णकालिक नहीं होकर लेखानुदान होगा, जिसमें सरकार 3 महीने के लिए अपना लेखाअनुदान सदन में पेश कर उसे बहुमत के साथ पारित करवाएगी.

पढ़ें. भजनलाल सरकार का पहला बजट, युवा बोले- समय पर हो परीक्षा, महिला सुरक्षा पर दिया जाए विशेष ध्यान

क्या होता है लेखानुदान बजट : दरअसल, कोई भी नई सरकार बनती है तो उसे अपना बजट पेश करना होता है, लेकिन राजस्थान में जब भी नई सरकार बनती है तो, उसे लेखानुदान ही पारित करना होता है. राजस्थान में हमेशा सरकार का गठन दिसम्बर माह में ही होता है, जबकि 1 अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू होता है. ऐसे में कुछ महीनो के लिए सरकारी कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और अन्य सरकारी कार्यों के लिए राजकोष की जरूरत होती है. ऐसे में प्रावधान के अनुसार सरकार 3 महीने के लिए लेखानुदान ला सकती है, जिसे विधानसभा से मंजूरी लेनी होती है.

पूर्णकालिक बजट की दिखेगी छाया: लेखानुदान ही सही, लेकिन भजनलाल सरकार का यह पहला बजट होगा. ऐसे में माना जा रहा है कि बजट लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ही पेश किया जाएगा. लेखानुदान में पूर्णकालिक बजट की छाया दिखाई दे सकती है. महिलाओं के लिए खजाना खुल सकता है, जबकि युवाओं के लिए नौकरियों की घोषणाएं हो सकती है. इसके साथ चुनाव के बीच आम और ख़ास को देखते हुए पेट्रोल - डीजल पर लगाने वाले वेट को लेकर घोषणा हो सकती है.

जयपुर. देश की मोदी सरकार ने 1 फरवरी को अपने इस कार्यकाल का अंतरिम बजट पेश कर दिया है. इस अंतरिम बजट में भी मोदी सरकार ने आम और खास को साधने की कोशिश की. केंद्र के बाद अब सब की निगाहें राजस्थान की भजनलाल सरकार भी टिकी हुई है. भजनलाल सरकार 8 फरवरी को लेखानुदान सदन में प्रस्तुत करेगी और जिसे पारित भी करवाया जाएगा. हालांकि, यह बजट पूर्णकालिक नहीं होकर लेखानुदान होगा. सबकी नजरें इस पर टिकी हुई है कि 20 साल के इतिहास में पहली बार स्वतंत्र रूप से वित्तमंत्री का जिम्मा संभाल रहीं दीया कुमारी लेखानुदान पेश करते वक्त प्रदेश की जनता को किस तरह का तोहफा देंगी?.

स्वतंत्र वित्त मंत्री के रूप में पहली बार होगा बजट पेश : राजस्थान के इतिहास में मुख्यमंत्री के पास वित्त मंत्रालय का जिम्मा छोड़ दें तो ऐसा पहली बार है कि जब कोई महिला स्वतंत्र रूप से वित्तमंत्री के रूप में बजट पेश करेंगी. इससे पहले मुख्यमंत्री ही बजट पेश करते थे. वर्ष 2003 से 2023 तक दो बार मुख्यमंत्री के रूप में वसुंधरा राजे और दो बार ही अशोक गहलोत ने वित्त मंत्री के तौर पर बजट पेश किया. हालांकि, यह बजट पूर्णकालिक नहीं होकर लेखानुदान होगा, जिसमें सरकार 3 महीने के लिए अपना लेखाअनुदान सदन में पेश कर उसे बहुमत के साथ पारित करवाएगी.

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क्या होता है लेखानुदान बजट : दरअसल, कोई भी नई सरकार बनती है तो उसे अपना बजट पेश करना होता है, लेकिन राजस्थान में जब भी नई सरकार बनती है तो, उसे लेखानुदान ही पारित करना होता है. राजस्थान में हमेशा सरकार का गठन दिसम्बर माह में ही होता है, जबकि 1 अप्रैल से नया वित्तीय वर्ष शुरू होता है. ऐसे में कुछ महीनो के लिए सरकारी कर्मचारियों के वेतन, पेंशन और अन्य सरकारी कार्यों के लिए राजकोष की जरूरत होती है. ऐसे में प्रावधान के अनुसार सरकार 3 महीने के लिए लेखानुदान ला सकती है, जिसे विधानसभा से मंजूरी लेनी होती है.

पूर्णकालिक बजट की दिखेगी छाया: लेखानुदान ही सही, लेकिन भजनलाल सरकार का यह पहला बजट होगा. ऐसे में माना जा रहा है कि बजट लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर ही पेश किया जाएगा. लेखानुदान में पूर्णकालिक बजट की छाया दिखाई दे सकती है. महिलाओं के लिए खजाना खुल सकता है, जबकि युवाओं के लिए नौकरियों की घोषणाएं हो सकती है. इसके साथ चुनाव के बीच आम और ख़ास को देखते हुए पेट्रोल - डीजल पर लगाने वाले वेट को लेकर घोषणा हो सकती है.

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