जयपुर : प्रदेश की बीजेपी सरकार पूर्ववर्ती गहलोत सरकार की एक और योजना को बंद करने की तैयारी कर रही है. शिक्षा विभाग में कक्षा 8वीं तक के छात्रों को दूध उपलब्ध कराने वाली मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना की बजाय अब छात्रों को मिड डे मील में ही मिलेट्स देने की प्लानिंग की जा रही है. इसके पीछे शिक्षा मंत्री ने तर्क दिया है कि कुछ बच्चे पाउडर का दूध पीने से परहेज करते हैं और हर जगह गाय के दूध की उपलब्धता नहीं है. ऐसे में बच्चे कुपोषित न रहें, इसलिए पीने की जगह खाने का विकल्प सोचा जा रहा है.
नवंबर 2022 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना के तहत कक्षा 1 से 8वीं तक के करीब 69 लाख छात्रों को मिड डे मील के साथ मिल्क पाउडर से बना दूध उपलब्ध कराना शुरू किया था. योजना के तहत कक्षा 1 से 5 तक के छात्रों को 15 ग्राम पाउडर दूध से 150 मिलीमीटर दूध और कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों के लिए 20 ग्राम पाउडर दूध से 200 मिलीमीटर दूध पीने के लिए उपलब्ध कराया जाता था. जिस दूध को स्कूलों में छात्रों के पोषण स्तर को सुधारने के लिए शुरू किया गया था, उस पर वर्तमान बीजेपी सरकार कैंची चलाने जा रही है.
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बच्चों को कुपोषित नहीं देखना चाहते : स्कूलों में जुलाई के बाद से दूध पाउडर की सप्लाई नहीं हुई है. इस पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने तर्क दिया कि बाल गोपाल दूध योजना के तहत दिए जाने वाले दूध से कुछ बच्चे परहेज करते हैं. हालांकि, अभी एक्सपर्ट्स के साथ इसका हल ढूंढा जा रहा है कि बच्चों के लिए अच्छा क्या हो सकता है, ताकि बच्चों का स्वास्थ्य भी ठीक रहे. उन्होंने कहा कि गाय का दूध भी हर जगह संभव नहीं है और गारंटी भी नहीं है कि गाय का दूध मिलेगा. इसलिए सोच रहे हैं कि मिलेट्स (मोटे अनाज) से आपूर्ति की जाए, क्योंकि वो बच्चों को कुपोषित नहीं देखना चाहते, इसलिए पीने की जगह खाने की सामग्री भी आ सकती है. कदम वो उठाया जाएगा जो छात्रों के लिए स्वास्थ्यवर्धक रहे.