बैतूल। बैतूल में एक महिला ने सुपारी देकर अपने देवर की हत्या करवा दी. भाभी ने ये बड़ा अपराध अपने भाई और भाई के दोस्त के जरिए करवाया. पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, भाभी अभी फरार है. पुलिस के अनुसार 27 अप्रैल 2024 को थाना कोतवाली बैतूल में सूचना मिली थी कि मलियाढाना में श्यामा उइके के खेत की बंधिया के नीचे एक अज्ञात व्यक्ति का जला हुआ शव पड़ा है. पुलिस और एफएसएल टीम सहित वरिष्ठ अधिकारियों का दल घटनास्थल पर पहुंचा.
परिवार ने शव की शिनाख्ती से किया इनकार
प्रारंभिक जांच में पाया गया कि शव करीब 30 वर्षीय अज्ञात व्यक्ति का है, जो अधजली अवस्था में पड़ा था. मृतक के शरीर और चेहरे पर इस कदर जलने के निशान थे कि उसकी पहचान संभव नहीं हो पा रही थी. पुलिस ने आसपास के थाना क्षेत्रों में गुमशुदा लोगों की जानकारी जुटाई और मृतक के हुलिये के आधार पर पहचान के प्रयास किए. जांच के दौरान थाना झल्लार क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गाड़ागोहान से 25 अप्रैल 2024 को शंकर दाहीकर नामक व्यक्ति के गायब होने की सूचना मिली. परिवार ने उसकी पहचान से इंकार कर दिया.
डीएनए टेस्ट से हो सकी शिनाख्त
इसके बावजूद पुलिस ने जांच को आगे बढ़ाते हुए ऑनलाइन दर्ज गुमशुदगी की तस्वीर का शव से मिलान किया. संदेह के आधार पर मृतक के प्रिजर्व किए गए सैम्पल और शंकर दाहीकर के परिजनों के ब्लड सैम्पल का डीएनए परीक्षण कराया गया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि मृतक शंकर दाहीकर ही था. जांच में पाया गया कि मृतक शंकर दाहीकर का उसकी भाभी मनीता से लगातार विवाद होता था. मनीता ने अपने भाई संदीप दाहीकर को शंकर की हत्या करने के लिए उकसाया. इसके बाद 25 अप्रैल 2024 को संदीप दाहीकर अपने साथी नीलेश चौहान के साथ गाड़ागोहान में एक शादी समारोह में गया.
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शराब पीने के बहाने बुलाया और मार डाला
उन्होंने शंकर को शराब पीने के बहाने बुलाया. दोनों आरोपियों ने शंकर को साथ ले जाकर उसे अपने बेल्ट से गला घोंटकर मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद पेट्रोल से शव को जलाया और घटनास्थल से फरार हो गए. दोनों आरोपी संदीप दाहीकर (20) निवासी बर्रा कास्या, थाना झल्लार और नीलेश चौहान (20) निवासी बर्रा कास्या, थाना झल्लार महाराष्ट्र भाग गए थे. पुलिस ने दोनों को महाराष्ट्र से अभिरक्षा में लेकर पूछताछ की. पूछताछ में उन्होंने अपराध स्वीकार कर लिया. 19 अक्टूबर 2024 को दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इस मामले में एसडीओपी शालिनी परस्ते ने बताया कि लंबी जांच के बाद मामला का खुलासा हो सका.