बेतियाः जंगल का शिकारी गांव पहुंच गया है और उसे पकड़ने के लिए वन विभाग और पुलिस की टीम ने पूरे इलाके को घेर लिया है. करीब 12 दिनों पहले वीटीआर से भटके बाघ को बेतिया जिले के पुरैना गांव में देखा गया है. जिसके बाद मौके पर वन विभाग और पुलिस की टीम बाघ के रेस्क्यू की कोशिश में जुटी हुई है.
गन्ने के खेत में छिपे होने की खबरः जो खबर आ रही है उसके मुताबिक वीटीआर से निकला बाघ बेतिया जिले के चनपटिया इलाके के राजकीय राजकीय प्राथमिक विद्यालय पुरैना के पास दिखाई दिया. स्कूल की पश्चिम दिशा में करीब 20 एकड़ में लगे गन्न के खेत में बाघ के छिपे होने की खबर है. इस खबर के बाद वन विभाग और पुलिस टीम की करीह 30 गाड़ियां पहुंची हैं और बाघ का सर्च ऑपरेशन चल रहा है.
लोगों से घरों में रहने की अपीलः जंगल के शिकारी के सर्च ऑपरेशन के लिए पहुंची टीम ने माइकिंग के जरिये लोगों से घर में रहने की अपील की है. टीम ने घोषणा की कि "घर के बच्चों पर खास तौर पर ध्यान रखें ताकि वो घर से बाहर नहीं निकलें वरना उनको नुकसान पहुंच सकता है."
ग्रामीणों में खौफः चनपटियाके पुरैना गांव में बाघ देखे जाने के बाद ग्रामीणों में खौफ है. बाघ के गांव में घुसने की पुष्टि नदी किनारे मिले उसके पंजों के निशान से भी हो रही है, वहीं कई स्थानीय लोगों ने भी बाघ के देखे जाने और गन्ने के खेत में छिपे होने की तस्दीक की है.
"बाघ ने नीलगाय को सबसे पहले अपना शिकार बनाया. इसके बाद वीटीआर के जंगल से निकलकर बाघ बेतिया पहुंच चुका है. करताहा नदी के पास गन्ने के खेत में 3 दिन तक छुप कर बैठा रहा. नदी के किनारे-किनारे से निकलकर बाघ चनपटिया की ओर बढ़ा है. यहां उसे कुछ महिलाओं ने देखा है." सुनील पाठक, वन रेंजर, मंगुराहा
खेत के चारों तरफ बिछाया गया जालः फिलहाल बाघ को पकड़ने की कोशिशें तेज कर दी गयी हैं. मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने गन्ने के खेत के चारों तरफ जाल बिछा दिया है और बाघ के बाहर आने का इंतजार किया जा रहा है. वहीं किसी भी विपरीत परिस्थिति से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस के जवान भी मौजूद हैं.