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'आप लाइन क्रॉस किए तो हम भी सीमा पार करेंगे, इसलिए दायरे में रहिए', JDU प्रत्याशी की हुंकार

बेलागंज उपचुनाव दिलचस्प मोड़ ले रहा है. जेडीयू प्रत्याशी मनोरमा देवी ने आरजेडी उम्मीदवार को दायरे में रहकर प्रचार करने की नसीहत दी है. पढ़ें

Manorma Devi
मनोरमा देवी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 3 hours ago

गया : बिहार में विधानसभा की चार सीटों पर उपचुनाव है. इसमें गया जिले की दो विधानसभा सीटें हैं. इन सीटों में बेलागंज और इमामगंज विधानसभा शामिल हैं. इन दोनों सीटों पर घमासान है. कहा जा रहा है कि लड़ाई रोचक होगी. मामला काफी नजदीकी होगा.

मनोरमा देवी से खास बातचीत : बेलागंज विधानसभा की बात करें, तो एनडीए की ओर से जदयू की प्रत्याशी मनोरमा देवी मैदान में हैं. मनोरमा देवी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस चुनाव को लेकर मनोरमा देवी ने कई तरह की बातें बताई. वहीं, विरोधियों को भी खुली चुनौती दी है.

मनोरमा देवी से खास बातचीत. (ETV Bharat)

''इस बार बदलाव होकर रहेगा. 1990 से जो कुशासन चला आ रहा है, उसके हिस्से में इस बार हार होगी. निर्वाचन क्षेत्र का भ्रमण कर रही हूं. बेलागंज विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां अब तक कुछ काम नहीं हुआ है. यहां सारा का सारा जो विकास का कार्य होना चाहिए, वह बचा हुआ है.''- मनोरमा देवी, जेडीयू प्रत्याशी

'जनता हमारी शक्ति' : 34-35 सालों से राजद के इस सीट पर अजेय रहने की बात परमनोरमा देवी ने कहा कि वह खुद को शक्तिशाली नहीं मानती है. वह जनता की शक्ति को सर्वोपरी मानती हैं. वह चाहती है कि जनता अपनी शक्ति दिखाएं, ताकि अमन चैन लौटे. बेलागंज का विकास हो, इसी को लेकर जनता ने हमें बुलाया है.

''जनता ने बुलाया है. काफी सपोर्ट जनता के द्वारा हो रहा है. जिस तरह से जनता हमें प्यार दे रही है, हमें जिताने के लिए काम कर रही है. उस तरह से मैं भी बेलागंज की बेटी-बहन बनकर काम करूंगी. महिला ही नहीं, बल्कि मुझे हर वर्ग का सपोर्ट मिल रहा है. चाहे युवा हो या बुजुर्ग हो, कोई भी जात समूह हो, सब इस बार बदलाव के मूड में है और यह बदलाव होकर रहेगा.''- मनोरमा देवी, जेडीयू प्रत्याशी

Manorma Devi
बेलागंज से जेडीयू प्रत्याशी मनोरमा देवी (ETV Bharat)

'आप सीमा पार करेंगे, तो हम भी दायरे को पार करेंगे' : वहीं, प्रतिद्वंदी को खुली चुनौती देते हुए मनोरमा देवी ने कहा कि यदि सामने वाला प्रतिद्वंदी सीमा पार करेगा, तो वह भी सीमा को पार करेंगी. दायरे में संस्कार में रहकर प्रचार आप भी करें, प्रचार हम भी करें, जनता जो जवाब देगी, वही हमें स्वीकार होगा.

NIA रेड पर बोलीं मनोरमा देवी : मनोरमा देवी को हालिया सालों में विपरीत हालातों से भी जूझना पड़ा है. एनआईए की रेड भी उनके आवास पर पड़ी है. एनआईए की रेड पर कहा कि सरकार का काम है, सरकार करेगी. हमें जनता के लिए काम करना है और वह कर रही हूं. इसका सबसे बड़ा जवाब यह है, कि 13 अक्टूबर की वोटिंग को दिखेगा, हमारे लिए कितना उत्साह होगा, कितना उमंग होगा, सब दिखेगा.

बेलागंज RJD का अभेद्य किला : बिहार का बेलागंज विधानसभा राजद के लिए अभेध किले के रूप में है. बेलागंज विधानसभा सीट पर राजद पिछले 34-35 सालों से अजेय है. बड़ी बात यह है कि मगध सम्राट कहे जाने वाले सुरेंद्र प्रसाद यादव इस सीट पर लगातार काबिज रहे हैं.

सुरेंद्र यादव 8 बार विधायक, 9वीं बार में पुत्र मैदान में : बेलागंज विधानसभा में पहली बार सुरेंद्र प्रसाद यादव जीते. इसके बाद 1995 में भी जीते. बीच में लोकसभा चुनाव लड़े. 1998 से लेकर 2000 को छोड़ दें, तो तब से यह विधानसभा सीट सुरेंद्र प्रसाद यादव के कब्जे में है. इस बार उनके पुत्र विश्वनाथ प्रसाद सिंह मैदान में उतरे हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में सुरेंद्र यादव जहानाबाद से सांसद बने हैं.

मनोरमा दोवी की जनता में अच्छी पकड़ : मनोरमा देवी पूर्व विधान पार्षद भी रह चुकी हैं. जनता में उनकी पकाफी कड़ है. विवादित छवि से मनोरमा देवी काफी दूर रही हैं. यही वजह है, कि जनता में उनकी लोकप्रियता बनी हुई है. इस तरह एक ओर मगध सम्राट का लेबल पाए सुरेंद्र प्रसाद यादव के पुत्र को यह सीट बचाने की चुनौती होगी. वही, मनोरमा देवी के सामने इस अभेद्य दुर्ग को ध्वस्त करने की चुनौती है.

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गया : बिहार में विधानसभा की चार सीटों पर उपचुनाव है. इसमें गया जिले की दो विधानसभा सीटें हैं. इन सीटों में बेलागंज और इमामगंज विधानसभा शामिल हैं. इन दोनों सीटों पर घमासान है. कहा जा रहा है कि लड़ाई रोचक होगी. मामला काफी नजदीकी होगा.

मनोरमा देवी से खास बातचीत : बेलागंज विधानसभा की बात करें, तो एनडीए की ओर से जदयू की प्रत्याशी मनोरमा देवी मैदान में हैं. मनोरमा देवी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. इस चुनाव को लेकर मनोरमा देवी ने कई तरह की बातें बताई. वहीं, विरोधियों को भी खुली चुनौती दी है.

मनोरमा देवी से खास बातचीत. (ETV Bharat)

''इस बार बदलाव होकर रहेगा. 1990 से जो कुशासन चला आ रहा है, उसके हिस्से में इस बार हार होगी. निर्वाचन क्षेत्र का भ्रमण कर रही हूं. बेलागंज विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो यहां अब तक कुछ काम नहीं हुआ है. यहां सारा का सारा जो विकास का कार्य होना चाहिए, वह बचा हुआ है.''- मनोरमा देवी, जेडीयू प्रत्याशी

'जनता हमारी शक्ति' : 34-35 सालों से राजद के इस सीट पर अजेय रहने की बात परमनोरमा देवी ने कहा कि वह खुद को शक्तिशाली नहीं मानती है. वह जनता की शक्ति को सर्वोपरी मानती हैं. वह चाहती है कि जनता अपनी शक्ति दिखाएं, ताकि अमन चैन लौटे. बेलागंज का विकास हो, इसी को लेकर जनता ने हमें बुलाया है.

''जनता ने बुलाया है. काफी सपोर्ट जनता के द्वारा हो रहा है. जिस तरह से जनता हमें प्यार दे रही है, हमें जिताने के लिए काम कर रही है. उस तरह से मैं भी बेलागंज की बेटी-बहन बनकर काम करूंगी. महिला ही नहीं, बल्कि मुझे हर वर्ग का सपोर्ट मिल रहा है. चाहे युवा हो या बुजुर्ग हो, कोई भी जात समूह हो, सब इस बार बदलाव के मूड में है और यह बदलाव होकर रहेगा.''- मनोरमा देवी, जेडीयू प्रत्याशी

Manorma Devi
बेलागंज से जेडीयू प्रत्याशी मनोरमा देवी (ETV Bharat)

'आप सीमा पार करेंगे, तो हम भी दायरे को पार करेंगे' : वहीं, प्रतिद्वंदी को खुली चुनौती देते हुए मनोरमा देवी ने कहा कि यदि सामने वाला प्रतिद्वंदी सीमा पार करेगा, तो वह भी सीमा को पार करेंगी. दायरे में संस्कार में रहकर प्रचार आप भी करें, प्रचार हम भी करें, जनता जो जवाब देगी, वही हमें स्वीकार होगा.

NIA रेड पर बोलीं मनोरमा देवी : मनोरमा देवी को हालिया सालों में विपरीत हालातों से भी जूझना पड़ा है. एनआईए की रेड भी उनके आवास पर पड़ी है. एनआईए की रेड पर कहा कि सरकार का काम है, सरकार करेगी. हमें जनता के लिए काम करना है और वह कर रही हूं. इसका सबसे बड़ा जवाब यह है, कि 13 अक्टूबर की वोटिंग को दिखेगा, हमारे लिए कितना उत्साह होगा, कितना उमंग होगा, सब दिखेगा.

बेलागंज RJD का अभेद्य किला : बिहार का बेलागंज विधानसभा राजद के लिए अभेध किले के रूप में है. बेलागंज विधानसभा सीट पर राजद पिछले 34-35 सालों से अजेय है. बड़ी बात यह है कि मगध सम्राट कहे जाने वाले सुरेंद्र प्रसाद यादव इस सीट पर लगातार काबिज रहे हैं.

सुरेंद्र यादव 8 बार विधायक, 9वीं बार में पुत्र मैदान में : बेलागंज विधानसभा में पहली बार सुरेंद्र प्रसाद यादव जीते. इसके बाद 1995 में भी जीते. बीच में लोकसभा चुनाव लड़े. 1998 से लेकर 2000 को छोड़ दें, तो तब से यह विधानसभा सीट सुरेंद्र प्रसाद यादव के कब्जे में है. इस बार उनके पुत्र विश्वनाथ प्रसाद सिंह मैदान में उतरे हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में सुरेंद्र यादव जहानाबाद से सांसद बने हैं.

मनोरमा दोवी की जनता में अच्छी पकड़ : मनोरमा देवी पूर्व विधान पार्षद भी रह चुकी हैं. जनता में उनकी पकाफी कड़ है. विवादित छवि से मनोरमा देवी काफी दूर रही हैं. यही वजह है, कि जनता में उनकी लोकप्रियता बनी हुई है. इस तरह एक ओर मगध सम्राट का लेबल पाए सुरेंद्र प्रसाद यादव के पुत्र को यह सीट बचाने की चुनौती होगी. वही, मनोरमा देवी के सामने इस अभेद्य दुर्ग को ध्वस्त करने की चुनौती है.

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