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गणेश चतुर्थी से पहले गाजियाबाद में सजा मूर्तियों का बाजार, इको फ्रेंडली मूर्तियां बनी लोगों को पहली पसंद - GANESH CHATURTHI 2024 - GANESH CHATURTHI 2024

GANESH CHATURTHI 2024: हिंदू धर्म में किसी भी पूजा-अनुष्ठान में भगवान गणेश की पूजा का विधान है. इसलिए उन्हें प्रथमेश के नाम से भी जाना जाता है. वहीं इसबार गणेश चतुर्थी से पहले गाजियाबाद में इको फ्रेंडली मूर्तियों की मांग में इजाफा देखा जा रहा है. आइए जानते हैं इन मूर्तियों के बारे में मूर्तिकार ने क्या बताया..

गणेश चतुर्थी गाजियाबाद में सजा मूर्तियों का बाजार
गणेश चतुर्थी गाजियाबाद में सजा मूर्तियों का बाजार (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 31, 2024, 10:41 PM IST

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गणेश चतुर्थी का पर्व देशभर में बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस बार यह सात सितंबर को मनाया जाएगा, जिसके चलते बाजारों में अब रौनक देखने को मिल रही है. वहीं दूसरी तरफ मूर्तिकार, मूर्तियों की सजावट को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. खरीदारों की डिमांड के अनुसार बाजार में मूर्तियां मौजूद हैं.

गाजियाबाद के मेरठ रोड पर इन दिनों दर्जनों दुकानों पर भगवान गणपति की मूर्तियां सजी हुई हैं. वहीं खरीदार भी अपनी मनपसंद मूर्ति को बुक करने के लिए दुकानों पर पहुंच रहे हैं. इस साल इको फ्रेंडली मूर्ति की खासा मांग देखी जा रही है, जिसे देखते हुए मूर्तिकार भी अधिकतर इको फ्रेंडली मूर्तियां ही तैयार कर रहे हैं.

क्या है इको फ्रेंडली मूर्ति: दरअसल इको फ्रेंडली मूर्ति पानी में आसानी से घुल जाती है. साथ ही इससे पानी में भी किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं फैलता. जबकि सामान्य रूप से मूर्ति को प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनाया जाता है, जो पानी में आसानी से नहीं घुल सकता. वहीं इको फ्रेंडली मूर्तियों को बनाने में प्लास्टर ऑफ पेरिस का सिर्फ पांच प्रतिशत ही उपयोग किया जाता है. साथ ही साथ इन्हें हर्बल रंगों से सजाया जाता है, जो कि केमिकलयुक्त रंगों की तरह पानी को प्रदूषित नहीं करते. कुल मिलाकर यह मूर्तियां मिट्टी, हर्बल रंग व अन्य प्रकृतिक चीजों से तैयार की जाती हैं.

विभिन्न साइजों में उपलब्ध हैं मूर्तियां
विभिन्न साइजों में उपलब्ध हैं मूर्तियां (ETV Bharat)

यह भी पढ़ें- गणेश चतुर्थी का आयोजन करने पर आम आदमी पार्टी की मान्यता रद्द करने का आदेश नहीं दे सकते: हाईकोर्ट

25 हजार रुपये तक की मूर्ति उपलब्ध: मूर्तियों के व्यवसाय से करीब एक दशक से भी अधिक समय से जुड़े मूर्तिकार भीम बताते हैं कि, अभी मूर्तियों की बुकिंग हो रही है. जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आएगा, बुकिंग भी बढ़ेगी. बाजार में 100 रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक की मूर्ति मौजूद है. बड़ी मूर्तियों की बुकिंग पहले ही हो जाती है. लोग अक्सर ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि बड़ी मूर्तियां जल्द ही आउट ऑफ स्टॉक हो जाती हैं. उन्होंने बताया कि उनका परिवार इसी काम में शामिल है.

यह भी पढ़ें- जब कोरोना से हिल गई थी दुनिया, तब इस आर्टिस्ट ने बंद कमरे में बना डाली भगवान गणपति की सैकड़ों तस्वीरें-पढ़िए दिलचस्प कहानी

नई दिल्ली/गाजियाबाद: गणेश चतुर्थी का पर्व देशभर में बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस बार यह सात सितंबर को मनाया जाएगा, जिसके चलते बाजारों में अब रौनक देखने को मिल रही है. वहीं दूसरी तरफ मूर्तिकार, मूर्तियों की सजावट को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. खरीदारों की डिमांड के अनुसार बाजार में मूर्तियां मौजूद हैं.

गाजियाबाद के मेरठ रोड पर इन दिनों दर्जनों दुकानों पर भगवान गणपति की मूर्तियां सजी हुई हैं. वहीं खरीदार भी अपनी मनपसंद मूर्ति को बुक करने के लिए दुकानों पर पहुंच रहे हैं. इस साल इको फ्रेंडली मूर्ति की खासा मांग देखी जा रही है, जिसे देखते हुए मूर्तिकार भी अधिकतर इको फ्रेंडली मूर्तियां ही तैयार कर रहे हैं.

क्या है इको फ्रेंडली मूर्ति: दरअसल इको फ्रेंडली मूर्ति पानी में आसानी से घुल जाती है. साथ ही इससे पानी में भी किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं फैलता. जबकि सामान्य रूप से मूर्ति को प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनाया जाता है, जो पानी में आसानी से नहीं घुल सकता. वहीं इको फ्रेंडली मूर्तियों को बनाने में प्लास्टर ऑफ पेरिस का सिर्फ पांच प्रतिशत ही उपयोग किया जाता है. साथ ही साथ इन्हें हर्बल रंगों से सजाया जाता है, जो कि केमिकलयुक्त रंगों की तरह पानी को प्रदूषित नहीं करते. कुल मिलाकर यह मूर्तियां मिट्टी, हर्बल रंग व अन्य प्रकृतिक चीजों से तैयार की जाती हैं.

विभिन्न साइजों में उपलब्ध हैं मूर्तियां
विभिन्न साइजों में उपलब्ध हैं मूर्तियां (ETV Bharat)

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25 हजार रुपये तक की मूर्ति उपलब्ध: मूर्तियों के व्यवसाय से करीब एक दशक से भी अधिक समय से जुड़े मूर्तिकार भीम बताते हैं कि, अभी मूर्तियों की बुकिंग हो रही है. जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आएगा, बुकिंग भी बढ़ेगी. बाजार में 100 रुपये से लेकर 25 हजार रुपये तक की मूर्ति मौजूद है. बड़ी मूर्तियों की बुकिंग पहले ही हो जाती है. लोग अक्सर ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि बड़ी मूर्तियां जल्द ही आउट ऑफ स्टॉक हो जाती हैं. उन्होंने बताया कि उनका परिवार इसी काम में शामिल है.

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