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रायपुर के वैगन रिपेयर शॉप में वेस्ट मटेरियल से बनाए जा रहे कमाल के जुगाड़

कबाड़ से भी जुगाड़ बनाया जा सकता है. रायपुर के रेलवे वैगन रिपेयर शॉप में कुछ ऐसे कबाड़ से जुगाड़ तैयार किए गये हैं.

MAKING ART FROM SCRAP
कबाड़ से सुंदरता का जुगाड़ (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 3 hours ago

रायपुर: WRS कॉलोनी में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का वैगन रिपेयर शॉप है. मालगाड़ी के वैगन रिपेयर करने के साथ ही यहां काम करने वाला स्टाफ ट्रेनिंग सेंटर में लोगों को ट्रेनिंग देने का भी काम करते हैं. यहां पर स्क्रैप यानी कि कबाड़ से कैसे कलाकृति बनाई जाती है ये भी सिखाते हैं. यहां बनाए गए कबाड़ के लोहे से गणपति और अमर जवान ज्योति, गेटवे ऑफ इंडिया, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, हैमर मैन और तोप जैसी चीजें बनाई गई हैं.

बड़े कमाल का कबाड़: रायपुर रेल मंडल के एडिशनल डीआरएम बजरंग अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने बताया कि स्वच्छता के क्षेत्र में भारतीय रेल अग्रसर रही है. अपने कार्यालय और परिसर के साथ ही अन्य जगहों पर स्वच्छता के प्रति हमेशा ध्यान देती है. कर्मचारियों का प्रथम लक्ष्य भी यही रहता है कि हम स्वच्छता बनाए रखें. स्क्रैप मटेरियल को लेकर उन्होंने कहा कि कबाड़ जिसे हम या तो बेच सकते हैं या फिर फेंक देते हैं. ऐसे कबाड़ से यहां के स्टाफ के द्वारा कई तरह की आकर्षक कलाकृतियां बनाई गई है जो पूरी तरह से स्क्रैप से तैयार की गई है.

कबाड़ से सुंदरता का जुगाड़: एडिशनल डीआरएम बजरंग अग्रवाल ने बताया कि यहां का स्टाफ इन चीजों को बेचने के बजाय अलग-अलग कलाकृतियां बनाने में इस्तेमाल करते हैं. गणेश प्रतिमा और गेटवे ऑफ इंडिया की प्रतिमा के साथ ही कई अन्य तरह की प्रतिमा भी स्क्रैप से बनाई गई हैं. जो भी स्क्रैप निकलता है उसको एग्जीबिशन में लगाया जाता है. उसके बाद इसे कलाकृति बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. इन कलाकृतियों को बेचे जाने के सवाल पर एडिशनल डीआरएम का कहना है कि यह एक प्रेरणा के तौर पर देखा जा रहा है. इसके लिए रेलवे के द्वारा अपने स्टाफ और कारीगरों को हमेशा पुरस्कृत करते रहती है.

हुनर दिखाने वालों का होता है सम्मान: वैगन रिपेयर शॉप के स्टाफ अशोक देवांगन ने बताया कि कम से कम 7 से 10 का स्टाफ है जो यहां पर बुनियादी ट्रेनिंग सेंटर में लोगों को वैगन रिपेयर करने की ट्रेनिंग देते हैं. इसके साथ ही स्क्रैप से किस तरह की कलाकृति बनाई जा सकती है इस बात की जानकारी भी लोगों को दी जाती है. रेल के जो वेस्टेज या स्क्रैप पार्ट हैं उसको बेहतर ढंग से किस तरह से उपयोग किया जा सकता है. वेस्ट से बेस्ट क्या बना सकते है इस पर भी ध्यान केंद्रित किया जाता है.

वेस्ट से बेस्ट बनाने का करते हैं काम: वैगन रिपेयर शॉप के स्टाफ अशोक देवांगन ने बताया कि वैगन रिपेयर शॉप में बुनियादी ट्रेनिंग सेंटर में बच्चे 1 साल के लिए ट्रेनिंग के लिए आते हैं उस दरमियान वैगन रिपेयर करने के अलावा उन्हें स्क्रैप से कलाकृतियां कैसी बनाई जाती है इसकी भी विस्तार से जानकारी दी जाती है. वेस्ट मटेरियल से अशोक देवांगन पिछले 10 सालों से मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं. इसके पहले भी झांसी लखनऊ और दिल्ली के वैगन रिपेयर शॉप में कई कलाकृति बना चुके हैं.

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रायपुर: WRS कॉलोनी में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का वैगन रिपेयर शॉप है. मालगाड़ी के वैगन रिपेयर करने के साथ ही यहां काम करने वाला स्टाफ ट्रेनिंग सेंटर में लोगों को ट्रेनिंग देने का भी काम करते हैं. यहां पर स्क्रैप यानी कि कबाड़ से कैसे कलाकृति बनाई जाती है ये भी सिखाते हैं. यहां बनाए गए कबाड़ के लोहे से गणपति और अमर जवान ज्योति, गेटवे ऑफ इंडिया, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, सरदार वल्लभ भाई पटेल, हैमर मैन और तोप जैसी चीजें बनाई गई हैं.

बड़े कमाल का कबाड़: रायपुर रेल मंडल के एडिशनल डीआरएम बजरंग अग्रवाल ने बताया कि उन्होंने बताया कि स्वच्छता के क्षेत्र में भारतीय रेल अग्रसर रही है. अपने कार्यालय और परिसर के साथ ही अन्य जगहों पर स्वच्छता के प्रति हमेशा ध्यान देती है. कर्मचारियों का प्रथम लक्ष्य भी यही रहता है कि हम स्वच्छता बनाए रखें. स्क्रैप मटेरियल को लेकर उन्होंने कहा कि कबाड़ जिसे हम या तो बेच सकते हैं या फिर फेंक देते हैं. ऐसे कबाड़ से यहां के स्टाफ के द्वारा कई तरह की आकर्षक कलाकृतियां बनाई गई है जो पूरी तरह से स्क्रैप से तैयार की गई है.

कबाड़ से सुंदरता का जुगाड़: एडिशनल डीआरएम बजरंग अग्रवाल ने बताया कि यहां का स्टाफ इन चीजों को बेचने के बजाय अलग-अलग कलाकृतियां बनाने में इस्तेमाल करते हैं. गणेश प्रतिमा और गेटवे ऑफ इंडिया की प्रतिमा के साथ ही कई अन्य तरह की प्रतिमा भी स्क्रैप से बनाई गई हैं. जो भी स्क्रैप निकलता है उसको एग्जीबिशन में लगाया जाता है. उसके बाद इसे कलाकृति बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. इन कलाकृतियों को बेचे जाने के सवाल पर एडिशनल डीआरएम का कहना है कि यह एक प्रेरणा के तौर पर देखा जा रहा है. इसके लिए रेलवे के द्वारा अपने स्टाफ और कारीगरों को हमेशा पुरस्कृत करते रहती है.

हुनर दिखाने वालों का होता है सम्मान: वैगन रिपेयर शॉप के स्टाफ अशोक देवांगन ने बताया कि कम से कम 7 से 10 का स्टाफ है जो यहां पर बुनियादी ट्रेनिंग सेंटर में लोगों को वैगन रिपेयर करने की ट्रेनिंग देते हैं. इसके साथ ही स्क्रैप से किस तरह की कलाकृति बनाई जा सकती है इस बात की जानकारी भी लोगों को दी जाती है. रेल के जो वेस्टेज या स्क्रैप पार्ट हैं उसको बेहतर ढंग से किस तरह से उपयोग किया जा सकता है. वेस्ट से बेस्ट क्या बना सकते है इस पर भी ध्यान केंद्रित किया जाता है.

वेस्ट से बेस्ट बनाने का करते हैं काम: वैगन रिपेयर शॉप के स्टाफ अशोक देवांगन ने बताया कि वैगन रिपेयर शॉप में बुनियादी ट्रेनिंग सेंटर में बच्चे 1 साल के लिए ट्रेनिंग के लिए आते हैं उस दरमियान वैगन रिपेयर करने के अलावा उन्हें स्क्रैप से कलाकृतियां कैसी बनाई जाती है इसकी भी विस्तार से जानकारी दी जाती है. वेस्ट मटेरियल से अशोक देवांगन पिछले 10 सालों से मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं. इसके पहले भी झांसी लखनऊ और दिल्ली के वैगन रिपेयर शॉप में कई कलाकृति बना चुके हैं.

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