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विवादों में घिरा बस्ती CMO का प्रमोशन, शासन तक पहुंची शिकायत, बोले- मैं सही, मेरे पास हैं बहुत सारे प्रमाण - Basti CMO promotion dispute

यूपी के बस्ती जिले के सीएमओ पर फर्जीवाड़े का आरोप लगा है. शासन से शिकायत की गई है कि उन्होंने सीएमओ की कुर्सी हासिल करने के लिए कागजों में खुद को 2 साल ज्यादा सीनियर दिखाया. हालांकि उन्होंने आरोपों को बेबुनियाद बताया है.

सीएमओ ने खुद को बताया सही.
सीएमओ ने खुद को बताया सही. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 3, 2024, 11:11 AM IST

सीएमओ ने खुद के पक्ष में दिखाए दस्तावेज. (Video Credit; ETV Bharat)

बस्ती : जिले के सीएमओ आरएस दुबे पर फर्जी तरीके से प्रमोशन लेने के आरोप लगे हैं. आरटीआई कार्यकर्ता के सवालों ने उन्हें कटघरे में खड़ा कर दिया है. आरोप है कि सीएमओ 1996 बैच के हैं. जबकि प्रमोशन पाने के लिए उन्होंने कागजात में इसे 1994 दर्शाया है. इसके आधार पर वह सीएमओ बन गए. आरटीआई एक्टिविस्ट ने सीएम, डिप्टी सीएम, प्रमुख सचिव हेल्थ और डीजी हेल्थ को पत्र लिखा है. हालांकि सीएमओ ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने बाकायदा मीडिया के सामने खुद को सही ठहराने के लिए कई प्रमाण भी दिए. उनका कहना है कि नियमों के दायरे में रहकर ही उन्हें प्रमोशन मिला है. कागजात इसके गवाह हैं. वह हर जांच के लिए तैयार हैं.

आरटीआई कार्यकर्ता दिलशाद ने शासन समेत कई अफसरों को पत्र लिखकर सीएमओ के प्रमोशन पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि 'सीएमओ की नियुक्ति डेट 1996 नवंबर है. लेकिन उन्होंने इसे 1994 दिखा करके अपना प्रमोशन लिया है. मुझे इसके डॉक्यूमेंट मिले. बस्ती में दुर्भाग्यवश ऐसा पहले भी हो चुका है. एक डॉक्टर साहब चिकित्सक थे ही नहीं, उनकी नियुक्ति हुई थी. कुछ लोगों की शिकायत पर वह जेल गए थे. यह आम बात हो गई है स्वास्थ्य महकमे में. हमने पता किया. तमाम जानकारी करने के बाद पता चला कि इनकी ज्वाइनिंग 1996 में हुई है'.

आरटीआई कार्यकर्ता ने शासन को भेजा पत्र. (Video Credit; ETV Bharat)

दिलशाद ने आगे कहा कि 'उन्होंने (सीएमओ) अपने ऑफिशियल को मिला करके अपने सीरियल नंबर के आगे क बढ़वा करके 1994 का दिखा करके प्रमोशन ले लिया. इसके बाद सीएमओ बन गए'. इनका अपॉइंटमेंट 14 नवंबर 1996 है. ऑफिशियल लिस्ट में यह दर्ज है. इसे मैंने अपने प्रार्थना के साथ सबमिट किया है. फर्जी तरीके से सीएमओ ने प्रमोशन लिया है. इसके लिए नियुक्ति को 2 साल पीछे दिखाया. ये एडीशनल सीएमओ रैंक के थे. इस पर जांच होनी चाहिए जिससे दूध का दूध और पानी-पानी हो जाए. जो सही हो वह बच जाएगा जो गलत हो उसके खिलाफ कार्रवाई हो जाए'.

सीएमओ ने दिखाए कागजात, बोले-आरोप गलत, हम जांच के लिए तैयार : मीडिया को सीएमओ ने बताया कि 'मैंने नियुक्ति पत्र भी दिखाया. लोकसेवा आयोग का रिजल्ट भी दिखाया. शासन की ओर से निर्गत ज्वाइनिंग लेटर भी दिखाया. हमारे बैच के डॉक्टर एके गुप्ता से बात भी कराई. 2 ऑर्डर भी दिखाए. इसमें वरिष्ठता क्रमांक वही है. कुल मिलाकर ये कहना है कि लोकसेवा आयोग ने जो रिजल्ट निकाला उसी के तहत हर चीजें है. ये बात कैसे मान लें कि 94 के बजाय 96 है. नियुक्ति आदेश और लोकसेवा आयोग का रिजल्ट देखने के बाद सच क्या है, यह पता चल जाता है'.

सीएम बोले- मैं हर चाज के लिए तैयार.
सीएम बोले- मैं हर चाज के लिए तैयार. (Photo Credit; ETV Bharat)

कागज में ज्वाइनिंग डेट लिखा है न कि अप्वाइंटमेंट डेट : सीएमओ ने आगे कहा कि 'कोई जानना चाहे तो 30 अप्रैल 1994 को शासन से पीएचएमएस के लिए जो रिजल्ट निकाला गया था, उसमें हमारा नाम देख लें,. हमारा पता देख लें, पिता का नाम, घर का पता देख ले. ज्वाइनिंग में यहां के लिए जो आदेश हुआ है, उसकी फोटो कॉपी कोई भी ले सकता है. 1996 जो दिखा रहा है. उसमें ये है कि 1994 में हमारा अपॉइंटमेंट हुआ. अप्वाइंटमेंट के बाद मैंने ज्वाइन किया. ज्वाइन करने के बाद हमने छुट्टी ले ली. छुट्टी लेने के बाद फिर दोबारा मैं इस पीरियड पर ज्वाइन किया. कागज में ज्वाइनिंग डेट लिखा है न की अप्वाइंटमेंट डेट'.

सीएमओ ने दिखाए दस्तावेज.
सीएमओ ने दिखाए दस्तावेज. (Photo Credit; ETV Bharat)

मानहानि का करेंगे दावा :'कागजात को कहीं और से कोई वेरीफाई करना चाहे तो कर सकता है. कागजात में कोई गड़बड़ी हो सकती है, इसलिए इस पर सवाल उठाए गए. अगर कागज में 1996 दिखा रहा है तो वह ज्वानिंग डेट है न कि अपॉइंटमेंट डेट है. गलती से ये हो सकता है. गलत डेट चढ़ गया होगा. जो लोग सवाल उठा रहे हैं, वह पूरी तरह वेरीफाई कर लें, इसके बाद सवाल उठाएं तो ज्यादा बेहतर है. यह शिकायत पूरी तरह गलत है. हम हर किसी जांच के लिए तैयार हैं. हम कार्रवाई कराएंगे. मानहानि का भी दावा करेंगे'.

एडी हेल्थ विनीता राय वर्मा ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है. जांच के आधार पर ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है.

यह भी पढ़ें : मानसून की लॉन्ग ड्राइव: यूपी के 32 जिलों में बारिश का अलर्ट, कई जिलों में गरज-चमक संग बरसेंगे बदरा, जानिए मौसम का हाल

सीएमओ ने खुद के पक्ष में दिखाए दस्तावेज. (Video Credit; ETV Bharat)

बस्ती : जिले के सीएमओ आरएस दुबे पर फर्जी तरीके से प्रमोशन लेने के आरोप लगे हैं. आरटीआई कार्यकर्ता के सवालों ने उन्हें कटघरे में खड़ा कर दिया है. आरोप है कि सीएमओ 1996 बैच के हैं. जबकि प्रमोशन पाने के लिए उन्होंने कागजात में इसे 1994 दर्शाया है. इसके आधार पर वह सीएमओ बन गए. आरटीआई एक्टिविस्ट ने सीएम, डिप्टी सीएम, प्रमुख सचिव हेल्थ और डीजी हेल्थ को पत्र लिखा है. हालांकि सीएमओ ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है. उन्होंने बाकायदा मीडिया के सामने खुद को सही ठहराने के लिए कई प्रमाण भी दिए. उनका कहना है कि नियमों के दायरे में रहकर ही उन्हें प्रमोशन मिला है. कागजात इसके गवाह हैं. वह हर जांच के लिए तैयार हैं.

आरटीआई कार्यकर्ता दिलशाद ने शासन समेत कई अफसरों को पत्र लिखकर सीएमओ के प्रमोशन पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने ईटीवी भारत को बताया कि 'सीएमओ की नियुक्ति डेट 1996 नवंबर है. लेकिन उन्होंने इसे 1994 दिखा करके अपना प्रमोशन लिया है. मुझे इसके डॉक्यूमेंट मिले. बस्ती में दुर्भाग्यवश ऐसा पहले भी हो चुका है. एक डॉक्टर साहब चिकित्सक थे ही नहीं, उनकी नियुक्ति हुई थी. कुछ लोगों की शिकायत पर वह जेल गए थे. यह आम बात हो गई है स्वास्थ्य महकमे में. हमने पता किया. तमाम जानकारी करने के बाद पता चला कि इनकी ज्वाइनिंग 1996 में हुई है'.

आरटीआई कार्यकर्ता ने शासन को भेजा पत्र. (Video Credit; ETV Bharat)

दिलशाद ने आगे कहा कि 'उन्होंने (सीएमओ) अपने ऑफिशियल को मिला करके अपने सीरियल नंबर के आगे क बढ़वा करके 1994 का दिखा करके प्रमोशन ले लिया. इसके बाद सीएमओ बन गए'. इनका अपॉइंटमेंट 14 नवंबर 1996 है. ऑफिशियल लिस्ट में यह दर्ज है. इसे मैंने अपने प्रार्थना के साथ सबमिट किया है. फर्जी तरीके से सीएमओ ने प्रमोशन लिया है. इसके लिए नियुक्ति को 2 साल पीछे दिखाया. ये एडीशनल सीएमओ रैंक के थे. इस पर जांच होनी चाहिए जिससे दूध का दूध और पानी-पानी हो जाए. जो सही हो वह बच जाएगा जो गलत हो उसके खिलाफ कार्रवाई हो जाए'.

सीएमओ ने दिखाए कागजात, बोले-आरोप गलत, हम जांच के लिए तैयार : मीडिया को सीएमओ ने बताया कि 'मैंने नियुक्ति पत्र भी दिखाया. लोकसेवा आयोग का रिजल्ट भी दिखाया. शासन की ओर से निर्गत ज्वाइनिंग लेटर भी दिखाया. हमारे बैच के डॉक्टर एके गुप्ता से बात भी कराई. 2 ऑर्डर भी दिखाए. इसमें वरिष्ठता क्रमांक वही है. कुल मिलाकर ये कहना है कि लोकसेवा आयोग ने जो रिजल्ट निकाला उसी के तहत हर चीजें है. ये बात कैसे मान लें कि 94 के बजाय 96 है. नियुक्ति आदेश और लोकसेवा आयोग का रिजल्ट देखने के बाद सच क्या है, यह पता चल जाता है'.

सीएम बोले- मैं हर चाज के लिए तैयार.
सीएम बोले- मैं हर चाज के लिए तैयार. (Photo Credit; ETV Bharat)

कागज में ज्वाइनिंग डेट लिखा है न कि अप्वाइंटमेंट डेट : सीएमओ ने आगे कहा कि 'कोई जानना चाहे तो 30 अप्रैल 1994 को शासन से पीएचएमएस के लिए जो रिजल्ट निकाला गया था, उसमें हमारा नाम देख लें,. हमारा पता देख लें, पिता का नाम, घर का पता देख ले. ज्वाइनिंग में यहां के लिए जो आदेश हुआ है, उसकी फोटो कॉपी कोई भी ले सकता है. 1996 जो दिखा रहा है. उसमें ये है कि 1994 में हमारा अपॉइंटमेंट हुआ. अप्वाइंटमेंट के बाद मैंने ज्वाइन किया. ज्वाइन करने के बाद हमने छुट्टी ले ली. छुट्टी लेने के बाद फिर दोबारा मैं इस पीरियड पर ज्वाइन किया. कागज में ज्वाइनिंग डेट लिखा है न की अप्वाइंटमेंट डेट'.

सीएमओ ने दिखाए दस्तावेज.
सीएमओ ने दिखाए दस्तावेज. (Photo Credit; ETV Bharat)

मानहानि का करेंगे दावा :'कागजात को कहीं और से कोई वेरीफाई करना चाहे तो कर सकता है. कागजात में कोई गड़बड़ी हो सकती है, इसलिए इस पर सवाल उठाए गए. अगर कागज में 1996 दिखा रहा है तो वह ज्वानिंग डेट है न कि अपॉइंटमेंट डेट है. गलती से ये हो सकता है. गलत डेट चढ़ गया होगा. जो लोग सवाल उठा रहे हैं, वह पूरी तरह वेरीफाई कर लें, इसके बाद सवाल उठाएं तो ज्यादा बेहतर है. यह शिकायत पूरी तरह गलत है. हम हर किसी जांच के लिए तैयार हैं. हम कार्रवाई कराएंगे. मानहानि का भी दावा करेंगे'.

एडी हेल्थ विनीता राय वर्मा ने बताया कि पूरे प्रकरण की जांच की जा रही है. जांच के आधार पर ही इस मामले में कुछ कहा जा सकता है.

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