बीकानेर. माघ शुक्ल पक्ष की पचंमी तिथि को विद्या, कला और ज्ञान की देवी मां सरस्वती का ये पर्व मनाया जाता है. खास फलों और व्यंजनों से मां को पूजा जाता है. वाणी, बुद्धि को सुदृढ़ करने के लिए कुछ खास उपाय हैं, जिन्हें करने से मनचाहा फल प्राप्त होता है.
कुशाग्र बुद्धि के लिए करें ये काम : मां सरस्वती की पूजा से छात्रों को ज्ञान और विद्या की प्राप्ति होती है. वहीं, जिन छात्रों का मन पढ़ाई में नहीं लगता या वो ध्यान केंद्रित नहीं कर पाते, उन्हें बसंत पंचमी के दिन कुछ विशेष उपाय करने चाहिए. शास्त्रों के अनुसार बसंत पंचमी के दिन किए गए इन उपायों से मां सरवस्ती प्रसन्न होती हैं और विद्या, ज्ञान, संगीत और कला का आशीर्वाद देती हैं. बच्चा पढ़ाई से दूर रहता है या मन नहीं लगाता, तो इस दिन बच्चे के हाथ से मां सरस्वती को पीले फल अर्पित करवाएं. ऐसा करने से बच्चे का पढ़ाई में मन लगने लगेगा. इसके अलावा माता सरस्वती का एक चित्र बच्चे के स्टडी रूम में स्टडी टेबल के पास लगाएं.
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ऋतुराज माना जाता बसंत : पंचांगकर्ता पंडित राजेंद्र किराडू कहते हैं कि धर्म शास्त्रों में बसंत को ऋतुओं का राजा माना गया है और इस बसंत पंचमी को ऋतु परिवर्तन का संकेत माना जाता है. माना जाता है कि इस दिन से ऋतु परिवर्तन होने के साथी प्रकृति में हरियाली शुरू होती है और पुराने पत्ते झड़ जाते हैं.
मांगलिक कार्य के लिए अबूझ मुहूर्त : पंचांगकर्ता पंडित राजेंद्र किराडू कहते हैं कि किसी भी मांगलिक कार्य के लिए यह अबूझ मुहूर्त का दिन होता है, जिसका मतलब यह होता है कि इस दिन किसी भी शुभ कार्य करने के लिए मुहूर्त दिखाने की जरूरत नहीं है. किराडू कहते हैं कि इस दिन घर का मुहूर्त प्रतिष्ठा की शुरुआत और अन्य मांगलिक कार्य के साथ ही विवाह भी होते हैं. सनातन धर्म में जो दूसरे महत्वपूर्ण दिन अबूझ मुहूर्त के माने जाते हैं उनमें एक बसंत पंचमी भी है.
वैष्णव मंदिरों में अबीर गुलाल : किराडू कहते हैं कि बसंत पंचमी के दिन से वैष्णव मंदिरों में अबीर गुलाल भगवान को लगाई जाती है और इस दिन से एक तरह से फाग उत्सव की शुरुआत हो जाती है, जो रंग पंचमी तक चलता है. इसके अलावा फाल्गुन मास की मस्ती भी बसंत पंचमी से शुरू होती है और होली को लेकर चंग की थाप भी बसंत पंचमी से सुनाई देने लगती है.
वाणी दोष दूर करने के लिए करें ये काम : मां सरस्वती को विद्या वाणी की देवी कहा जाता है. कहते हैं जिसके कंठ पर सरस्वती की कृपा हो जाए उसकी वाणी बहुत सुरीली हो जाती है. किसी भी व्यक्ति के वाणी दोष को दूर करने के लिए बसंत पंचमी के दिन उसकी जिह्वा पर चांदी की सलाई या पेन की नोक से 'ऊं ह्रीं श्री सरस्वत्यै नमः' मंत्र लिख दें. ऐसा करने से बच्चा वाणी दोष से मुक्त हो जाएगा, साथ ही उसकी भाषा भी स्पष्ट हो जाएगी.