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बाड़मेर सीट का एनालिसिस : भाजपा का पूरा कोर वोटर भाटी के पास शिफ्ट नहीं हुआ, इसलिए हुई हार - Barmer Lok Sabha Seat result

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jun 6, 2024, 8:27 PM IST

बाड़मेर सीट से लोकसभा का चुनाव निर्दलीय के रूप में लड़े शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी दूसरे स्थान पर रहे, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार उम्मेदाराम की जीत मिली, तो वहीं, बीजेपी प्रत्याशी कैलाश चौधरी तीसरे नंबर पर रहे. भाटी का हार का कारण बीजेपी के कोर वोटर्स का सपोर्ट ना मिलना माना रहा है. जानिए बाड़मेर सीट की पूरा एनालिसिस.

बाड़मेर सीट का एनालिसिस
बाड़मेर सीट का एनालिसिस (ETV Bharat GFX Team)

जोधपुर. निर्दलीय विधायक के रूप में चुनाव जीत कर सुर्खियां बने रविंद्र सिंह भाटी लोकसभा चुनाव लड़ते हुए तो छाए रहे, लेकिन परिणाम में मात खा गए. भाटी और उनके समर्थकों को भरोसा था कि भाजपा का वोटर उनके खाते में शिफ्ट हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी का इस चुनाव में पहले दिन से हारना तय माना जा रहा था. कैलाश को 2 लाख 86 हजार से अधिक मत मिले. इनमें पचपदरा में कांग्रेस से ज्यादा मत भाजपा को मिले.

भाजपा का कोर वोटर ओबीसी और राजपूत को माना जाता है. इसके अलावा सिवाना, चौहटन, गुढ़ामलानी में भाजपा को बड़ी संख्या में वोट मिले, जिसके चलते भाटी को आठ विधानसभा क्षेत्रों में से चार में पिछड़ना पडा. यही उनकी हार का बड़ा कारण बना है. जिन विधानसभा क्षेत्रों से भाटी को बढ़त मिली, उसमें शिव विधानसभा भी शामिल है, जहां से भाटी खुद विधायक है. यहां से उन्हें मात्र 1730 वोटों की ही बढ़त मिली, जबकि यह राजपूत और मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है. कुल मिलाकर भाटी को चार विधानसभा क्षेत्रों में जितनी बढ़त मिली, उससे करीब दो गुना बढ़त उमेदाराम की रही.

इसे भी पढ़ें-नोटा से हार गए राजस्थान के 189 प्रत्याशी, सबसे ज्यादा उदयपुर के लोगों ने दबाया NOTA का बटन - Lok Sabha Election Results 2024

जाट पलटे, राजपूतों ने भी किया किनारा : बाड़मेर में यह चुनाव पूरी तरह से जाट और राजूपत के बीच का चुनाव हो गया था. भाजपा व कांग्रेस दोनों तरफ से जाट उम्मीदवार होने के बावजूद पिछले चुनाव में कैलाश चौधरी का साथ देने वाले जाट इस चुनाव में पूरी तरह से पलट गए. पूरे लोकसभा क्षेत्र में 90 प्रतिशत से ज्यादा जाटों ने कांग्रेस के उमेदाराम का साथ दिया. उन्होंने कैलाश चौधरी के जाट होते हुए भी उनको नकार दिया. इसका उदाहरण बायतू विधानसभा क्षेत्र है, जहां से भाटी को 91 हजार वोटों से पीछे रहना पड़ा. दूसरी ओर भाजपा के परंपरागत वोटर राजपूतों ने भी बड़ी संख्या में भाजपा से दूरी बनाई, लेकिन पूरी तरह से भाटी के साथ नहीं गए. कई राजपूत नेताओं ने भाटी के रूप में नया नेता उभरते देख दूरी बनाई और पार्टी के साथ बने रहे. सिवाना और जैसलमेर जैसे विधानसभा क्षेत्रों से भाटी को निर्णायक बड़ी बढ़त नहीं मिली.

लोकसभा चुनाव-2024 का परिणाम

कांग्रेस के उमेदाराम बेनीवाल को मिले मत - 7,04,676
भाजपा के कैलाश चौधरी को मिले मत - 2,86,733
निर्दलीय रविंद्र सिंह भाटी को मिले मत - 5,86,500
जीत का अंतर : 1,18,176

इसे भी पढ़ें-लोकसभा चुनाव के नतीजों में नेता प्रतिपक्ष जूली और मंत्री संजय की बची साख, ललित अपने ही क्षेत्र में पिछड़े, खैरिया भी नहीं दिला सके लीड - Lok Sabha Election Results


कहां किसे कितने वोट मिले

विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस भाजपारविंद्र सिंह भाटी
शिव1,04,30715,8441,06,037
बाड़मेर91,45129,01980,232
बायतू1,36,18820,44144,604
पचपदरा48,29651,02966,580
सिवाना 49,73650,48262,029
गुढ़ा मलानी97,22939,22363,800
चौहटन1,03,63853,21657,620
जैसलमेर67,64725,2731,00,963

जोधपुर. निर्दलीय विधायक के रूप में चुनाव जीत कर सुर्खियां बने रविंद्र सिंह भाटी लोकसभा चुनाव लड़ते हुए तो छाए रहे, लेकिन परिणाम में मात खा गए. भाटी और उनके समर्थकों को भरोसा था कि भाजपा का वोटर उनके खाते में शिफ्ट हो जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी का इस चुनाव में पहले दिन से हारना तय माना जा रहा था. कैलाश को 2 लाख 86 हजार से अधिक मत मिले. इनमें पचपदरा में कांग्रेस से ज्यादा मत भाजपा को मिले.

भाजपा का कोर वोटर ओबीसी और राजपूत को माना जाता है. इसके अलावा सिवाना, चौहटन, गुढ़ामलानी में भाजपा को बड़ी संख्या में वोट मिले, जिसके चलते भाटी को आठ विधानसभा क्षेत्रों में से चार में पिछड़ना पडा. यही उनकी हार का बड़ा कारण बना है. जिन विधानसभा क्षेत्रों से भाटी को बढ़त मिली, उसमें शिव विधानसभा भी शामिल है, जहां से भाटी खुद विधायक है. यहां से उन्हें मात्र 1730 वोटों की ही बढ़त मिली, जबकि यह राजपूत और मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है. कुल मिलाकर भाटी को चार विधानसभा क्षेत्रों में जितनी बढ़त मिली, उससे करीब दो गुना बढ़त उमेदाराम की रही.

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जाट पलटे, राजपूतों ने भी किया किनारा : बाड़मेर में यह चुनाव पूरी तरह से जाट और राजूपत के बीच का चुनाव हो गया था. भाजपा व कांग्रेस दोनों तरफ से जाट उम्मीदवार होने के बावजूद पिछले चुनाव में कैलाश चौधरी का साथ देने वाले जाट इस चुनाव में पूरी तरह से पलट गए. पूरे लोकसभा क्षेत्र में 90 प्रतिशत से ज्यादा जाटों ने कांग्रेस के उमेदाराम का साथ दिया. उन्होंने कैलाश चौधरी के जाट होते हुए भी उनको नकार दिया. इसका उदाहरण बायतू विधानसभा क्षेत्र है, जहां से भाटी को 91 हजार वोटों से पीछे रहना पड़ा. दूसरी ओर भाजपा के परंपरागत वोटर राजपूतों ने भी बड़ी संख्या में भाजपा से दूरी बनाई, लेकिन पूरी तरह से भाटी के साथ नहीं गए. कई राजपूत नेताओं ने भाटी के रूप में नया नेता उभरते देख दूरी बनाई और पार्टी के साथ बने रहे. सिवाना और जैसलमेर जैसे विधानसभा क्षेत्रों से भाटी को निर्णायक बड़ी बढ़त नहीं मिली.

लोकसभा चुनाव-2024 का परिणाम

कांग्रेस के उमेदाराम बेनीवाल को मिले मत - 7,04,676
भाजपा के कैलाश चौधरी को मिले मत - 2,86,733
निर्दलीय रविंद्र सिंह भाटी को मिले मत - 5,86,500
जीत का अंतर : 1,18,176

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कहां किसे कितने वोट मिले

विधानसभा क्षेत्र कांग्रेस भाजपारविंद्र सिंह भाटी
शिव1,04,30715,8441,06,037
बाड़मेर91,45129,01980,232
बायतू1,36,18820,44144,604
पचपदरा48,29651,02966,580
सिवाना 49,73650,48262,029
गुढ़ा मलानी97,22939,22363,800
चौहटन1,03,63853,21657,620
जैसलमेर67,64725,2731,00,963
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