जोधपुर. शहर के बनाड थाने क्षेत्र स्थित शगुन रिसोर्ट की बार के संचालन को लेकर संचालक ने रिसोर्ट के डायरेक्टर व अन्य के खिलाफ अवैध शराब लाकर बिक्री करवाने सहित अन्य आरोप लगाते हुए मामला दर्ज करवाया है. एएसआई राजूराम का कहना है कि मामला दर्ज हुआ है. जांच के बाद स्थिति साफ होगी.
एएसआई राजूराम ने बताया कि बार के संचालक ने उसके साथ मारपीट कर बाहर निकालने और उसकी एडवांस राशि नहीं देने के आरोप लगाए हैं. खास बात यह है कि रिपोर्ट में बताया गया है कि यह रिसोर्ट राजस्थान पुलिस के एएसपी नरेंद्र चौधरी का है, जिसके इशारे पर डायरेक्टर अवैध काम यहां करता है.
शगुन रिसोर्ट की बार संचालन का कांट्रैक्ट करने वाले रविंद्र विश्नोई ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया कि उसने पांच साल के लिए बार चलाने का अनुबंध मई में किया था. इसके तहत उसे दस लाख 51 हजार रुपए सिक्योरिटी मनी के देने थे. किराया और बार लाइसेंस रिन्यूअल फीस अलग से देना था. इसके तहत उसने अनुबंध की आधी राशि व लाइसेंस के लिए तीन लाख रुपए दे दिए थे, लेकिन बार लाइसेंस और आबकारी से शराब लाने का पत्र नहीं दिया गया. डायरेक्टर गणपत अपनी मर्जी से शराब लाकर देता था. जब वह कहता कि मुझे लाईसेंस चाहिए तो कहता था कि एएसपी नरेंद्र चौधरी का बार है कोई पुलिस वाला या आबकारी वाला यहां आने की हिम्मत नहीं करेगा. मैं तुम्हे माल लाकर देता हूं तुम बेचते रहो. करीब पांच माह बाद उसने लाइसेंस दिया. तब तक अवैध तरीके से बार चलती रही.
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बार व कैफे को तैयार करने के लिए उसने 20-22 लाख रुपए खर्च कर दिए. गणपत ने कहा था कि बाद में एडजस्ट कर लेंगे. अनुबंध की आधी राशि 28 जनवरी 2024 को देनी तय हुई थी, लेकिन गणपत दिसंबर में लेने पर अड़ गया, जब मना किया तो एएसपी नरेंद्र चौधरी की धमकी दी. इतना ही नहीं 14 जनवरी को नरेंद्र चौधरी ने अपने फोन से उसे धमकाया कि रुपए देने होंगे लिखित कांट्रेक्ट कुछ नहीं होता है. रविंद्र ने बताया कि जब रुपए नहीं दिए तो 20 जनवरी को गणपत सहित अन्य लोगों ने बार व कैफे से उसके स्टाफ को बाहर निकाल कर बार पर ताला लगा दिया. इसके बाद रविंद्र विश्नोई ने अपनी रिपोर्ट थाने में दी है. मामले की जांच बनाड थाने के एएसआई राजूराम को दी गई है.