रुद्रप्रयाग: केदारनाथ विधानसभा सीट पर उपचुनाव को लेकर भले ही मतदान प्रतिशत शुरूआत में ठिठुरन की वजह से कम रहा, लेकिन दोपहर होते ही मतदाताओं में उत्साह दिखने लगा और पोलिंग बूथों पर बड़ी संख्या में मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. वहीं, सड़क की मांग पूरी न होने पर बांझगडू तोक के 80 वोटरों ने चुनाव का बहिष्कार किया और एक भी वोट नहीं डाला.
केदारनाथ विधानसभा में सुबह 8 बजे से मतदान प्रक्रिया शुरू हुआ. शुरुआत में मतदान प्रतिशत काफी कम रहा, लेकिन दोपहर होते ही मतदाता घरों से बाहर निकलने लगे. 11 बजे तक 17.69 फीसदी ही मतदान हुआ. जबकि, इसके बाद दोपहर एक बजे 34.40 फीसदी और शाम तीन बजे तक 47 फीसदी मतदान हुआ. इसके बाद मतदाता लगातार पोलिंग बूथों पर वोट देने निकल पड़े.
बाजार वाले पोलिंग बूथों पर मतदाता दोपहर बाद ही वोट देने पहुंचे. जबकि, ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ मतदाता 11 बजे तक वोट देकर लौट गए. इसके अलावा बुजुर्ग मतदाता 12 बजे बाद ही वोट देने के लिए पोलिंग बूथों पर पहुंचे. वहीं, पांच बजे तक 56.78 प्रतिशत मतदान हुआ. कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच केदारनाथ विधानसभा के 173 पोलिंग बूथों पर मतदान की प्रक्रिया शांतिपूर्वक चलती रही.
बांझगडू तोक के 80 वोटरों ने किया बहिष्कार: वहीं, बांझगडू तोक के 80 वोटरों ने अपना वोट ही नहीं डाला. ग्रामीणों का कहना था कि वो लंबे समय से सड़क की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांग को पूरा नहीं किया जा रहा है. जिस कारण जहंगी गांव के बांझगडू तोक के 80 वोटर पिल्लू बूथ पर वोट देने ही नहीं गए. उन्होंने नाराज होकर वोटिंग का बहिष्कार कर दिया.
ग्रामीण मंगल सिंह और विजय सिंह ने कहा कि उन्होंने इससे पहले भी शासन-प्रशासन को लिखित में सड़क की मांग को लेकर वोट बहिष्कार की चेतावनी दी थी, लेकिन उनकी सुनवाई ही नहीं हुई. ऐसे में उनके तोक के सभी मतदाताओं ने अपने मत का इस्तेमाल नहीं किया. उन्होंने कहा कि आगे भी उनका विरोध जारी रहेगा.
ध्रुवनगर तोक के एससी वोटरों ने लगाया उपेक्षा का आरोप: केदारनाथ विधानसभा के अंतर्गत ग्राम पंचायत परकंडी के ध्रुवनगर तोक के अनुसूचित जाति के 85 परिवारों ने मतदान का बहिष्कार किया. ग्रामीणों की मानें तो सड़क निर्माण के लिए शासन-प्रशासन स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं होने से ध्रुवनगर के करीब 350 वोटरों ने अपने मत का प्रयोग ही नहीं किया.
ग्रामीण उदय लाल ने वीडियो जारी कर बताया कि 3 महीने पहले सड़क के संबंध में प्रधानमंत्री तक ज्ञापन भेज दिया गया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब 'सड़क नहीं तो वोट नहीं' का नारा बुलंद कर ग्रामीणों ने उपचुनाव के साथ ही पंचायत चुनाव, विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव का भी बहिष्कार करने का मन बना लिया है.
उन्होंने कहा कि मतदान के दिन कोई अधिकारी गांव में नहीं पहुंचा. कुछ गोपनीय लोग गांव में तो आ रहे थे और वोट करने का दबाव भी बना रहे थे. यदि शासन-प्रशासन की ओर से जल्द सड़क निर्माण की कार्रवाई नहीं की गई तो ग्रामीण आगे के आंदोलन की रणनीति बनाएंगे. उन्होंने बताया कि ध्रुवनगर में करीब 350 वोट हैं.
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