जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने वेटनरी ऑफिसर भर्ती-2019 में उन अपात्र अभ्यर्थियों का परीक्षा परिणाम जारी नहीं करने को कहा है जो बैचलर ऑफ वेटनरी साइंस की अंतिम वर्ष की परीक्षा में शामिल नहीं हुए थे. इसके साथ ही अदालत ने मामले में प्रमुख पशुपालन सचिव, प्रमुख कार्मिक सचिव और आरपीएससी सचिव सहित अन्य से जवाब तलब किया है. हालांकि अदालत ने भर्ती प्रक्रिया को जारी रखने की छूट दी है. जस्टिस समीर जैन की एकलपीठ ने यह आदेश शैलेन्द्र कुमार यादव की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.
याचिका में अधिवक्ता तनवीर अहमद ने बताया कि आरपीएससी ने 22 अक्टूबर, 2019 को वेटनरी ऑफिसर के पद पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था. इस विज्ञापन में भर्ती में नियमों की अवहेलना करते हुए उन अभ्यर्थियों को भी शामिल होने के लिए कहा जो बैचलर ऑफ वेटनरी साइंस पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में थे. जबकि नियमानुसार भर्ती परीक्षा में वह अभ्यर्थी ही शामिल हो सकता है, जिसने पाठ्यक्रम की अंतिम वर्ष की परीक्षा दी हो.
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इसे हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि भर्ती परीक्षा में कई ऐसे अभ्यर्थी भी शामिल हुए हैं, जो पाठ्यक्रम के अंतिम वर्ष में है, लेकिन उन्होंने अभी तक अंतिम वर्ष की परीक्षा नहीं दी है. नियमानुसार, ये अभ्यर्थी भर्ती परीक्षा में शामिल होने के लिए अपात्र हैं और इनके भर्ती में बैठने से प्रार्थी के हित प्रभावित हुए हैं. इसलिए भर्ती से अपात्र अभ्यर्थियों को बाहर किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने ऐसे अपात्र अभ्यर्थियों का परिणाम जारी करने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.