लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर दिव्यांग होमगार्डों के परिवारों की आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आश्रितों की नियुक्ति पर लगी रोक को हटाने का फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले पर दिव्यांग हो चुके होमगार्ड जवानों के परिवारों ने खुशी जताई है. इस निर्णय के बाद अब नियुक्ति के लिए जिला स्तर से लेकर डीजी होमगार्ड कार्यालय तक कई जांच और सिफारिशें की जा सकेंगी. पिछले कुछ वर्षों में दिव्यांग होमगार्डों के आश्रितों की नियुक्ति पर लगे प्रतिबंध के कारण सैकड़ों मामले लंबित हो गए थे.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रदेश के होमगार्ड विभाग ने आवेदन के लिए सही और निष्पक्ष तरीके से परीक्षण के लिए नई व्यवस्था लागू की है. इसके लिए पात्र आश्रितों की जांच और नियुक्ति के लिए चार चरणों पर काम करेगा. सबसे पहले आवेदन की जांच जिला स्तरीय सीएमओ समिति द्वारा की जाएगी. दूसरे चरण में जिलास्तरीय समिति द्वारा संस्तुति मिलने पर जिला कमांडेंट इसे डीजी होमगार्ड के पास भेजेंगे. इसके बाद मुख्यालय स्तर पर गठित समिति होगी, जो चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. वह सभी तथ्यों की जांच करेगी. इसके बाद अंतिम चरण में डीजी होमगार्ड समिति की सिफारिशों के आधार पर नियुक्ति का अंतिम निर्णय लेंगे.
अभी तक सैकड़ों पीड़ित परिवार परेशानी का सामना कर रहे थे, लेकिन अब सरकार के इस कदम के बाद इन लंबित मामलों को प्राथमिकता से निपटाने का रास्ता साफ हो गया है. महत्वपूर्ण है कि 2022 में सामने आए अपात्र उम्मीदवारों की भर्ती और अनुग्रह राशि के दुरुपयोग के मामलों ने सरकार को इस नीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया था, लेकिन सरकार ने इन घटनाओं को सुधार का अवसर बनाया. अब नई प्रक्रिया में हर स्तर पर जांच और निगरानी को मजबूत किया गया है. ऐसे मामलों में स्वास्थ्य विभाग की भूमिका को भी बढ़ाया गया है, जिससे चिकित्सा जांच में कोई त्रुटि न हो. इसके लिए प्रतिष्ठित संस्थानों को जांच प्रक्रिया में शामिल किया गया है, ताकि पात्रता का सही आकलन हो सके. साथ ही, जिम्मेदार समितियों को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि हर नियुक्ति पूर्ण सत्यापन के बाद ही हो.
दिव्यांग होमगार्डों के आश्रितों की नियुक्ति पर लगी रोक हटाई गई, सैकड़ों परिवारों को मिलेगी राहत - CM YOGI ADITYANATH
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद होमगार्ड विभाग ने आवेदन के लिए सही और निष्पक्ष तरीके से परीक्षण के लिए नई व्यवस्था लागू
By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : Dec 13, 2024, 3:49 PM IST
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर दिव्यांग होमगार्डों के परिवारों की आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आश्रितों की नियुक्ति पर लगी रोक को हटाने का फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले पर दिव्यांग हो चुके होमगार्ड जवानों के परिवारों ने खुशी जताई है. इस निर्णय के बाद अब नियुक्ति के लिए जिला स्तर से लेकर डीजी होमगार्ड कार्यालय तक कई जांच और सिफारिशें की जा सकेंगी. पिछले कुछ वर्षों में दिव्यांग होमगार्डों के आश्रितों की नियुक्ति पर लगे प्रतिबंध के कारण सैकड़ों मामले लंबित हो गए थे.
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद प्रदेश के होमगार्ड विभाग ने आवेदन के लिए सही और निष्पक्ष तरीके से परीक्षण के लिए नई व्यवस्था लागू की है. इसके लिए पात्र आश्रितों की जांच और नियुक्ति के लिए चार चरणों पर काम करेगा. सबसे पहले आवेदन की जांच जिला स्तरीय सीएमओ समिति द्वारा की जाएगी. दूसरे चरण में जिलास्तरीय समिति द्वारा संस्तुति मिलने पर जिला कमांडेंट इसे डीजी होमगार्ड के पास भेजेंगे. इसके बाद मुख्यालय स्तर पर गठित समिति होगी, जो चिकित्सा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. वह सभी तथ्यों की जांच करेगी. इसके बाद अंतिम चरण में डीजी होमगार्ड समिति की सिफारिशों के आधार पर नियुक्ति का अंतिम निर्णय लेंगे.
अभी तक सैकड़ों पीड़ित परिवार परेशानी का सामना कर रहे थे, लेकिन अब सरकार के इस कदम के बाद इन लंबित मामलों को प्राथमिकता से निपटाने का रास्ता साफ हो गया है. महत्वपूर्ण है कि 2022 में सामने आए अपात्र उम्मीदवारों की भर्ती और अनुग्रह राशि के दुरुपयोग के मामलों ने सरकार को इस नीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया था, लेकिन सरकार ने इन घटनाओं को सुधार का अवसर बनाया. अब नई प्रक्रिया में हर स्तर पर जांच और निगरानी को मजबूत किया गया है. ऐसे मामलों में स्वास्थ्य विभाग की भूमिका को भी बढ़ाया गया है, जिससे चिकित्सा जांच में कोई त्रुटि न हो. इसके लिए प्रतिष्ठित संस्थानों को जांच प्रक्रिया में शामिल किया गया है, ताकि पात्रता का सही आकलन हो सके. साथ ही, जिम्मेदार समितियों को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है कि हर नियुक्ति पूर्ण सत्यापन के बाद ही हो.