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काल जैसे बीतता है बारिश का महीना, मूलभूत सुविधाओं का अभाव, प्रसूता को खाट पर ले जाते ग्रामीण - No Basic Facilities In Balaghat

बालाघाट के मदनपुर गांव में ग्रामीण मूलभूत सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है. सड़क और पुल न होने से भारी बारिश में प्रसूता या बिमार व्यक्ति को ग्रामीण पर खाट ले जाने को मजबूर होते हैं. इस बार आक्रोशित ग्रामीणों ने आंदोलन की चेतावनी दी है.

NO BASIC FACILITIES IN BALAGHAT
प्रसूता को खाट पर ले जाते ग्रामीण (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 25, 2024, 10:26 PM IST

बालाघाट: वनांचल क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासियों के लिए योजनाओं के नाम पर शासन द्वारा करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं. बावजूद इसके अब भी वनांचल क्षेत्र के टोला और बस्तियों में रहने वाले ग्रामीण आदिवासियों को मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है. वर्तमान समय में प्रदेश के बालाघाट जिले में रहने वाले आदिवासी सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत समस्याओं को लेकर परेशान हैं. जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र परसवाड़ा अन्तर्गत ग्राम पंचायत सीताडोंगरी के मदनपुर से एक तस्वीर सामने आई है. यहां पर निवास करने वाले आदिवासी आज भी सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं. सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को एंबुलेंस का लाभ नहीं मिल पा रहा है. लिहाजा ग्रामीण खाट पर प्रसूता को लेकर गए.

बालाघाट के गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव (ETV Bharat)

बारिश के दिनों में स्कूल नहीं पहुंचते बच्चे

मदनपुर के भुर्राटोला निवासी समोता बाई उइके, सुखबती बाई यादव थामेंद्र कटरे ने बताया कि ' गर्मी और ठंड का महीना तो हम जैसे-तैसे काट लेते हैं, लेकिन बारिश का महीना, हमारे लिए काला महीना साबित होता है, क्योंकि बारिश के दिनों में हमारे बच्चे हफ्तों स्कूल नहीं जा पाते हैं. बैहर जाने के लिए बस आकर दूर ही खड़ी रहती है. वहीं मदनपु के पास नाले में पानी होने के कारण कई दिनों हम बच्चों को स्कूल ही नहीं भेज पाते हैं. हमने शासन प्रशासन को पुलिया निर्माण के संदर्भ में आवेदन दिया है. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.'

Villagers Carry woman on cot
नदी पार करते ग्रामीण (ETV Bharat)

ग्राम पंचायत सीताडोंगरी के सरपंच नवल पूषाम ने बताया कि 'ग्राम मदनपुर के पास पुलिया के निर्माण न होने से बारिश के दिनों में प्राथमिक शाला और माध्यमिक शाला दोनों ग्रामों के पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राएं एक दूसरे गांव में प्रवेश नहीं कर पाते. जिससे सबसे अधिक नुकसान हमारे बच्चों का हो रहा है. यहां पर पुल निर्माण को लेकर शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया गया, लेकिन अब तक न सड़क बनी और न ही पुल का निर्माण हो पाया है. पुल निर्माण को लेकर आरईएस के इंजीनियर और एसडीओ ने यहां सर्वे तक किया है. पूर्व में इस नाले पर भूमि पूजन तक किया जा चुका है. बावजूद इसके अब तक निर्माण नहीं हो सका है.'

Balaghat No Road Bridge
बालाघाट गांव में सड़क नहीं (ETV Bharat)

खाट पर ले जाना पड़ता है गर्भवती महिलाओं को

ग्राम मदनपुर की आशा कार्यकर्ता प्रमिला कटरे ने बताया कि नाले में बाढ़ जैसी स्थिति होने के कारण यहां के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ता है. नाले में पानी का बहाव अधिक होने पर गर्भवती महिलाओं व तबीयत खराब होने पर ग्रामीणों को खाट में बिठाकर या पीठ पर लाद कर नाला पार कराते हुए अस्पताल पहुंचाया जाता है. जिससे कई दफा तो नाले में गाड़ियां फंस जाती है. जिससे अत्यधिक परेशानी होती है. पानी में बहाव के डर से बारिश के महीने में बच्चे स्कूल भी जाना बंद कर देते हैं.'

यहां पढ़ें...

बुरहानपुर के इस गांव में रोड नहीं होने से छूट रही बच्चों की पढ़ाई, गांव में अभी तक बिजली नहीं आई

हे सरकार! पुल बनवा दो, हरदा से सटे 12 गांवों के लोग नदी तैरकर पहुंचते हैं दूसरे पार

15 दिनों में नहीं जागी सरकार तो नाले पर ही देंगे धरना

जनपद सदस्य करण तेकाम ने बताया कि यहां की समस्या बहुत विकट है. मदनपुर के समीप में बहने वाले नाले के कारण चार महीने तक पढ़ने टोला बसाहट के जो बच्चे हैं, वह स्कूल जाने से वंचित रह जाते हैं. लगातार प्रयास करने के बाद भी ना सरकार जाग रही है और ना ही क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि ही ध्यान दे रहे हैं. हमारे द्वारा विभागीय अधिकारियों व सांसद विधायक और मंत्री सभी जनप्रतिनिधियों को बारंबार आवेदन निवेदन किया गया है, लेकिन कोई ध्यान नहीं देता है.' ग्रामीणों ने कहा कि इस समस्या को लेकर 15 दिनों के अंदर किसी तरह की कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया शासन प्रशासन की ओर से दिखाई नहीं देती है, तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित ग्रामीणों के द्वारा उग्र आंदोलन के लिये मजबूर होना पड़ेगा.'

बालाघाट: वनांचल क्षेत्र में निवास करने वाले आदिवासियों के लिए योजनाओं के नाम पर शासन द्वारा करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं. बावजूद इसके अब भी वनांचल क्षेत्र के टोला और बस्तियों में रहने वाले ग्रामीण आदिवासियों को मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हो पा रही है. वर्तमान समय में प्रदेश के बालाघाट जिले में रहने वाले आदिवासी सड़क, बिजली, पानी जैसी मूलभूत समस्याओं को लेकर परेशान हैं. जिले के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र परसवाड़ा अन्तर्गत ग्राम पंचायत सीताडोंगरी के मदनपुर से एक तस्वीर सामने आई है. यहां पर निवास करने वाले आदिवासी आज भी सड़क, बिजली और पानी जैसी मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं. सड़क नहीं होने से ग्रामीणों को एंबुलेंस का लाभ नहीं मिल पा रहा है. लिहाजा ग्रामीण खाट पर प्रसूता को लेकर गए.

बालाघाट के गांव में मूलभूत सुविधाओं का अभाव (ETV Bharat)

बारिश के दिनों में स्कूल नहीं पहुंचते बच्चे

मदनपुर के भुर्राटोला निवासी समोता बाई उइके, सुखबती बाई यादव थामेंद्र कटरे ने बताया कि ' गर्मी और ठंड का महीना तो हम जैसे-तैसे काट लेते हैं, लेकिन बारिश का महीना, हमारे लिए काला महीना साबित होता है, क्योंकि बारिश के दिनों में हमारे बच्चे हफ्तों स्कूल नहीं जा पाते हैं. बैहर जाने के लिए बस आकर दूर ही खड़ी रहती है. वहीं मदनपु के पास नाले में पानी होने के कारण कई दिनों हम बच्चों को स्कूल ही नहीं भेज पाते हैं. हमने शासन प्रशासन को पुलिया निर्माण के संदर्भ में आवेदन दिया है. लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.'

Villagers Carry woman on cot
नदी पार करते ग्रामीण (ETV Bharat)

ग्राम पंचायत सीताडोंगरी के सरपंच नवल पूषाम ने बताया कि 'ग्राम मदनपुर के पास पुलिया के निर्माण न होने से बारिश के दिनों में प्राथमिक शाला और माध्यमिक शाला दोनों ग्रामों के पढ़ाई करने वाले छात्र-छात्राएं एक दूसरे गांव में प्रवेश नहीं कर पाते. जिससे सबसे अधिक नुकसान हमारे बच्चों का हो रहा है. यहां पर पुल निर्माण को लेकर शासन प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया गया, लेकिन अब तक न सड़क बनी और न ही पुल का निर्माण हो पाया है. पुल निर्माण को लेकर आरईएस के इंजीनियर और एसडीओ ने यहां सर्वे तक किया है. पूर्व में इस नाले पर भूमि पूजन तक किया जा चुका है. बावजूद इसके अब तक निर्माण नहीं हो सका है.'

Balaghat No Road Bridge
बालाघाट गांव में सड़क नहीं (ETV Bharat)

खाट पर ले जाना पड़ता है गर्भवती महिलाओं को

ग्राम मदनपुर की आशा कार्यकर्ता प्रमिला कटरे ने बताया कि नाले में बाढ़ जैसी स्थिति होने के कारण यहां के ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित होना पड़ता है. नाले में पानी का बहाव अधिक होने पर गर्भवती महिलाओं व तबीयत खराब होने पर ग्रामीणों को खाट में बिठाकर या पीठ पर लाद कर नाला पार कराते हुए अस्पताल पहुंचाया जाता है. जिससे कई दफा तो नाले में गाड़ियां फंस जाती है. जिससे अत्यधिक परेशानी होती है. पानी में बहाव के डर से बारिश के महीने में बच्चे स्कूल भी जाना बंद कर देते हैं.'

यहां पढ़ें...

बुरहानपुर के इस गांव में रोड नहीं होने से छूट रही बच्चों की पढ़ाई, गांव में अभी तक बिजली नहीं आई

हे सरकार! पुल बनवा दो, हरदा से सटे 12 गांवों के लोग नदी तैरकर पहुंचते हैं दूसरे पार

15 दिनों में नहीं जागी सरकार तो नाले पर ही देंगे धरना

जनपद सदस्य करण तेकाम ने बताया कि यहां की समस्या बहुत विकट है. मदनपुर के समीप में बहने वाले नाले के कारण चार महीने तक पढ़ने टोला बसाहट के जो बच्चे हैं, वह स्कूल जाने से वंचित रह जाते हैं. लगातार प्रयास करने के बाद भी ना सरकार जाग रही है और ना ही क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि ही ध्यान दे रहे हैं. हमारे द्वारा विभागीय अधिकारियों व सांसद विधायक और मंत्री सभी जनप्रतिनिधियों को बारंबार आवेदन निवेदन किया गया है, लेकिन कोई ध्यान नहीं देता है.' ग्रामीणों ने कहा कि इस समस्या को लेकर 15 दिनों के अंदर किसी तरह की कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया शासन प्रशासन की ओर से दिखाई नहीं देती है, तो स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित ग्रामीणों के द्वारा उग्र आंदोलन के लिये मजबूर होना पड़ेगा.'

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