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खदान मजदूर की बेटी बनी IRS अफसर, बालाघाट की पायल को UPSC में मिली ये रैंक

बालाघाट में मजदूर की बेटी पायल ग्वालवंशी आईआरएस अफसर बन गई है. पायल ग्वालवंशी को यूपीएससी में 913वीं रैंक मिली है.

BALAGHAT PAYAL GWALVANSHI IRS
बालाघाट की पायल को UPSC में मिली रैंक (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 5 hours ago

बालाघाट: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के तिरोड़ी खदान में काम करने वाले एक मजदूर की बेटी ने यूपीएससी परीक्षा पास कर यह साबित कर दिया है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. तिरोड़ी की रहने वाली पायल ग्वालवंशी ने यूपीएससी की परीक्षा में 913 रैंक हासिल कर पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया है. हालांकि इस मुकाम को हासिल करने में उन्हें बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. इस दौरान वह तीन बार इस परीक्षा में असफल भी रहीं.

कहते हैं कि मन में कुछ करने का जज्बा हो और पूरी ईमानदारी के साथ मेहनत की जाए तो मंजिल आखिरकार मिल ही जाती है. वही कर दिखाया है तिरोड़ी की पायल ग्वालवंशी ने, जिन्होंने अपनी तमाम समस्याओं को दरकिनार करते हुए चौथी बार में यूपीएससी की परीक्षा पास की. पायल उन सभी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा बनकर प्रशासनिक अफसर बनने की कहानी साझा कर रही हैं.

Payal Gwalvanshi Success Story
परिवार के साथ पायल ग्वालवंशी (ETV Bharat)

आखिरी प्रयास में पास की UPSC की परीक्षा

पायल की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से हुई, क्योंकि पिता मजदूर हैं. इसलिए बड़े स्कूलों में पायल को शिक्षा ग्रहण करने का अवसर नहीं मिल पाया. फिर भी सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की परीक्षा को उन्होंने लक्ष्य माना और लगातार प्रयास जारी रखी. जिसमें उन्हें पहले असफलताएं हासिल हुई, लेकिन उन्होंने हौसला नहीं हारा और अपनी मेहनत के बल पर आखिरकार चौथी बार में सफलता हासिल कर प्रशासनिक अवसर के लिए चयनित हुई. पायल के अनुसार उनका शैक्षिक जीवन काफी संघर्षमय रहा है, क्योंकि पिता मजदूर हैं. इसलिए प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल के साथ-साथ आगे की पढ़ाई भी सरकारी स्कूल में ही करनी पड़ी, हालांकि पायल का कहना है कि उनका मनोबल इससे कतई कम नहीं हुआ कि वह एक सरकारी स्कूल में पढ़ रही हैं.

Balaghat Mine Worker Daughter Payal Gwalwanshi
आईआरएस अफसर बनने के बाद परिवार में खुशी (ETV Bharat)

संघर्षमय रहा पायल का जीवन

उन्होंने अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए लगातार पढ़ाई जारी रखी. पायल का कहना है कि उन्होंने एक सेमिनार उन छात्रों को सम्मान पाते देखा था. जिन्होंने यूपीएससी में परीक्षा पास की थी. इसके बाद से यह चीज उनके दिमाग में घर कर गया और 12वीं के बाद ही उन्होंने यूपीएससी की पढ़ाई करने का फैसला ले लिया. पायल बताती है कि जिस वक्त उन्होंने इस कठिन परीक्षा का संकल्प ले लिया था. उस समय उनकी उम्र 25 वर्ष थी, लेकिन इस संघर्ष भरे शैक्षिक जीवन में उन्होंने आर्थिक स्थिति को कभी भी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया. पूरी लगन और मेहनत के साथ यूपीएससी की तैयारी करने लगी.

यहां पढ़ें...

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आईआरएस अफसर बनी पायल ग्वालवंशी

पायल का कहना है कि यूपीएससी की तैयारी के लिए शेड्यूल बनाकर वे पढ़ाई करती थी. जिसमें किसी प्रकार की कभी भी कोई लापरवाही नहीं की. हालांकि कोविड-19 के दौरान उन्हें घर वापस लौटना पड़ा था, लेकिन उन्होंने फिर भी हिम्मत नहीं हारी और ऑनलाइन अपनी पढ़ाई का क्रम जारी रखा. पायल के अनुसार उन्होंने यूपीएससी के लिए पहला प्रयास 2019 में किया, लेकिन वह इसमें असफल रहीं. इसके बाद लगातार तीन बार असफलता ही उन्हें हाथ लगी, अंत में चौथी बार उन्होंने वह कर दिखाया. जिसमें न केवल पूरे परिवार बल्कि सगे संबंधियों सहित क्षेत्रीय लोगों को गर्व महसूस हुआ. बहरहाल पायल भारतीय राजस्व सेवा आईआरएस (IRS) के लिए चुनी गई हैं.

बालाघाट: मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के तिरोड़ी खदान में काम करने वाले एक मजदूर की बेटी ने यूपीएससी परीक्षा पास कर यह साबित कर दिया है कि कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती. तिरोड़ी की रहने वाली पायल ग्वालवंशी ने यूपीएससी की परीक्षा में 913 रैंक हासिल कर पूरे जिले का नाम रोशन कर दिया है. हालांकि इस मुकाम को हासिल करने में उन्हें बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. इस दौरान वह तीन बार इस परीक्षा में असफल भी रहीं.

कहते हैं कि मन में कुछ करने का जज्बा हो और पूरी ईमानदारी के साथ मेहनत की जाए तो मंजिल आखिरकार मिल ही जाती है. वही कर दिखाया है तिरोड़ी की पायल ग्वालवंशी ने, जिन्होंने अपनी तमाम समस्याओं को दरकिनार करते हुए चौथी बार में यूपीएससी की परीक्षा पास की. पायल उन सभी विद्यार्थियों के लिए प्रेरणा बनकर प्रशासनिक अफसर बनने की कहानी साझा कर रही हैं.

Payal Gwalvanshi Success Story
परिवार के साथ पायल ग्वालवंशी (ETV Bharat)

आखिरी प्रयास में पास की UPSC की परीक्षा

पायल की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल से हुई, क्योंकि पिता मजदूर हैं. इसलिए बड़े स्कूलों में पायल को शिक्षा ग्रहण करने का अवसर नहीं मिल पाया. फिर भी सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक यूपीएससी की परीक्षा को उन्होंने लक्ष्य माना और लगातार प्रयास जारी रखी. जिसमें उन्हें पहले असफलताएं हासिल हुई, लेकिन उन्होंने हौसला नहीं हारा और अपनी मेहनत के बल पर आखिरकार चौथी बार में सफलता हासिल कर प्रशासनिक अवसर के लिए चयनित हुई. पायल के अनुसार उनका शैक्षिक जीवन काफी संघर्षमय रहा है, क्योंकि पिता मजदूर हैं. इसलिए प्रारंभिक शिक्षा सरकारी स्कूल के साथ-साथ आगे की पढ़ाई भी सरकारी स्कूल में ही करनी पड़ी, हालांकि पायल का कहना है कि उनका मनोबल इससे कतई कम नहीं हुआ कि वह एक सरकारी स्कूल में पढ़ रही हैं.

Balaghat Mine Worker Daughter Payal Gwalwanshi
आईआरएस अफसर बनने के बाद परिवार में खुशी (ETV Bharat)

संघर्षमय रहा पायल का जीवन

उन्होंने अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करते हुए लगातार पढ़ाई जारी रखी. पायल का कहना है कि उन्होंने एक सेमिनार उन छात्रों को सम्मान पाते देखा था. जिन्होंने यूपीएससी में परीक्षा पास की थी. इसके बाद से यह चीज उनके दिमाग में घर कर गया और 12वीं के बाद ही उन्होंने यूपीएससी की पढ़ाई करने का फैसला ले लिया. पायल बताती है कि जिस वक्त उन्होंने इस कठिन परीक्षा का संकल्प ले लिया था. उस समय उनकी उम्र 25 वर्ष थी, लेकिन इस संघर्ष भरे शैक्षिक जीवन में उन्होंने आर्थिक स्थिति को कभी भी अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया. पूरी लगन और मेहनत के साथ यूपीएससी की तैयारी करने लगी.

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आईआरएस अफसर बनी पायल ग्वालवंशी

पायल का कहना है कि यूपीएससी की तैयारी के लिए शेड्यूल बनाकर वे पढ़ाई करती थी. जिसमें किसी प्रकार की कभी भी कोई लापरवाही नहीं की. हालांकि कोविड-19 के दौरान उन्हें घर वापस लौटना पड़ा था, लेकिन उन्होंने फिर भी हिम्मत नहीं हारी और ऑनलाइन अपनी पढ़ाई का क्रम जारी रखा. पायल के अनुसार उन्होंने यूपीएससी के लिए पहला प्रयास 2019 में किया, लेकिन वह इसमें असफल रहीं. इसके बाद लगातार तीन बार असफलता ही उन्हें हाथ लगी, अंत में चौथी बार उन्होंने वह कर दिखाया. जिसमें न केवल पूरे परिवार बल्कि सगे संबंधियों सहित क्षेत्रीय लोगों को गर्व महसूस हुआ. बहरहाल पायल भारतीय राजस्व सेवा आईआरएस (IRS) के लिए चुनी गई हैं.

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