नई दिल्ली : दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने विवेक विहार बेबी केयर सेंटर अग्निकांड मामले के आरोपी डॉ. आकाश की जमानत याचिका को खारिज कर दिया. सुनवाई के दौरान डॉक्टर आकाश की ओर से पेश वकील नवीन कुमार सिंह ने कहा कि डॉक्टर आकाश बेबी केयर सेंटर में बतौर ट्रेनी काम कर रहे थे. वे जनवरी 2024 से अस्पताल में काम कर रहे थे. दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि अगर जमानत दी जाती है तो साक्ष्यों और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की जा सकती है.
नवीन कुमार ने जमानत की मांग करते हुए कहा कि डॉक्टर आकाश अस्पताल प्रबंधन के निर्देशानुसार अस्पताल के स्टाफ की मदद कर रहे थे. इस अग्निकांड में अब तक 8 बच्चों की मौत हुई है. कोर्ट ने 30 मई को डॉक्टर आकाश और नवीन कीची को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था. कोर्ट ने 30 मई को ही डॉक्टर आकाश की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. बता दें, 25 मई को विवेक विहार बेबी केयर सेंटर में आग लग गई थी.
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#UPDATE | विवेक विहार बेबी केयर अस्पताल अग्निकांड मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने डॉ. आकाश की ज़मानत याचिका खारिज कर दी।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 3, 2024
उन्हें अस्पताल के मालिक डॉ. नवीन खीची के साथ गिरफ्तार किया गया था। https://t.co/gzV0a0n4dg
आग लगने पर पुलिस, दमकल विभाग, अस्पताल, स्टाफ और आम लोगों ने किसी तरह अस्पताल की इमारत के पिछले हिस्से में मौजूद खिड़की के रास्ते सभी 12 बच्चों को निकाला. इस घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने अस्पताल के मालिक डॉक्टर नवीन कीची और एक डॉक्टर आकाश को गिरफ्तार कर लिया है. दिल्ली पुलिस ने नवीन कीची के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 336 और 304 ए के तहत एफआईआर दर्ज किया है. डॉक्टर आकाश के पास बीएएमएस की डिग्री है. अस्पताल को चलाने के लिए विशेषज्ञ डॉक्टर की जरूरत होती है लेकिन उसके बावजूद अस्पताल के मालिक डॉक्टर नवीन कीची ने आयुर्वेदिक डॉक्टर आकाश को रखा था.
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दिल्ली पुलिस के मुताबिक, इस अस्पताल के पास केवल पांच बेड की अनुमति थी लेकिन ये अस्पताल 12 बेड का चलाया जा रहा था. जांच के दौरान अस्पताल परिसर में आग बुझाने वाला एक भी सिलेंडर नहीं मिला. अस्पताल में आपातकालीन स्थिति में इमरजेंसी एग्जिट गेट भी नहीं बनाया गया था. अस्पताल का लाइसेंस भी समाप्त हो गया था.
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