जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने गुजरात की धोलेरा सिटी में निवेश के बदले मोटा मुनाफा देने का झांसा देकर कई हजार करोड़ रुपए की ठगी करने वाले आरोपी रणवीर सिंह और सुभाष चन्द्र बिजरानिया को जमानत देने से इनकार कर दिया है. जस्टिस प्रवीर भटनागर ने यह आदेश दोनों आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज करते हुए दिए. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि याचिकाकर्ता आरोपी यह कहकर फायदा नहीं उठा सकते कि उनका कुछ लोगों से राजीनामा हो गया है. रिकॉर्ड से साबित है कि याचिकाकर्ताओं ने कई लोगों से चिट फंड कंपनी के जरिए रुपए ठगे हैं. ऐसे में आरोप पत्र में लगाए आरोपों को देखते हुए उन्हें जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता.
जमानत अर्जी में कहा गया कि प्रकरण में उनके खिलाफ सीकर के उद्योग नगर थाने में धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज हुई थी. जिसमें बाद में प्राइज चिट्स एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम प्रतिबंध अधिनियम और अनियमित जमा योजना अधिनियम के तहत भी धाराएं जोड़ी गई. याचिका में कहा गया कि उन्हें प्रकरण में फंसाया गया है. शिकायतकर्ताओं ने अपनी एफआईआर में उन्हें रुपए देने का दिन और समय की जानकारी नहीं दी है. इसके अलावा उनके खिलाफ दर्ज कुछ अन्य शिकायतों में राजीनामा हो चुका है.
वहीं प्रकरण में आरोप पत्र पेश हो चुका है और वह लंबे समय से जेल में बंद है. इसलिए उन्हें जमानत दी जाए. जिसका विरोध करते हुए पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता मोहित खंडेलवाल ने अदालत को बताया कि दोनों आरोपी नेक्सा एवरग्रीन कंपनी में पदाधिकारी हैं और कंपनी ने बड़ी संख्या में बैंक में खाते खुलवाकर कई तरीकों से निवेशकों से राशि जमा कराई है. इन खातों में 267 करोड़ रुपए जमा हुए हैं. वहीं आरोपी के करीब 22 मामलों में मिलीभगत सामने आई है. आरोपियों ने बड़े लाभ का झांसा देकर निवेश कराया, लेकिन बाद में रुपए नहीं दिए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.
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गौरतलब है कि आरोपियों ने धोलेरा सिटी में निवेश के नाम पर सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी की. आरोपियों ने निवेशकों को 14 माह में निवेश दोगुना करने और हर सप्ताह लाभांश खाते में आने का झांसा दिया था.