रांची: बच्चों में स्मार्ट फोन की लत न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और पारिवारिक दुष्प्रभावों को भी जन्म देती है. यह मानना है देश के जानेमाने शीशु रोग विशेषज्ञ और नीति आयोग के पोषण सदस्य डॉ राज भंडारी का. रांची के टीआरआई में युवा वर्ग में 'मोबाइल इस्तेमाल' विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जहां डॉ राज भंडारी ने बच्चों को संबोधित किया. उन्होंने हाल के वर्षों में स्मार्टफोन के अत्यधिक उपयोग और दुरुपयोग के प्रति सचेत करते हुए कहा कि इससे बच्चों में नकारात्मकता को जन्म देता है. इसलिए जरूरी है कि बच्चे मोबाइल के जरिए अच्छे चीजों को ग्रहण करें.
सोशल मीडिया की गंदी चीजें न देखें बच्चे: शिक्षा मंत्री
शिक्षा मंत्री बैद्यनाथ राम ने संबोधित करते हुए कहा कि बदलते परिवेश में हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है. जिस तरह से इंटरनेट के माध्यम से गंदी चीजें परोसी जा रही है उससे बच्चों को दूर रहना होगा. जाहिर तौर पर इसके लिए अपने विवेक का इस्तेमाल करना होगा क्योंकि इंटरनेट पर सबकुछ उपलब्ध है, अच्छी भी और बुरी चीजें भी हैं. ऐसे समय पर आपको अपने विवेक का इस्तेमाल करना होगा कि क्या देखें और क्या पढें.
शिक्षा मंत्री ने कहा कि आज एकल परिवार का कांसेप्ट तेजी से बढ रहा है. बच्चे पारिवारिक माहौल में पारंपरिक रूप से जो सीखते थे उसमें कहीं ना कहीं कमी आती जा रही है. ऐसे में हर बच्चे खुद को प्राइवेसी मेंटेन करने में लगा है जो बहुत ही घातक है. फ्लेयर द्वारा आयोजित इस राष्ट्रीय सेमिनार को सीआरपी रांची के मनोवैज्ञानिक डॉक्टर निशांत गोयल, सुप्रीम कोर्ट ऑफ़ इंडिया के अधिवक्ता डॉ भावना शर्मा, झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डीके सिंह के अलावे राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालय, स्कूल और कॉलेज के प्राचार्य ने संबोधित किया. इस मौके पर बड़ी संख्या में स्कूली बच्चे, उनके अभिभावक, सामाजिक कार्यकर्ता आदि मौजूद थे.
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