पश्चिमी चंपारण (बगहा): जिले के रामनगर स्थित उत्क्रमित उच्च विद्यालय मुड़ेरा में उस समय अफरातफरी मच गई जब एक-एक कर कई छात्राओं ने पेट में जोर से दर्द की शिकायत करने लगे. दर्द से तड़प रहे स्कूली बच्चों को आनन फानन में रामनगर पीएचसी में भर्ती कराया गया. बताया जा रहा है कि तकरीबन 50 बच्चों की तबियत बिगड़ी है. फिलहाल सभी विद्यार्थी खतरे से बाहर हैं.
क्या है मामलाः बताया जा रहा है कि 7 वीं और 8 वीं कक्षा के विद्यार्थियों को शनिवार 27 जुलाई को आयरन की गोली खिलाई गई थी. जिसके बाद उनकी तबीयत खराब होने लगी. छात्रों की हालत खराब होने की सूचना पर अस्पताल परिसर में नाराज अभिभावक, शिक्षकों से भिड़ गए. उनके साथ धक्का मुक्की करने लगा. इस दौरान अस्पताल परिसर में अफरातफरी मच गयी. हालांकि कुछ लोगों के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत हुआ.
"7 वीं और 8 वीं कक्षा के छात्र-छात्राओं को खाना खिलाने के बाद आयरन की गोली खिलाई गई थी. जिसके बाद चार-पांच छात्राएं बेहोश हो गई थी. कुछ ने तेज पेट दर्द की शिकायत की. सूचना के बाद अभिभावक भी विद्यालय पहुंचे. सभी पीड़ित बच्चों को अस्पताल पहुंचाया गया."- पंकज पाठक, विद्यालय के सहायक शिक्षक
बच्चे फिलहाल खतरे से बाहर: घटना की सूचना पर रामनगर पीएचसी में पुलिस की टीम भी पहुंची. रामनगर थानाध्यक्ष ललन प्रसाद ने बताया कि आयरन का टैबलेट खिलाने के बाद बच्चे बेहोश होने लगे और पेट दर्द से तड़पने लगे. जिसके बाद सभी बच्चों को अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है. बच्चे फिलहाल खतरे से बाहर हैं. इधर बगहा के पटखौली में एक छात्रा उमस भरी गर्मी से बेहोश हो गई जिसे प्राथमिक उपचार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है.
क्यों खिलायी जाती आयरन गोलीः स्कूलों में बच्चों को आयरन की गोली खिलाने का उद्देश्य उनके स्वास्थ्य में सुधार लाना है. आयरन की कमी से उनमें एनीमिया हो सकती है, जिससे कमजोरी, थकान, और ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई हो सकती है. आयरन सप्लीमेंट देने से उनकी हीमोग्लोबिन का स्तर बढ़ता है, जिससे उनकी शारीरिक और मानसिक विकास में मदद मिलती है. यह पहल खासकर उन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण है जहां आयरन की कमी व्यापक होती है. बच्चों की पोषण स्थिति सुधारने की जरूरत होती है.
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