बदायूं : 19 मार्च को दो बच्चों की हुई गला काटकर हत्या के मामले में पुलिस ने एक आरोपी का एनकाउंटर और दूसरे को जेल तो भेज दिया लेकिन हत्या की अभी तक कोई स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है. पुलिस के खुलासे पर भी तमाम सवाल उठे, लेकिन उनका कोई जवाब नहीं मिला. पुलिस की थ्योरी न तो मृतक बच्चों के पल्ले पड़ रही है, न ही आम लोगों के. पुलिस की कार्यशैली से नाराज बच्चों के पिता ने रविवार को अपनी बाइक में आग लगा दी.
पुलिस की कार्यशैली से गहरी नाराजगी
थाना सिविल लाइंस क्षेत्र के सुंदरनगर बाबा कॉलोनी में 19 मार्च को दो बच्चों की निर्मम तरीके से गला काटकर हत्या कर दी गई थी. जिस पर पुलिस ने साजिद नाम के आरोपी का एनकाउंटर कर दिया था. बाद में उसके भाई जावेद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. वहीं परिवार लगातार पुलिस से मांग कर रहा था कि उनके बच्चों की हत्या के कारण का खुलासा किया जाए. जिसको लेकर परिवार ने आत्महत्या के चेतावनी भी दी थी. दूसरी ओर पुलिस मुख्य आरोपी के दिमागी तौर पर बीमार होने की बात कहती रही. यह भी कि साजिद अचानक हिंसक हो जाता था.
जबकि पुलिस ने दूसरे आरोपी जावेद को गिरफ्तार करने के बाद जो कहानी सुनाई थी, उसमें ही कहा था कि बच्चों की हत्या करने वाला साजिद छूरा खरीदकर उनके घर पहुंचा था. यानी यह कत्ल सुनियोजित था. दूसरे यह कि साजिद सालों से बच्चों के घर के सामने दुकान चला रहा था. कभी ऐसी कोई बात सामने नहीं आई, फिर अचानक कैसे उसका व्यवहार बदल गया और उसने दो बच्चों की हत्या कर दी.
बच्चों के पिता ने अपनी बाइक में लगा दी आग
रविवार सुबह मृतक बच्चों के पिता विनोद कुमार ने पहले अपनी बाइक में आग लगा दी और फिर अपनी कार भी जलाने का प्रयास किया. लेकिन वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे रोक लिया. हालांकि बाइक जलकर राख हो गई. थानाध्यक्ष सिविल लाइंस गौरव बिश्नोई परिवार से मिले और उन्हें समझाने का प्रयास किया. वहीं मृतक बच्चों की दादी ने बताया कि वह लोग बहुत परेशान हैं. उन्हें कुछ भी समझ नहीं आ रहा है कि वह लोग क्या करें. आज होली का त्यौहार है और उनके घर में मातम छाया हुआ है.
कत्ल की वजह का अभी तक पता नहीं
घटना के करीब एक हफ्ते बीतने को हैं, लेकिन पुलिस यह नहीं बता सकी कि बच्चों का कत्ल क्यों हुआ? साजिद किस बात पर आपा खो बैठा? बच्चों से ही उसकी नाराजगी क्यों थी? साजिद के व्यवहार के बारे में उसकी पत्नी और मां ने ऐसा कुछ नहीं बताया, जिससे लगे कि वह मानसिक रूप से बीमार था. पुलिस ने कत्ल की जो थ्योरी बताई है, उसमें तमाम पेच हैं.
एसएसपी आलोक प्रियदर्शी के मुताबकि साजिद मानसिक रूप से बीमार था. इसी वजह से वह अक्सर एग्रेसिव भी हो जाता था. जबकि मोहल्लों वालों के मुताबिक वह शांत प्रवृत्ति का आदमी था. उसकी कभी किसी से लड़ाई झगड़े की बात भी सामने नहीं आई है. साजिद का अगर दरगाह पर इलाज होता था तो मामला तंत्र मंत्र से भी जुड़ता है, लेकिन पुलिस इस पर मौन है.
बच्चों के कत्ल के लिए खरीदा था छूरा
पुलिस की छानबीन में सामने आया है कि साजिद छूरा लेकर बच्चों के घर गया था. यानी सोचसमझकर किया गया कत्ल. फिर पुलिस की उसके अचानक अग्रेसिव होने की थ्योरी ही गलत हो जाती है. अगर साजिद ने अग्रेसिव होकर इस घटना को अंजाम दिया तो यह सवाल उठता है कि वह किस बात पर आपा खो बैठा. जबकि बच्चों के घर में उसकी किसी से ऐसी कोई बात नहीं हुई. पुलिस नहीं बता पा रही है कि एक-एक कर बच्चों को मौत की नींद सुलाने वाले साजिद का मोटिव क्या था?
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