सहारनपुर: बाबरी मस्जिद एक्शन कमेटी के अध्यक्ष मौलाना अतारउर्रहमान वजदी का शनिवार को निधन हो गया. वह पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे थे. देहरादून के एक अस्पताल में उन्होंने आखिरी सांस ली. उनके शव को ढोली खाल स्थित उनके आवास पर लाया गया. शाम को जनाजे की नमाज के बाद कुतबुशेर कब्रिस्तान में सपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. अताउर्रहमान वजदी ने बाबरी मस्जिद के निर्माण को लेकर पिछले कई सालों तक मुहीम चलाई थी. जिसके चलते उन्हें बाबरी मस्जिद निर्माण कमेटी का फाउंडर मेंबर भी बनाया गया था.
बता दें कि, मौलाना वजदी 88 साल के थे और पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे. उन्हें एक सप्ताह पहले गंभीर हालत में देहरादून के अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वजदी बाबरी मस्जिद के निर्माण को लेकर पिछले कई वर्षों तक मुहिम चलाते रहे. उनके निधन पर सांसद इमरान मसूद, शहर काजी नदीम अख्तर, पूर्व सांसद हाजी फजलुर्रहमान, जामा मस्जिद के प्रबंधक मौलवी फरीद, शेरशाह आजम, अरशद कुरैशी, और शब्बीर साद ने दुख जताया है. उनके शव को ढोली खाल स्थित उनके आवास पर लाया गया है. शाम को जनाजे की नमाज के बाद कुतुबुशेर कब्रिस्तान में उन्हें दफनाया जाएगा. मौलाना वजदी के निधन से सहारनपुर के मुस्लिम समुदाय में शोक की लहर है.
मौलाना अताउर्रहमान वजदी ने बाबरी मस्जिद के निर्माण के लिए मुहीम चलाई थी. बाबरी मस्जिद को लेकर चली लंबी लड़ाई लड़ी थी. 6 दिसंबर को काला दिवस मनाने की शुरुआत भी वजदी ने ही की थी. हालांकि वजदी साहब की बीमारी के चलते कई सालों से 6 दिसंबर को मनाये जाने वाला काला दिवस नहीं मनाया गया. उनके निधन के बाद उलेमाओं और इस्लाम जगत में शोक की लहर बनी हुई है.