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भैरव पूजन के साथ होगा केदारनाथ यात्रा का आगाज, अतीत से चली आ रही परंपरा - Rudraprayag Bhairav Puja

Bhairav Puja in Rudraprayag चारधाम यात्रा की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. वहीं केदारनाथ के कपाट खुलने से पूर्व बाबा भैरव के पूजन की परंपरा अतीत से चली आ रही है. बाबा भैरव को केदारपुरी के रक्षक मानें जाते हैं.

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फोटो ईटीवी भारत (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 4, 2024, 6:30 PM IST

Updated : May 5, 2024, 11:50 AM IST

रुद्रप्रयाग: भगवान केदारनाथ की यात्रा का आगाज केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक बाबा भैरव पूजन के साथ होगा. युगों से चली आ रही परंपरा के अनुसार भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से धाम रवाना होने से पूर्व शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में भैरव पूजन की परंपरा है.

केदारनाथ के कपाट खुलने से पूर्व बाबा भैरव की पूजा: कल भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में भैरव पूजन के साथ केदारनाथ यात्रा का आगाज होगा. भैरवनाथ को केदारपुरी का क्षेत्र रक्षक माना जाता है. लोक मान्यताओं के अनुसार भैरवनाथ पूजन के बाद बाबा भैरवनाथ केदार पुरी के लिए रवाना हो जाते हैं. केदारपुरी से लगभग एक किमी दूर सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य भैरवनाथ की तपोस्थली है. केदारनाथ की तर्ज पर बाबा भैरवनाथ के कपाट खोलने व बंद करने की परंपरा युगों पूर्व की है. मंदिर समिति की ओर से बाबा भैरव पूजन की सभी तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं. पूजन में शामिल होने के लिए विभिन्न राज्यों के श्रद्धालुओं ने ऊखीमठ की ओर रुख कर दिया है.

अतीत से निभाई जा रही परंपरा:जानकारी देते हुए मंदिर समिति कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि बाबा भैरवनाथ पूजन की सभी तैयारियां शुरू कर ली गयी हैं और कल सायं लगभग सात बजे से प्रधान पुजारियों व विद्वान आचार्यों द्वारा वेद ऋचाओं के साथ परंपरानुसार पूजन किया जायेगा. जिसमें देश-विदेश व स्थानीय श्रद्धालु शामिल होकर दस मई से शुरू होने वाली केदारनाथ यात्रा के निर्विघ्न संपन्न होने तथा विश्व समृद्धि व क्षेत्र की खुशहाली की कामना करेंगे. उन्होंने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर को आठ कुंतल तथा भगवान विश्वनाथ के मंदिर (गुप्तकाशी) को आठ कुंतल फूलों से सजाया जा रहा है.

एडवांस दल तैयारियों में जुटा: वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि केदारनाथ धाम में मंदिर समिति के एडवांस दल ने मुख्य मंदिर सहित सहायक मंदिरों में रंग-रोगन का कार्य पूर्ण कर दिया है. 9 मई से पूर्व सभी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने के निर्देश एडवांस दल को दिए गए हैं. एडवांस दल द्वारा सभी तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही हैं.

चारधाम यात्रा में छात्र-छात्राओं की ली जाएगी मदद: केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर सफाई और ट्रैफिक की जिम्मेदारी में जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं उनके सहयोगी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. इसके अलावा इस वर्ष स्कूल के छात्र-छात्राओं की भी यात्रा मैनेजमेंट में मदद ली जाएगी. केदारनाथ धाम यात्रा के दृष्टिगत सभी आवश्यक सुविधाओं के प्रबंधन को लेकर रुद्रप्रयाग से सोनप्रयाग तक नामित जोनल मजिस्ट्रेट व सेक्टर मजिस्ट्रेट अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने सोनप्रयाग में आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए ब्रीफिंग की. इस दौरान उन्होंने सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं स्कूली छात्र-छात्राओं से बेहतर यात्रा मैनेजमेंट के लिए सुझाव भी लिए.

उत्तरकाशी में यात्रियों की सीमित संख्या पर मुखर: चारधाम यात्रा में प्रदेश सरकार के यात्रियों की सीमित संख्या के निर्णय का जिला सहित यमुना घाटी होटल एसोसिएशन के लोगों ने विरोध किया है. उनका कहना है कि सरकार का यह फैसला यात्रा कारोबारियों की आजीविका के साथ खिलवाड़ है. यात्रियों की सीमित संख्या के बजाय प्रदेश सरकार को उनके लिए मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त करने पर ध्यान देना चाहिए.

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रुद्रप्रयाग: भगवान केदारनाथ की यात्रा का आगाज केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक बाबा भैरव पूजन के साथ होगा. युगों से चली आ रही परंपरा के अनुसार भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर से धाम रवाना होने से पूर्व शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में भैरव पूजन की परंपरा है.

केदारनाथ के कपाट खुलने से पूर्व बाबा भैरव की पूजा: कल भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में भैरव पूजन के साथ केदारनाथ यात्रा का आगाज होगा. भैरवनाथ को केदारपुरी का क्षेत्र रक्षक माना जाता है. लोक मान्यताओं के अनुसार भैरवनाथ पूजन के बाद बाबा भैरवनाथ केदार पुरी के लिए रवाना हो जाते हैं. केदारपुरी से लगभग एक किमी दूर सुरम्य मखमली बुग्यालों के मध्य भैरवनाथ की तपोस्थली है. केदारनाथ की तर्ज पर बाबा भैरवनाथ के कपाट खोलने व बंद करने की परंपरा युगों पूर्व की है. मंदिर समिति की ओर से बाबा भैरव पूजन की सभी तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं. पूजन में शामिल होने के लिए विभिन्न राज्यों के श्रद्धालुओं ने ऊखीमठ की ओर रुख कर दिया है.

अतीत से निभाई जा रही परंपरा:जानकारी देते हुए मंदिर समिति कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि बाबा भैरवनाथ पूजन की सभी तैयारियां शुरू कर ली गयी हैं और कल सायं लगभग सात बजे से प्रधान पुजारियों व विद्वान आचार्यों द्वारा वेद ऋचाओं के साथ परंपरानुसार पूजन किया जायेगा. जिसमें देश-विदेश व स्थानीय श्रद्धालु शामिल होकर दस मई से शुरू होने वाली केदारनाथ यात्रा के निर्विघ्न संपन्न होने तथा विश्व समृद्धि व क्षेत्र की खुशहाली की कामना करेंगे. उन्होंने बताया कि उच्चाधिकारियों के निर्देश पर भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर को आठ कुंतल तथा भगवान विश्वनाथ के मंदिर (गुप्तकाशी) को आठ कुंतल फूलों से सजाया जा रहा है.

एडवांस दल तैयारियों में जुटा: वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी यदुवीर पुष्वाण ने बताया कि केदारनाथ धाम में मंदिर समिति के एडवांस दल ने मुख्य मंदिर सहित सहायक मंदिरों में रंग-रोगन का कार्य पूर्ण कर दिया है. 9 मई से पूर्व सभी व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद करने के निर्देश एडवांस दल को दिए गए हैं. एडवांस दल द्वारा सभी तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही हैं.

चारधाम यात्रा में छात्र-छात्राओं की ली जाएगी मदद: केदारनाथ धाम यात्रा मार्ग पर सफाई और ट्रैफिक की जिम्मेदारी में जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं उनके सहयोगी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. इसके अलावा इस वर्ष स्कूल के छात्र-छात्राओं की भी यात्रा मैनेजमेंट में मदद ली जाएगी. केदारनाथ धाम यात्रा के दृष्टिगत सभी आवश्यक सुविधाओं के प्रबंधन को लेकर रुद्रप्रयाग से सोनप्रयाग तक नामित जोनल मजिस्ट्रेट व सेक्टर मजिस्ट्रेट अधिकारियों के साथ जिलाधिकारी सौरभ गहरवार ने सोनप्रयाग में आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए ब्रीफिंग की. इस दौरान उन्होंने सेक्टर मजिस्ट्रेट एवं स्कूली छात्र-छात्राओं से बेहतर यात्रा मैनेजमेंट के लिए सुझाव भी लिए.

उत्तरकाशी में यात्रियों की सीमित संख्या पर मुखर: चारधाम यात्रा में प्रदेश सरकार के यात्रियों की सीमित संख्या के निर्णय का जिला सहित यमुना घाटी होटल एसोसिएशन के लोगों ने विरोध किया है. उनका कहना है कि सरकार का यह फैसला यात्रा कारोबारियों की आजीविका के साथ खिलवाड़ है. यात्रियों की सीमित संख्या के बजाय प्रदेश सरकार को उनके लिए मूलभूत सुविधाओं को दुरुस्त करने पर ध्यान देना चाहिए.

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Last Updated : May 5, 2024, 11:50 AM IST
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