सिरसा: मस्ताना शाह बिलोचिस्तानी आश्रम (डेरा जगमालवाली) के गद्दीनशीन संत महाराज बहादुर चंद 'वकील साहब' का निधन हो गया. शुक्रवार को डेरा में बने सचखंड हॉल के पीछे बने पार्क में बाबा बहादुर चंद वकील साहब को अंतिम विदाई दी गई. उन्हें बिश्नोई समाज के हिसाब से मिट्टी में दफनाया गया.
गद्दी को लेकर विवाद: बाबा वकील साहिब के देहांत के बाद डेरे की गद्दी को लेकर विवाद शुरू हो गया. गुरुवार सुबह वकील साहिब का पार्थिव शरीर डेरे में पहुंचा, तो उनके ड्राइवर वीरेंद्र सिंह स्टेज पर विराजमान थे. वीरेंद्र सिंह वकील साहिब के खराब स्वास्थ्य के बाद डेरे की कमान संभाले हुए थे. संगत उसे स्टेज पर देखकर आग बबूला हो गई. जैसे ही संगत को पता चला कि डेरे की गद्दी वीरेंद्र सिंह को मिलने जा रही है, तो संगत ने विरोध कर दिया.
समर्थकों ने की सीबीआई जांच की मांग: संगत ने वीरेंद्र को पकड़कर पीटना शुरू कर दिया. इस दौरान किसी ने गोली चला दी. गनीमत रही कि गोली से किसी की जान नहीं गई. नहीं तो बड़ा विवाद हो सकता था. बता दें कि डेरे के बाबा का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है. जिसमें डेरा बाबा की वसीयत वीरेंद्र कुमार ने नाम की जा रही है. श्रद्धालु इस वसीयत की जांच की मांग कर रहे हैं.
गोली चलने से बढ़ा था तनाव: बाबा बहादुर चंद वकील साहब के निधन के बाद डेरे में किसी शख्स ने गोली चला दी थी. गनीमत रही कि फायरिंग में कोई हताहत नहीं हुआ. जिसके बाद श्रद्धालुओं में विवाद हो गया था. तनाव की स्थिति को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे. एडीजीपी हिसार एम रविकरण, डबवाली पुलिस कप्तान दीप्ति गर्ग और जींद एसपी समेत पुलिस के हजारों कर्मचारी सुरक्षा के लिए मौजूद थे. सुरक्षा के लिहाज से पुलिस जवानों के अलावा आरएएफ की 4 टीमें तैनात थी. सिरसा उपायुक्त शांतनु शर्मा, अतिरिक्त उपायुक्त डॉक्टर विवेक भारती, कालांवाली उपमंडल अधिकारी सुरेश कुमार भी मौके पर मौजूद रहे.
राजनेताओं ने दी श्रद्धांजलि: इस मौके पर कांग्रेस नेता राजा सिंह वडिंग ने कहा कि संतों ने हमेशा अच्छे रास्ते पर चलने का संदेश दिया. वो ऐसे संत नहीं थे कि आए हुए लोगों को धागा-ताबीज दें, बल्कि उन्होंने एक ही संदेश दिया कि नाम जपो और प्रेम करो. वो वाक्य ही संत थे और ईश्वर का रूप थे. संत हमेशा अच्छे रास्ते पर चलकर पुण्य का कार्य करने का संदेश देते हैं. उन्होंने कहा कि संत वकील साहब की कमी कभी पूरी नहीं हो सकती. जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला ने कहा कि संतों की कमी कभी पूरी नहीं हो सकती. हमें उनके बताए मार्ग पर चलना चाहिए.
'डेरे में गोली चलने की घटना निंदनीय': वहीं इनेलो नेता रवि चौटाला ने भी बाबा बहादुर चंद वकील साहिब के निधन पर शोक प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि वकील साहिब एक महान संत थे और उन्होंने हमेशा से ही लोगों के उत्थान के लिए काम किया है. उन्होंने कहा कि इस डेरे में हमेशा ही शांति का पाठ पढ़ाया जाता रहा है, लेकिन जिस तरह से डेरे के अंदर गोलियां चली. बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा.
कौन से संत बाबा बहादुर चंद वकील साहब? संत बहादुर चंद्र मूल रूप से चौटाला गांव के रहने वाले थे. उनका जन्म 10 दिसंबर 1944 को चौटाला गांव में हुआ. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव के स्कूल से की. इसके बाद उन्होंने हिसार के दयानंद कॉलेज से आगे की पढ़ाई की. यहां वो आर्य समाज प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष बने. इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ के लॉ कॉलेज से स्नातक किया. 1968 में पढ़ाई पूरी करने के बाद वो डेरा जगमालवाली में शामिल हो गए. 9 अगस्त 1998 को संत बहादुर चंद को डेरे की गद्दी सौंप गई, तब से वो मस्ताना शाह बिलोचिस्तानी डेरा जगमालवाली के प्रमुख रहे. डेरा जगमालवाली 300 साल पुराना है. डेरा जगमालवाली मंडी से 8 किलोमीटर की दूरी पर है.