जौनपुरः बाहुबली और पूर्व सांसद धनंजय सिंह की पत्नी श्रीकला की जगह बसपा द्वारा सांसद श्याम सिंह यादव को उम्मीदवार अचानक बनाए जाने पर सियासत गर्म है. श्रीकला का टिकट कटने के बाद धनंजय सिंह और बसपा पधाधिकारी एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं. धनंजय सिंह ने साफ कहा है कि उनकी पत्नी का टिकट काटा गया है, वह पीछे नहीं हटे थे. जबकि बसपा के जोनल कोऑर्डिनेटर घनश्याम खरवार का कहना है कि धनंजय सिंह ने चुनाव से पीछे हटने की बात कही थी. जिसके बाद घनश्याल लाल यादव को प्रत्याशी बनाया गया है.
धनंजय सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि 'हमारा टिकट काटा गया हैं. मैं किसी जोनल कोऑर्डिनेटर से कोई बात नहीं की है. जैसा की बसपा के जोनल कोऑर्डिनेटर ने मीडिया को बयान दे रहे हैं. ये लोग झूठ बोल रहे हैं. मैं बसपा के दो सरकारों से लड़ा हूं. मैंने कभी दबाव महसूस नहीं किया. मायावती से पता कर लें कि मैंने कभी दबाव में कोई काम किया है. 2011 में सांसद रहते हुए मेरी गिरफ्तारी की योजना थी. उस समय डरा नहीं और दिल्ली से आकर हजारों लोगों के साथ जनसभा की. उस समय किसी की हिम्मत गिरफ्तार करने की नहीं हुई थी. लोकतंत्र में किसी से डरते नहीं हैं. धनंजय सिंह ने कहा कि बसपा ने बस्ती, अमेठी सहित कई सीटों के प्रत्याशी बदल दिए हैं. धनंजय सिंह ने कहा कि मेरी वजह से बसपा में चर्चा में है. 79 सीटों पर बसपा की कहीं कोई चर्चा नहीं है. उन्होंने कहा कि जनता को जवाब नहीं दे पाएंगे, इसलिए उनके ऊपर बसपा के पदाधिकारी आरोप लगा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुझे पहले से अनुमान था. मैंने पत्नी से कहा था कि अंत तक आपका टिकट बचा रह जाए तो बड़ी उपलब्धि है.
वहीं, सपा के जोनल कोऑर्डिनेटर घनश्याम खरवार का कहना है कि जौनपुर सीट से प्रत्याशी मजबूरी में बदला गया है. धनंजय सिंह ने चुनाव पर्चा वापस लेने और चुनाव न लड़ने की बात कही तो प्रत्याशी बदलना पड़ा. इसलिए वर्तमान सांसद घनश्याम लाल यादव को प्रत्याशी बनाया गया है. उन्होंने कहा कि श्रीकला ने बहन मायावती और उनसे प्रत्याशी बनाने के लिए बहुत अनुरोध किया था, इसलिए टिकट दिया गया. अब जब श्रीकला के पति चुनाव से खुद को बाहर कर ले रहे हैं तो किसी न किसी को चुनाव लड़ाना था.