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किडनी के मरीजों को अब बिना डायलिसिस मिलेगी राहत, शोध में हुआ खुलासा - Ayurvedic kidney treatment

किडनी के गंभीर मरीजों का अब बिना डायलिसिस के इलाज होना संभव है., आयुर्वेद कॉलेज में हुए शोध का दावा है, सिर्फ आयुर्वेद की मदद से इसे ठीक किया जा सकता है.

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बिना डायलिसिस किडनी का इलाज (photo credit- Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 20, 2024, 3:18 PM IST

लखनऊ: किडनी के गंभीर मरीजों को आयुर्वेद की मदद से बिना डायलिसिस ठीक किया जा सकता है. आयुर्वेद कॉलेज के डॉक्टरों की शोध में यह बात सामने आई है. डॉक्टरों की टीम ने 26 मरीजों पर छह माह तक शोध किया है. इसमें ऐसे मरीजों को शामिल किया गया, जिन्हें डायलिसिस पर रखा गया हो या यूरीन क्रेटनिन बढ़ा था. इसके परिणाम काफी अच्छे आए है. इस शोध को इंटरनेशनल जर्नल बुक में भी प्रकाशित किया जा चुका है.

डॉ. शरद के अनुसार अधिक उम्र के बीपी, डायबिटिज पीड़ितों के साथ ऐसे मरीजों को शोध में शामिल किया गया था, जिनके परिवार में किडनी की बीमारी रही हो. छह माह तक आयुर्वेदिक पद्धति के इलाज से मरीजों को काफी राहत मिली है. सबसे बड़ी बात यह है, कि इससे किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता है. डॉ. शशि ने बताया कि शोध से पता चला कि आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज कर बिना डायलिसिस मरीज को ठीक किया जा सकता है.

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टूड़ियागंज आयुर्वेद कॉलेज की ओपीडी में सबसे ज्यादा (हर दिन 80-90) पेट की समस्या से संबंधित मरीज आते हैं. जिसमें सबसे ज्यादा फैटी लिवर और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) की समस्या से पीड़ित होते हैं. यहां से दवाएं लेने के बाद मरीजों को काफी राहत मिलती है. डॉ. शरद जौहरी ने बताया कि फैटी लिवर के मरीज कितने समय में ठीक होंगे यह बीमारी के ग्रेड पर निर्भर है. जैसे कुछ लोगों को एल्कोहलिक फैटी लिवर होता है. कुछ लोगों को बाहर के खाने-पीने से हो जाता है. कुछ को ज्यादा वजन से भी फैटी लिवर की समस्या हो जाती है. ग्रेड 2 और ग्रेड 3 फैटी लिवर वालों को छह माह में आयुर्वेद दवाओं से आराम मिल जाता है.

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लखनऊ: किडनी के गंभीर मरीजों को आयुर्वेद की मदद से बिना डायलिसिस ठीक किया जा सकता है. आयुर्वेद कॉलेज के डॉक्टरों की शोध में यह बात सामने आई है. डॉक्टरों की टीम ने 26 मरीजों पर छह माह तक शोध किया है. इसमें ऐसे मरीजों को शामिल किया गया, जिन्हें डायलिसिस पर रखा गया हो या यूरीन क्रेटनिन बढ़ा था. इसके परिणाम काफी अच्छे आए है. इस शोध को इंटरनेशनल जर्नल बुक में भी प्रकाशित किया जा चुका है.

डॉ. शरद के अनुसार अधिक उम्र के बीपी, डायबिटिज पीड़ितों के साथ ऐसे मरीजों को शोध में शामिल किया गया था, जिनके परिवार में किडनी की बीमारी रही हो. छह माह तक आयुर्वेदिक पद्धति के इलाज से मरीजों को काफी राहत मिली है. सबसे बड़ी बात यह है, कि इससे किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट नहीं होता है. डॉ. शशि ने बताया कि शोध से पता चला कि आयुर्वेदिक पद्धति से इलाज कर बिना डायलिसिस मरीज को ठीक किया जा सकता है.

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टूड़ियागंज आयुर्वेद कॉलेज की ओपीडी में सबसे ज्यादा (हर दिन 80-90) पेट की समस्या से संबंधित मरीज आते हैं. जिसमें सबसे ज्यादा फैटी लिवर और इरिटेबल बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) की समस्या से पीड़ित होते हैं. यहां से दवाएं लेने के बाद मरीजों को काफी राहत मिलती है. डॉ. शरद जौहरी ने बताया कि फैटी लिवर के मरीज कितने समय में ठीक होंगे यह बीमारी के ग्रेड पर निर्भर है. जैसे कुछ लोगों को एल्कोहलिक फैटी लिवर होता है. कुछ लोगों को बाहर के खाने-पीने से हो जाता है. कुछ को ज्यादा वजन से भी फैटी लिवर की समस्या हो जाती है. ग्रेड 2 और ग्रेड 3 फैटी लिवर वालों को छह माह में आयुर्वेद दवाओं से आराम मिल जाता है.

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