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अयोध्या राम मंदिर; जून तक बन जाएगा शिखर, 11 लेयर तैयार, आचार्यों के नामों से जाने जाएंगे परिसर के 4 मुख्य द्वार - AYODHYA RAM TEMPLE

भक्तों के आचमन के लिए बनाई जा रही पुष्करणी, परकोटे के अंदर के 6 मंदिरों के लिए जयपुर में तैयार हो रहीं मूर्तियां.

तेजी से चल रहा राम मंदिर का निर्माण.
तेजी से चल रहा राम मंदिर का निर्माण. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 17 hours ago

अयोध्या : राम जन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन 4 मुख्य द्वार को सनातन धर्म के आचार्यों के नाम से पहचाना जाएगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने साधु-संतों के साथ इस पर मंथन शुरू कर दिया है. वहीं राम मंदिर का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है. भूतल की फिनिशिंग का काम अंतिम चरण में है. मूर्तियां भी तेजी से बन रहीं हैं. उनकी वाटर प्रूफिंग का काम चल रहा है. मंडपों में भी लगी मूर्तियों की फिनिशिंग चल रही है. ग्राउंड फ्लोर पर काम शुरू कर दिया गया है. प्रथम तल व द्वितीय तल की मूर्तियों की भी वाटर प्रूफिंग की जाएगी.

निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि राम मंदिर के 4 द्वार का निर्माण किया जा रहा है. ट्रस्ट से निवेदन किया गया है कि सभी मुख्य द्वारों के नाम तय किए जाएं. इसमें उन साधु-संतों के नाम हो, जो हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. जनवरी माह में पड़ रहे प्रतिष्ठा द्वादशी और महाकुंभ में आने श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण मंदिर के निर्माण कार्य प्रभावित न हों, इसके लिए इन कार्यों को निर्धारित समय में किया जाएगा.

परकोटे के निर्माण की प्रगति बेहतर : इसी के अनुरूप सभी निर्माण कार्यों की समय सीमा तय की गई है. नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि पहले दिन प्रारंभिक निरीक्षण किया गया है. इसमें तय किया गया कि समीक्षा के बाद सभी निर्माण कार्यों की एक अनुमानित तिथि तय हो. परकोटे में देखा गया है कि 8 लाख 40 हजार क्यूबिक फीट पत्थरों का उपयोग किया जाना है. इसमें 3 लाख क्यूबिक फीट पत्थर शेष रह गया है. यह प्रगति पहले से अच्छी है.

जयपुर से लाई जाएंगी मूर्तियां : निर्माण समिति के अध्यक्ष ने बताया कि हम जून 2025 तक 800 मीटर परकोटे के कार्य को पूर्ण कर लेंगे. इसमें 6 मंदिर भी हैं. अन्य निर्माण कार्य भी अपने गति से चल रहा है. इनमें लगने वाली मूर्तियों का निर्माण भी तेज गति से चल रहा है. जनवरी के प्रथम सप्ताह में मूर्तियों का निरीक्षण करने के लिए जयपुर जाएंगे. जैसे-जैसे यहां मंदिरों का निर्माण पूरो होता जाएगा. वैसे-वैसे वहां से मूर्तियों को लाने का काम भी किया जाएगा.

ध्वज दंड लगाने का काम जल्द होगा : राममंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि भूतल की फिनिशिंग का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है. मूर्तियां बनकर तैयार हैं. उसकी वाटर प्रूफिंग का काम चल रहा है. शिखर की 11 लेयर पूरी हो गई है. जून तक शिखर निर्माण का काम पूरा हो जाएगा. परिसर में ध्वज दंड बनकर आ गए हैं. जल्द ही इन्हें लगाया जाएगा. ध्वज दंड के साथ ही साथ तड़ित चालक भी लगाया जाएगा. ये आकाशीय आबिजली से सुरक्षा करेंगे. तड़ित चालक सभी मंडपों में भी लगेंगे. परकोटे के मंदिरों में भी लगेंगे. अर्थिंग आदि का काम कंपनी ने प्रारंभ कर दिया है.

प्राण प्रतिष्ठा वर्षगांठ समारोह के लिए तय होंगे अतिथियों के नाम : बताया कि सप्तमंडपम का निर्माण कार्य 70 फीसद पूरा हो गया है. फरवरी के अंत तक पत्थर का काम पूरा हो जाएगा. इसके बाद इसकी फिनिशिंग का काम मार्च तक पूरा हो जाएगा. सप्तमंडपम के मध्य में पुष्करणी बनाया जाएगा. इस समय रोजाना एक लाख श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं. आने वाले समय में महाकुंभ के दौरान भीड़ बढ़ेगी. प्राण प्रतिष्ठा द्वादशी में आने वाले अतिथियों के नामों पर विचार चल रहा है. 12:20 बजे प्राण प्रतिष्ठा हुई थी. उस दौरान महाआरती होगी. महाभिषेक करीब एक घंटे का होगा.

यह भी पढ़ें : रामलला प्राण प्रतिष्ठा वर्षगांठ; भक्तों में उत्साह, दिल्ली-बेंगलुरु के अलावा विदेश से भी मंगाए जा रहे फूल

अयोध्या : राम जन्मभूमि परिसर में निर्माणाधीन 4 मुख्य द्वार को सनातन धर्म के आचार्यों के नाम से पहचाना जाएगा. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने साधु-संतों के साथ इस पर मंथन शुरू कर दिया है. वहीं राम मंदिर का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रहा है. भूतल की फिनिशिंग का काम अंतिम चरण में है. मूर्तियां भी तेजी से बन रहीं हैं. उनकी वाटर प्रूफिंग का काम चल रहा है. मंडपों में भी लगी मूर्तियों की फिनिशिंग चल रही है. ग्राउंड फ्लोर पर काम शुरू कर दिया गया है. प्रथम तल व द्वितीय तल की मूर्तियों की भी वाटर प्रूफिंग की जाएगी.

निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि राम मंदिर के 4 द्वार का निर्माण किया जा रहा है. ट्रस्ट से निवेदन किया गया है कि सभी मुख्य द्वारों के नाम तय किए जाएं. इसमें उन साधु-संतों के नाम हो, जो हमारे लिए बहुत ही महत्वपूर्ण हैं. जनवरी माह में पड़ रहे प्रतिष्ठा द्वादशी और महाकुंभ में आने श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण मंदिर के निर्माण कार्य प्रभावित न हों, इसके लिए इन कार्यों को निर्धारित समय में किया जाएगा.

परकोटे के निर्माण की प्रगति बेहतर : इसी के अनुरूप सभी निर्माण कार्यों की समय सीमा तय की गई है. नृपेंद्र मिश्र ने बताया कि पहले दिन प्रारंभिक निरीक्षण किया गया है. इसमें तय किया गया कि समीक्षा के बाद सभी निर्माण कार्यों की एक अनुमानित तिथि तय हो. परकोटे में देखा गया है कि 8 लाख 40 हजार क्यूबिक फीट पत्थरों का उपयोग किया जाना है. इसमें 3 लाख क्यूबिक फीट पत्थर शेष रह गया है. यह प्रगति पहले से अच्छी है.

जयपुर से लाई जाएंगी मूर्तियां : निर्माण समिति के अध्यक्ष ने बताया कि हम जून 2025 तक 800 मीटर परकोटे के कार्य को पूर्ण कर लेंगे. इसमें 6 मंदिर भी हैं. अन्य निर्माण कार्य भी अपने गति से चल रहा है. इनमें लगने वाली मूर्तियों का निर्माण भी तेज गति से चल रहा है. जनवरी के प्रथम सप्ताह में मूर्तियों का निरीक्षण करने के लिए जयपुर जाएंगे. जैसे-जैसे यहां मंदिरों का निर्माण पूरो होता जाएगा. वैसे-वैसे वहां से मूर्तियों को लाने का काम भी किया जाएगा.

ध्वज दंड लगाने का काम जल्द होगा : राममंदिर के ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र ने बताया कि भूतल की फिनिशिंग का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है. मूर्तियां बनकर तैयार हैं. उसकी वाटर प्रूफिंग का काम चल रहा है. शिखर की 11 लेयर पूरी हो गई है. जून तक शिखर निर्माण का काम पूरा हो जाएगा. परिसर में ध्वज दंड बनकर आ गए हैं. जल्द ही इन्हें लगाया जाएगा. ध्वज दंड के साथ ही साथ तड़ित चालक भी लगाया जाएगा. ये आकाशीय आबिजली से सुरक्षा करेंगे. तड़ित चालक सभी मंडपों में भी लगेंगे. परकोटे के मंदिरों में भी लगेंगे. अर्थिंग आदि का काम कंपनी ने प्रारंभ कर दिया है.

प्राण प्रतिष्ठा वर्षगांठ समारोह के लिए तय होंगे अतिथियों के नाम : बताया कि सप्तमंडपम का निर्माण कार्य 70 फीसद पूरा हो गया है. फरवरी के अंत तक पत्थर का काम पूरा हो जाएगा. इसके बाद इसकी फिनिशिंग का काम मार्च तक पूरा हो जाएगा. सप्तमंडपम के मध्य में पुष्करणी बनाया जाएगा. इस समय रोजाना एक लाख श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं. आने वाले समय में महाकुंभ के दौरान भीड़ बढ़ेगी. प्राण प्रतिष्ठा द्वादशी में आने वाले अतिथियों के नामों पर विचार चल रहा है. 12:20 बजे प्राण प्रतिष्ठा हुई थी. उस दौरान महाआरती होगी. महाभिषेक करीब एक घंटे का होगा.

यह भी पढ़ें : रामलला प्राण प्रतिष्ठा वर्षगांठ; भक्तों में उत्साह, दिल्ली-बेंगलुरु के अलावा विदेश से भी मंगाए जा रहे फूल

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