अयोध्या : रामनगरी में श्री राम जन्मभूमि मंदिर का शिखर अपने निर्धारित समय अवधि दिसंबर तक पूरा नहीं हो पाएगा. इसका कार्य तीन माह पीछे चल रहा है. मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने इसके पीछे की वजह भी बताई. कहा कि भीषण गर्मी के कारण निर्माण एजेंसी एलएंडटी के श्रमिक वापस काम पर आने को तैयार नहीं हैं. लिहाजा इस कार्य में रुकावट आ गई है.
राम मंदिर निर्माण समिति की दो दिवसीय बैठक के दूसरे दिन सोमवार को मंदिर निर्माण के साथ परिसर में सभी मंदिरों के निर्माण पर मंथन किया गया. इस दौरान एलएंडटी के श्रमिकों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए. निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि मंदिर के शिखर का निर्माण दिसंबर 2024 तक पूरा किया जाना था. अब इसमें देरी होगी.
उन्होंने बताया कि अब यह काम फरवरी के अंत या फिर मार्च में पूरा हो पाएगा. उन्होंने इस देरी के लिए मौसम कौ जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि भीषण गर्मी के कारण निर्माण एजेंसी के श्रमिक अपने घर चले गए. इसकी वजह से उन्हें वापस बुलाने में मुश्किल हो रही है. लिहाजा दिसंबर तक अब किसी हाल में भी काम पूरा नहीं हो पाएगा.
उन्होंने कहा कि मंदिर के शिखर का कार्य तभी पूरा होगा, जब मंदिर के द्वितीय तल का निर्माण पूरा हो जाए. इसी गति के अनुसार अगर निर्माण किया गया तो मंदिर अपने लक्ष्य से 2 महीने विलंब तैयार होगा. लार्सन एंड टूब्रो (एलएंडटी) को निर्देश दिया गया है कि मंदिर निर्माण में लगे मजदूर की संख्या को बढ़ाएं, सबकंडक्टर बढ़ाएं, केवल एक या दो पर निर्भर न रहें.
उन्होंने बताया कि निर्माण की गति पिछले तीन महीने से धीमी चल रही है. बारिश का मौसम और भीषण गर्मी की वजह से मंदिर निर्माण में लगे कारीगर भी अपने घर चले गए. मंदिर निर्माण में जो भी गतिविधि की जाएगी, उसकी गुणवत्ता में कोई कमी नहीं की जाएगी. मंदिर निर्माण में लगे श्रमिकों की संख्या में बहुत बड़ी कमी है. अगर 200 से 300 श्रमिक जल्द से जल्द नहीं जुड़े तो हम दिसंबर में कार्य नहीं पूरा कर पाएंगे.
यह भी पढ़ें : केशव मौर्य फिर बोले- सरकार नहीं सगंठन जिताता है चुनाव, OBC मोर्चा की बैठक में CM योगी के आने से पहले निकल गए दोनों डिप्टी सीएम