भरतपुर : राजस्थान के भरतपुर शहर और उसके आसपास के क्षेत्रों के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित विकास प्राधिकरण का गठन आखिरकार मंजूर हो गया है. जयपुर में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में भरतपुर विकास प्राधिकरण (बीडीए) के गठन को हरी झंडी दी गई. इसके लिए भरतपुर विकास प्राधिकरण अध्यादेश-2024 लाया जाएगा. इस निर्णय के बाद भरतपुर नगर विकास न्यास (यूआईटी) का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा और बीडीए शहर के विकास का जिम्मा संभालेगा.
बीडीए की घोषणा के बाद भरतपुर के लोगों ने इसका स्वागत किया है. इस निर्णय से न केवल विकास की रफ्तार तेज होगी बल्कि भरतपुर स्मार्ट सिटी बनने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाएगा. : शैलेश कौशिक, प्रदेश प्रवक्ता, भाजपा
209 नए गांव होंगे शामिल : बीडीए में वर्तमान में नगर विकास न्यास के अंतर्गत आने वाले 53 गांवों के साथ 209 नए गांव शामिल होंगे. यह प्राधिकरण लगभग 20-22 किलोमीटर के क्षेत्र को कवर करेगा. इसमें सारस से ऊंचा नगला, भरतपुर से बाबूला, उच्चैन रोड पर सेवर से आगे और सौंख-गोवर्धन रोड पर टोंटपुर तक के इलाके शामिल होंगे.
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विकास को मिलेगा नया आयाम : बीडीए बनने के बाद भरतपुर को एक हजार करोड़ रुपए तक का वार्षिक बजट मिलने की उम्मीद है, जो वर्तमान यूआईटी के 200 करोड़ रुपए के बजट से कई गुना अधिक है. इससे न केवल शहर का तेजी से विकास होगा बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. आवासीय और व्यापारिक क्षेत्रों के विस्तार से भरतपुर के स्मार्ट सिटी बनने का सपना साकार होने की उम्मीद है.
बीडीए में होंगे ये पद : भरतपुर विकास प्राधिकरण में कई महत्वपूर्ण पद स्वीकृत किए जाएंगे. इनमें कमिश्नर, सचिव, दो डिप्टी कमिश्नर, भूमि अवाप्ति अधिकारी, तहसीलदार, पटवारी, चीफ इंजीनियर, 30 जेईएन, सात लेखाधिकारी, लीगल डायरेक्टर, टाउन प्लानर और पुलिस बल के पद शामिल हैं. इन नियुक्तियों से प्राधिकरण को मजबूती मिलेगी और शहर के विकास की योजनाओं को तेजी से लागू किया जा सकेगा.
सीएम की पहल ने बदली तस्वीर : भरतपुर विकास प्राधिकरण के गठन का श्रेय मुख्यमंत्री को दिया जा रहा है, जिनकी पहल से यह संभव हुआ. वर्तमान में नगर निगम और नगर विकास न्यास को अक्सर बजट की कमी का सामना करना पड़ता है. बीडीए के गठन से न केवल भरतपुर शहर बल्कि आसपास के गांवों और कॉलोनियों का भी व्यवस्थित विकास सुनिश्चित होगा.