रायपुर : छत्तीसगढ़ राज्य का गठन साल 2000 में हुआ था. प्रदेश में 11 लोकसभा सीटें हैं. राज्य गठन के बाद से अब तक चार बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. लेकिन इन चारों लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 11 में से अधिकतम 2 सीट ही हासिल कर सकी है. आलम यह है कि 11 लोकसभा सीटों में से 6 लोकसभा सीटें ऐसी है.जहां बीजेपी को कभी हार नहीं मिली.यानी इन सीटों पर कांग्रेस लगातार हारते आ रही है. वहीं कोरबा लोकसभा सीट ऐसी है जहां कांग्रेस कभी हारती है तो कभी जीतती है.
कांग्रेस किसे देगी टिकट ? : इस बार कांग्रेस ने नई रणनीति के तहत लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी की है. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज के मुताबिक कि लोकसभा चुनाव की रणनीति के लिए जल्द बैठक बुलाई जाएगी. यह बैठक दिल्ली में होगी. जिसमें लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति तैयार होगी. साथ ही इस लोकसभा चुनाव में युवा चेहरों को मौका मिलेगा. चुनाव में कुछ पुराने अनुभवी लोगों को भी टिकट मिलेगी.
''साल 2018 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. लेकिन उसके कुछ महीने बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस बुरी तरह से हारी. इस बार फिर बीजेपी ने सत्ता हासिल की है. लोकसभा चुनाव आने वाला है, ऐसे में पिछली स्थिति दोबारा रिपीट हो, इससे इनकार नहीं किया जा सकता यदि ऐसा हुआ तो यह चौकाने वाला परिणाम होगा.'' उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार
कांग्रेस के सामने मुसीबत : उचित शर्मा के मुताबिक बीजेपी लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है. वहीं कांग्रेस चुनाव की तैयारी में बिखरती और पिछड़ती नजर आ रही है. फिर भी कांग्रेस का वोट परसेंट बढ़ सकता है.लेकिन आखिर में उम्मीदवार ही जीत और हार को तय करेंगे. अब देखना होगा कि कांग्रेस पुराने और घिसे पीटे चेहरों को उतारती है,या नए चेहरों पर दांव खेलती है.
कांग्रेस का लोकसभा में प्रदर्शन : साल 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में महासमुंद से कांग्रेस उम्मीदवार अजीत जोगी और राजनांदगांव से देवव्रत सिंह ने जीत हासिल की और सांसद बने. वहीं साल 2009 में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ चरणदास महंत ने कोरबा लोकसभा सीट से जीत हासिल. इसके बाद साल 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में दुर्ग लोकसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी ताम्रध्वज साहू जीते. 2019 में कांग्रेस ने एक बार फिर दो सीटों पर कब्जा किया. जिसमें बस्तर से दीपक बैज और कोरबा से ज्योत्सना महंत चुनाव जीतकर संसद पहुंचे.