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यूपी में प्राधिकरण की पुरानी और जर्जर इमारतों का हो सकेगा रिडेवलपेमेंट, VDA ने शासन को भेजा प्रस्ताव - VARANASI DEVELOPMENT AUTHORITY

वाराणसी विकास प्राधिकरण की इस पॉलिसी से पब्लिक को होगा बड़ा फायदा, प्रदेश के अन्य प्राधिकरणों के लिए भी खुल जायेगा रिडेवलपमेंट का रास्ता

वाराणसी विकास प्राधिकरण ने तैयार की रिडेवलपेंट पॉलिसी.
वाराणसी विकास प्राधिकरण ने तैयार की रिडेवलपेंट पॉलिसी. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 3 hours ago

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में मौजूद प्राधिकरण पब्लिक के हित में कई प्लान तैयार करते हैं. लेकिन अपनी प्रॉपर्टी को रीडिवेलप नहीं कर पाए, क्योंकि इसके लिए कोई पॉलिसी है ही नहीं. यही वजह है कि 50 साल या उससे भी ज्यादा पुरानी प्राधिकरण की कमर्शियल या रेजिडेंशियल इमारतों का डेवलेपमेंट नहीं हो पा रहा था. लेकिन फिर से डेवलप करने के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण ने ड्राफ्ट तैयार कर शासन स्तर पर मंजूरी के लिए भेजा था, जिसे जल्द ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद है.

बड़े शहरों को होगा फायदाः शासन स्तर से इस प्लान को मंजूरी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, गोरखपुर, आगरा समेत अन्य बड़े जिलों में मौजूद प्राधिकरण की पुरानी इमारत के फ्री डेवलपमेंट का रास्ता साफ हो जाएगा. जिससे न सिर्फ डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा बल्कि इन शहरों में रहने वाले लोगों को भी बड़ा लाभ मिल जाएगा.

वाराणसी विकास प्राधिकरण के वीसी पुलकित गर्ग ने दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)

अभी तक नहीं रिडेवलेप करने का प्लानः वाराणसी विकास प्राधिकरण के वीसी पुलकित गर्ग ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य में कई पुरानी और जीर्ण-शीर्ण सार्वजनिक एवं निजी आवासीय और बिल्डिंग हैं. हर शहर में वहां के प्राधिकरण के द्वारा कई साल पहले रेजिडेंशियल और कमर्शियल ऐसी बिल्डिंग बनाई गई है, जिनको अब रिडेवलप करने की जरूरत है. यह बिल्डिंग बहुत बड़े एरिया में है, लेकिन इनमें जगह कम है या कम फ्लोर की है. इनको रिडेवलप करने का कोई प्लान भी नहीं है. इसलिए विकास प्राधिकरण की तरफ से शासन को एक ड्राफ्ट तैयार करके भेजा गया था ताकि इनकी मरम्मत भी हो सके. क्योंकि अबतक कोई पॉलिसी न होने के कारण पुरानी इमरात की मरम्मत भी नहीं की जा सकती है.

पुनर्विकास ही एक मात्र समाधानः पुलकित गर्ग का कहना है कि जब ऐसी कोई प्लानिंग है ही नहीं, जिससे पुरानी बिल्डिंगों की मरम्मत हो तो पुनर्विकास ही एक मात्र समाधान बचता है. इस उद्देश्य से वाराणसी विकास प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश ड्राफ्ट रीडेवलपमेंट पॉलिसी 2024 तैयार कर शासन को भेजा था. शासन स्तर पर इस पॉलिसी का प्रस्तुतीकरण भी किया गया है. उत्तर प्रदेश शासन ने पुर्नविकास की आवश्यकता का संज्ञान लेते हुये प्रदेश में री-डेपलपमेन्ट (पुर्नविकास) पॉलिसी तैयार किये जाने के लिए सचिव, आवास एवं शहरी नियोजन की अध्यक्षता में समिति का गठन भी किया है. इस समिति की पहली बैठक भी 6 दिसम्बर को हो चुकी है.

वाराणसी में इस पॉलिसी से होगा बहुत लाभः वीडीए वीसी का कहना है कि पुर्नविकास पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य शहर में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में मौजूद भवनों को उनके अधिकतम उपयोग के मुताबिक पूर्ण एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) एवं अन्य मानको का सर्वोत्तम उपयोग किया जा सकेगा. नई पॉलिसी के तहत शहर के मूलभूत सुविधाओं, सार्वजनिक सुविधाओं, निम्न आय वर्गों के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. रिडेवलपमेन्ट के माध्यम से बेहतर और एडवांस सुविधा के साथ नए व्यवसाय के विकल्प भी डेवलप किये जा सकेगें. साथ ही शहर का स्वरूप भी उच्च स्तर का हो सकेगा. इस पॉलिसी के जरिये न केवल सरकारी विभाग, बल्कि सोसाइटी, बिल्डर्स के माध्यमों से भी री-डेवलपमेन्ट किया जा सकेगा. यह पॉलिसी जॉइंट भू-स्वामित्व वाली सम्पतियों को सीधे तौर पर फायदा देंगी. पुर्नविकास के टाइम पीरियड में वहां रहने वाले लोगों को एक वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराने के प्राविधान किये गये हैं. साथ ही अन्य कई इनसेंटिव दिये जाने पर भी प्लान तैयार है. शासन स्तर पर पॉलिसी को बहुत जल्द मंजूरी मिल जाएगी.

इसे भी पढ़ें-मोदी के बनारस की एक तस्वीर ऐसी भी; 20 साल में नहीं बना तो गांववाले चंदा करके बनाने लगे वरुणा नदी पर पुल

वाराणसी: उत्तर प्रदेश के बड़े शहरों में मौजूद प्राधिकरण पब्लिक के हित में कई प्लान तैयार करते हैं. लेकिन अपनी प्रॉपर्टी को रीडिवेलप नहीं कर पाए, क्योंकि इसके लिए कोई पॉलिसी है ही नहीं. यही वजह है कि 50 साल या उससे भी ज्यादा पुरानी प्राधिकरण की कमर्शियल या रेजिडेंशियल इमारतों का डेवलेपमेंट नहीं हो पा रहा था. लेकिन फिर से डेवलप करने के लिए वाराणसी विकास प्राधिकरण ने ड्राफ्ट तैयार कर शासन स्तर पर मंजूरी के लिए भेजा था, जिसे जल्द ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद है.

बड़े शहरों को होगा फायदाः शासन स्तर से इस प्लान को मंजूरी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश के वाराणसी, लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, गोरखपुर, आगरा समेत अन्य बड़े जिलों में मौजूद प्राधिकरण की पुरानी इमारत के फ्री डेवलपमेंट का रास्ता साफ हो जाएगा. जिससे न सिर्फ डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा बल्कि इन शहरों में रहने वाले लोगों को भी बड़ा लाभ मिल जाएगा.

वाराणसी विकास प्राधिकरण के वीसी पुलकित गर्ग ने दी जानकारी. (Video Credit; ETV Bharat)

अभी तक नहीं रिडेवलेप करने का प्लानः वाराणसी विकास प्राधिकरण के वीसी पुलकित गर्ग ने बताया कि उत्तर प्रदेश राज्य में कई पुरानी और जीर्ण-शीर्ण सार्वजनिक एवं निजी आवासीय और बिल्डिंग हैं. हर शहर में वहां के प्राधिकरण के द्वारा कई साल पहले रेजिडेंशियल और कमर्शियल ऐसी बिल्डिंग बनाई गई है, जिनको अब रिडेवलप करने की जरूरत है. यह बिल्डिंग बहुत बड़े एरिया में है, लेकिन इनमें जगह कम है या कम फ्लोर की है. इनको रिडेवलप करने का कोई प्लान भी नहीं है. इसलिए विकास प्राधिकरण की तरफ से शासन को एक ड्राफ्ट तैयार करके भेजा गया था ताकि इनकी मरम्मत भी हो सके. क्योंकि अबतक कोई पॉलिसी न होने के कारण पुरानी इमरात की मरम्मत भी नहीं की जा सकती है.

पुनर्विकास ही एक मात्र समाधानः पुलकित गर्ग का कहना है कि जब ऐसी कोई प्लानिंग है ही नहीं, जिससे पुरानी बिल्डिंगों की मरम्मत हो तो पुनर्विकास ही एक मात्र समाधान बचता है. इस उद्देश्य से वाराणसी विकास प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश ड्राफ्ट रीडेवलपमेंट पॉलिसी 2024 तैयार कर शासन को भेजा था. शासन स्तर पर इस पॉलिसी का प्रस्तुतीकरण भी किया गया है. उत्तर प्रदेश शासन ने पुर्नविकास की आवश्यकता का संज्ञान लेते हुये प्रदेश में री-डेपलपमेन्ट (पुर्नविकास) पॉलिसी तैयार किये जाने के लिए सचिव, आवास एवं शहरी नियोजन की अध्यक्षता में समिति का गठन भी किया है. इस समिति की पहली बैठक भी 6 दिसम्बर को हो चुकी है.

वाराणसी में इस पॉलिसी से होगा बहुत लाभः वीडीए वीसी का कहना है कि पुर्नविकास पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य शहर में जीर्ण-शीर्ण अवस्था में मौजूद भवनों को उनके अधिकतम उपयोग के मुताबिक पूर्ण एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) एवं अन्य मानको का सर्वोत्तम उपयोग किया जा सकेगा. नई पॉलिसी के तहत शहर के मूलभूत सुविधाओं, सार्वजनिक सुविधाओं, निम्न आय वर्गों के लिए आवासीय सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. रिडेवलपमेन्ट के माध्यम से बेहतर और एडवांस सुविधा के साथ नए व्यवसाय के विकल्प भी डेवलप किये जा सकेगें. साथ ही शहर का स्वरूप भी उच्च स्तर का हो सकेगा. इस पॉलिसी के जरिये न केवल सरकारी विभाग, बल्कि सोसाइटी, बिल्डर्स के माध्यमों से भी री-डेवलपमेन्ट किया जा सकेगा. यह पॉलिसी जॉइंट भू-स्वामित्व वाली सम्पतियों को सीधे तौर पर फायदा देंगी. पुर्नविकास के टाइम पीरियड में वहां रहने वाले लोगों को एक वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराने के प्राविधान किये गये हैं. साथ ही अन्य कई इनसेंटिव दिये जाने पर भी प्लान तैयार है. शासन स्तर पर पॉलिसी को बहुत जल्द मंजूरी मिल जाएगी.

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