श्रीनगर: राजकीय बेस अस्पताल में ढाई माह बाद शुरू हुई डायलिसिस यूनिट में डायलिसिस करा रहे मरीज की तबीयत अचानक खराब हो गई. मरीज को आनन-फानन में आईसीयू में भर्ती करना पड़ा. जिसके बाद डायलिसिस के लिए आए अन्य मरीजों व तीमारदारों ने यूनिट के बाहर बैठकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. बताया जा रहा है कि यूनिट शुरू होने पर स्वास्थ्य मंत्री भी यहां पहुंचने वाले थे, लेकिन यूनिट में आ रही दिक्कतों को देखते हुए कार्यक्रम रद्द किया गया.
गौर हो कि 29 अगस्त को बेस अस्पताल प्रशासन की ओर से सूचना जारी की गई थी कि यूनिट में लगी मशीनों का रूटीन मेंटेनेंस के तहत तीन दिन तक डायलिसिस सुविधा स्थगित रहेगी. लेकिन डायलिसिस यूनिट की मशीनों व आरओ प्लांट की तकनीकी दिक्कतों को दूर करने में बेस अस्पताल को ढाई माह का समय लग गया. इस बीच तीन बार आरओ प्लांट की रिपोर्ट दिल्ली भेजी गई. बीते दिन डायलिसिस मरीजों द्वारा जल्द सेवा सुचारू करने की मांग की गई थी.
अस्पताल प्रशासन द्वारा शुक्रवार से डायलिसिस सेवा शुरू करने की बात कही गई. शुक्रवार को जब मरीज यहां डायलिसिस कराने पहुंचे तो डायलिसिस कराने वाले पहले मरीज कीर्तिनगर विकासखंड के बीर सिंह राणा की तबीयत बिगड़ गई. धरने पर बैठे शैलेश मलासी ने बताया कि चार घंटे की डायलिसिस में आधे घंटे बाद ही मरीज को दिक्कत आने लगी व आईसीयू में भर्ती करना पड़ा. इसके बाद अन्य मरीज व तीमारदार यूनिट के बाहर ही धरना प्रदर्शन पर बैठ गए.
यहां अस्पताल प्रशासन की कार्यशैली के खिलाफ मरीजों ने जमकर आक्रोश व्यक्त किया. इस दौरान आक्रोशित लोगों ने कुछ कर्मचारियों को यूनिट के अंदर ही बंद कर दिया, जिसमें से एक कर्मचारी को छोड़ बाकी अन्य पीछे के रास्ते से निकल गये. जिसके बाद चिकित्सा अधीक्षक ने मरीजों व तीमारदारों से वार्ता की व जल्द समस्या का समाधान निकालने का आश्वासन दिया गया. लेकिन लोग मेडिसिन इंचार्ज को बैठक में आने की बात पर अड़े रहे. वहीं कई देर दोनों पक्षों में वार्ता चलती रही.
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