धमतरी: आप यदि सभ्य समाज के बीच में रहते हैं तो शायद ही कभी पुलिस थाने के चक्कर काटने की सोचते होंगे.वो भी तब जब आपका कोई अपना किसी पुलिस केस में फंस जाए.कोई भी नहीं चाहता कि पुलिस उनके घर आए या उनके परिवार के किसी भी सदस्य को पुलिस वाले परेशान करें.यानी पुलिस का खौफ हर किसी के मन में रहता ही.इसी खौफ का फायदा कुछ ठग उठा रहे हैं.इन ठगों ने अब लोगों को ठगने के लिए पुलिस का नाम लेना शुरु किया है.ये सभी पुलिस अफसर बनकर ऐसे लोगों के घर पर फोन कर रहे हैं,जिनके बच्चे घर से दूर रहकर पढ़ाई कर रहे हैं.हैरान करने वाली बात ये है कि ये डाटा ठगों के पास कैसे पहुंचा ये कोई नहीं जानता.
क्यों आ रहे हैं कॉल : छत्तीसगढ़ में क्राइम रोकने पुलिस लगातार प्रयास कर रही है. बीच बीच में बड़े पुलिस अधिकारी भी एसपी समेत थाना प्रभारियों की आवश्यक बैठक लेकर अपराध और अपराधियों पर कार्रवाई करने के निर्देश देते हैं. लेकिन अब ठगों ने पुलिसकर्मियों के नाम पर लोगों को ठगने का नया धंधा शुरु किया है.धमतरी जिले में ऐसे कॉल करने वालों की लाइन लग गई है. ठग खुद को एसपी, डीएसपी और टीआई बताकर ठगी की कोशिश कर रहे हैं. एक सप्ताह के भीतर धमतरी शहर के 8 से 10 लोगो को ऐसे कॉल आए हैं जिनमें ठगों ने खुद को एसपी बताकर कहा कि आपका बेटा अंदर हो गया है, उसे छुड़ाने तत्काल पैसे भेजो.
शहर से बाहर रह रहे बच्चों के परिवार टारगेट: जिनके बच्चे बाहर पढ़ाई, जॉब या अन्य कारण से रह रहे है वे लोग ही ठगों के निशाने पर हैं. अब लोग इस बात को लेकर परेशान है कि उनके परिवार की जानकारी ठगों को कैसे लगी. जागरुकता के कारण अब तक कोई भी परिवार ठगी का शिकार तो नहीं हुआ पर लेकिन जिस तरह से लगातार ये लोग कॉल कर रहे हैं,उससे ये अंदाजा लगाया जा रहा है कि ये गिरोह कई लोगों को अब तक फांस चुका है.
व्यापारियों ने पुलिस से की शिकायत : छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के जिलाध्यक्ष महेश जसूजा ने बताया कि व्यापारियों के पास ठगी का लगातार कॉल आता है. पिछले सप्ताह से नया ट्रेंड चल रहा जिनके बच्चे बाहर हैं उन्हें एसपी के नाम पर डराकर पैसों की डिमांड की जा रही है. आईए आपको बताते हें अब तक कितने लोगों को कॉल आए हैं.
केस नंबर 1 - टाइल्स व्यापारी सुनील साहेब के मोबाइल पर नये नंबर से कॉल आया. सामने वाले ने खुद को एसपी बताते हुए कहा कि आपकी बेटी पार्क में लड़के के साथ पकड़ी गई है, उसे थाने में बैठाकर रखा गया है. यदि बगैर कार्रवाई के तत्काल छुड़ाना चाहते हो तो रुपए भेजना पड़ेगा. ठग का कॉल आने के दो मिनट पहले ही सुनील ने बेटी से बात की थी इसलिए उसे माजरा समझते समय नहीं लगा, उससे ठग के झांसे में आने की बजाए उसे जमकर लताड़ लगाई है.
केस नंबर 2 - ठगों ने शहर के सॉ मिल संचालक आशीष दीक्षित को भी ठगने का प्रयास किया. कॉल करके कहा कि आप वेदांत दीक्षित के पिता बोल रहे हैं, क्या इस समय वेदांत कहां है आपको पता है क्या? पुलिस लाइन से एसएसपी बोलने का हवाला देकर आशीष दीक्षित से बेटे के संबंध में और जानकारी पूछने का प्रयास किया गया. इसके पहले की डराकर ठग पैसे ऐंठने का प्रयास करते हुए आशीष ने कड़े अंदाज में उल्टा उनसे सवाल किया तो ठगों ने कॉल काट दी.
केस नंबर 3 - ठगों का कॉल मराठापारा वार्ड निवासी प्रदीप पांडे के पिता के पास आया. उससे कहा कि मैं एसपी बोल रहा हूं. आपका बेटा बाहर गया था. वह रेप के केस में फंस गया है. अगर उसे छुड़ाना चाहते हो तो तत्काल रुपए भेजिए. पिता ने तुरंत प्रदीप को कॉल किया लेकिन इत्तेफाक ऐसा हुआ कि उस समय प्रदीप कॉल नहीं उठा पाया .जिससे उसके पिता घबरा गए. कुछ ही देर में प्रदीप ने पिता को रिटर्न कॉल किया. तब उसने जानकारी दी कि वह किसी केस में नहीं फंसा.ये कॉल किसी ठग ने किया है.
''पुलिस कभी भी इस तरह का कॉल नहीं करती है. इन भ्रामक कॉल से होने वाली ठगी से बचने लोगों को सचेत रहना चाहिए. चलित थाने के माध्यम से लोगों को साइबर फ्राड की लगातार जानकारी दी जा रही है. जल्द ही जन जागरुकता अभियान चलाया जाएगा. वहीं शहर के लोगों का व्हाट्सएप में ग्रुप बनाकर ठगी से बचने के लिए आवश्यक जानकारी भेजी जाएगी.'' आंजनेय वार्ष्णेय,एसपी
लेकिन हकीकत ये है कि पुलिस खुद ठगों से परेशान हो चुकी है. पहले सिटीजन एप में एफआईआर की कॉपी निकालकर ठगों ने लोगों को ठगने का प्रयास किया.अब इससे दो कदम आगे बढ़कर ठगों ने नए तरीके से जानकारी लेकर दूसरे शहर में जॉब और पढ़ाई कर रहे लोगों के घर पर कॉल कर रहे हैं. कॉल करने वालों को संबंधित परिवार के बारे में पूरी जानकारी रहती है,इसलिए लोगों को यही लगता है कि कहीं कॉल करने वाला एसपी तो नहीं.ऐसे में कोई भी अपने बच्चों को मुसीबत से निकालने के लिए ठगा जा सकता है.